उपायुक्त को पत्र लिखकर जांच की मांग
जमशेदपुर।07 अप्रैल( हि,स.)
जुबली पार्क स्थित जयंती सरोवर मे बड़े पैमाना पर मछलियों को मरने का मामला तुल पकड़ने लगा है । इस को मंत्री सरयु राय ने काफी गंभीरता लेते हुए उपायुक्त को पत्र लिखा है.। पत्र के माध्यम कहा गया है कि उपायुक्त इस मामले को गंभीरता लेते हुए तुरंत मत्सस्य पदाधिकारी को जांच के आदेश दे । मछली मारने पर टाटा स्टील के बयान पर उन्होने आपत्ती जताते कहा कि सरोवर जल मे आक्सीजन की मात्रा मे कमी होना मछलियों के मरने का कारण हो सकता है पर जल मे आक्सीजन कम होने का कारण केवल तापक्रम बढ़ जाना ही है ऐसा कहना तर्कसंगत नही है. विषय वस्तु की अतिसामान्य जानकारी रखने वाले मेरे जैसे व्यक्ति को कम्पनी के इस आकलन मे दम नही दिखाई दे रहा है. यह आकलन तर्कसंगत नही प्रतीत हो रहा है. इसमें व्यापकता का अभाव है. इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण नही कहा जा सकता. यह तर्क सच्चाई से दूर है.
उन्होने कहा कि जयंती सरोवर मे बड़ी संख्या मे मछलियों के मरने की परिस्थिति पैदा होने के अन्य कारणों पर भी विचार होना चाहिये जो निम्नांकित हैं :-
- सरोवर जल मे ऐसे तत्वों की मात्रा अधिक हो जाना जिनके कारण जल सतह पर तैलीय फ़िल्म बन जाती है जो मछलियों के गलफर के गिल पर जम जाता है.
- औद्योगिक एवं नगरीय क्षेत्रों से आकर सरोवर मे मिलने वाले छोटे-बड़े नालों के जल प्रवाह को सरोवर मे मिलने से पहले परिष्कृत नही किया जाना.
- सरोवर मे जैविक एवं वनस्पतीय प्लैंक्टन (पादप प्लावक) की क्षति हो जाना, जिसके कारण प्रकाश संस्लेशण की गति रुक जाती है और पानी मे अाक्सीजन घट जाता है.
- सरोवर मे मछलियों की संख्या काफ़ी अधिक हो जाना और तापक्रम बढ़ते ही उनका सरोवर के अपेक्षाकृत गहरे स्थान पर एकत्र हो
- सरोवर जल मे मछलियों के विविध भोज्य पदार्थों की कमी हो जाना और उन्हें पूरक आहार नही मिलना.
- अधिक गाद बैठ जाने के कारण बड़े क्षेत्रफल में सरोवर तल का उथला हो जाने .
- सरोवर तल मे बैठी पुरानी औद्योगिक एवं नगरीय तलछट से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होना.
- सरोवर के रख-रखाव मे मत्स्यपालन के तकनीकी पहलुओं का ध्यान नही रखा जाना.
- सरोवर मे मत्स्य प्रजातियों की विविधता कम हो जाने के प्रति सचेत नही रहना.
- अन्यान्य कारण जिन्हें विशेषज्ञ बता सकते हैं.
उन्होने साफ तौर पर कहा कि जिले के उपायुक्त अविलम्ब ज़िला मत्स्य पदाधिकारी से एक प्रतिवेदन माँगे और राज्य सरकार से एक बहुआयामी तकनीकी विशेषज्ञ टीम गठित कर मामले की जांच कराने का अनुरोध भेजें जो सरोवर का प्रबंधन करने के बारे मे उचित परामर्श दे। उन्होने कहा कि दो-तीन वर्ष पहले भी इस सरोवर मे मछलियाँ मरी थी. तब भी सरकार के स्तर से कई सुझाव आये थे. इन सुझावों पर अमल नही हुआ. तब कौये भी मरे थे. इस समय भी कौये मरने लगे हैं. स्वास्थ्य पर संकट के दृष्टिकोण से इस विषय मे सीर्थक हस्तक्षेप समय की माँग है।
गौरतलब है कि दो दिन से जुबली पार्क मे जयंती सरोबर काफी संख्या मे मछलिया की मौत हो रही है। इस मामले मे टाटा स्टील ने बयान जारी कर कहा था कि मे टाटा स्टील कम्पनी का मंतव्य छपा है जो आधिकारिक प्रतीत होता है. इसके अनुसार दिन मे तापक्रम बढ़ जाने और तेज़ हवा के साथ बारिस होने के कारण जल के विभिन्न सतहों के तापक्रम मे अंतर होने से सरोवर जल मे आक्सीजन की मात्रा का कम हो जाना असंख्य मछलियों के मरने का कारण है.।
हिन्दुस्तान समाचार/ रवि झा
Comments are closed.