जमशेदपुर-गुलामी के प्रतीक को मिटाकर ही देशभक्ति जगाई जा सकती है राज्यश्री चौधरी

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जमशेदपुर।

बजरंग सेवा संस्थान और पूर्व सैनिक सेवा परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित संपूर्ण सहित श्रद्धांजलि 26 11 के शौर्यमय कार्यक्रम का आगाज एग्री को मैदान में संध्या 3:30 बजे वीर रस के कवि सरदार बलविंदर सिंह की कविता के साथ हुआ जो कारगिल युद्ध के ऊपर लिखी गयी थी।
आज के कार्यक्रम का संचालन विश्वेश सिंह और वरुण कुमार ने किया ।
कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि सुश्री राज्यश्री चौधरी राष्ट्रीय सह संयोजिका भारत स्वाभिमान राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन, सूबेदार चमनलाल 324 फील्ड रेजिमेंट,पी शंकर अध्यक्ष पूर्व सैनिक सेवा परिषद,सागर तिवारी अध्यक्ष बजरंग सेवा संस्थान के साथ हुआ।
दीप प्रज्वलन के बाद स्वागत भाषण करते हुए बजरंग सेवा संस्थान के सागर तिवारी ने बताया कि राष्ट्र धर्म के हो सर्वोपरि मानकर आज के युवाओं में देशभक्ति को किस प्रकार जागृत किया जा सके इस का प्रयास करने की आवश्यकता है।

इसके बाद पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि सेना के दौरान या सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी हम अपने दायित्व का निर्वहन राष्ट्र और समाज की रचना में समर्पित करते रहेंगे ।

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विशिष्ट अतिथि सूबेदार चमनलाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों विशेषकर वर्तमान परिदृश्य में सीखने के लिए एक जोश और उमंग पैदा होता है जिसकी आज आवश्यकता है ।सेना में कैरियर बनाने के लिए ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाने चाहिए।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन से उपस्थित 800 से भी अधिक श्रोताओं को इतिहास के पन्ने उलट ने को कहा और बताया कि गुलामी के प्रतीक को मिटाए बिना देशभक्ति का भाव नहीं दिया जा सकता है। भ्रष्टाचार में भी अमूल बदलाव नहीं लाया जा सकता है। इसलिए हम सेना के सम्मान सैनिकों की शहादत आतंकवाद से ग्रसित नागरिकों का सम्मान करते हुए देश की पुरातन और सनातन संस्कृति को सुरक्षित करने हेतु एकजुट होकर सरकार के समक्ष खड़ा होने की आवश्यकता है ।
उन्होंने बताया कि किस तरह नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना कर ब्रिटिश काल में आजादी की लड़ाई बर्मा के रास्ते मोहे रंग तक पहुंचे और यूनियन जक को कर्नल शौकत अली के नेतृत्व में उखाड़ फेंका उन्होंने यह भी मांग की किसी देश की सेना भारतीय सेना की जगह भारतीय राष्ट्रीय सेना होनी चाहिए ।साथ ही उन्होंने मांग की कि कॉमन वेल्थ की सदस्यता से भारत को तुरंत बाहर निकलना चाहिए क्योंकि हम इससे वैश्विक दबाव में रहते हैं लगातार सीमा पर हो रहे आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए भारत सरकार को उन्होंने सुझाव दिए कि किसी भी प्रकार का समझौता किसी भी देश के साथ आर्थिक या रणनीतिक कल न किया जाए जब तक कि हमारी सेना के साथ छद्म आतंकवाद का नंगा नाच पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान खत्म न करें।
इसके बाद कार्यक्रम के विषय प्रवेश करते हुए वरुण कुमार ने कहा कि आज के युवाओं को यह समझना होगा कि देश की अस सम्मान की रक्षा तभी हो सकती है जब हम सब मिलकर एक स्वर से राष्ट्रभाव को स्वीकार कर सके।

इसी के तहत 2611 को सलमान की लड़ाई बताते हुए पाकिस्तान को घोष आ गया 70 वर्षों के आजाद भारत के सभी युद्धों की प्रदर्शनी भी बैनर के माध्यम से प्रदर्शित की गई जिस से उपस्थित लोगों ने विशेष रूप से उन्होंने खूब सराहा ।
1947 48 का जम्मू कश्मीर युद्ध 1961 का अग्रवाल लिबरेशन वार 1962 का भारत चीन युद्ध 1965 का पाकिस्तान युद्ध 1971 का बांग्लादेश युद्ध और 1999 का कारगिल वॉर इन सभी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए शहीदों के बारे में उनकी वीरता पदक, हादसे की जानकारी दी गई ।

मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने अपने करकमलों से शहर के शहीद कॉन्स्टेबल किशन कुमार दुबे की माता जोगमाया देवी कारगिल युद्ध के हवलदार माणिक वर्मा वीर नारी सुनीता शर्मा वीर नारी दुर्गावती देवी को सम्मानित किया भावपूर्ण अवसर पर सभी युद्धों के वीरों को पुष्पगुच्छ देकर स्मृति चिन्ह देकर पूरे मनोयोग से बजरंग सेवा संस्थान और पूर्व सैनिक सेवा परिषद के बैनर पर अतिथियों ने सम्मानित किया ।
जिन का सम्मान किया गया उनमें कारगिल युद्ध के तापस मजूमदार बिरजू कुमार विनय यादव सत्येंद्र सिंह कृष्ण मोहन सिंह 1971 युद्ध के बी एन पांडेय नीलकमल महतो जक लाल झा शंकर महतो सहित 19 वीरों को सम्मानित किया गया 1962 के राम लखन ठाकुर राम लखन ठाकुर राम विनय ठाकुर बलवंत सिंह उपस्थित थे

इसके बाद कार्यक्रम के अंत में भारत माता और वीर बजरंग बली की आरती की गई और ईश्वर से प्रार्थना की गई कि हमारे सैनिक सीमा पर सुरक्षित रहें ।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन किला भारती के प्रांत मंत्री राजीव कुमार ने किया इस अवसर पर उपस्थित थे राष्ट्रीय जनसंख्या महानगर प्रचारक सम्मी रॉय जी विश्व हिंदू परिषद के संजय कुमार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के श्री सोनू ठाकुर किला भारतीय सुभाष चंद्र शेखर अनूप सिंह साथी जी संगठनों ने सहयोग किया उन में n प्रमुख रूप से महिला जागरुक सेवा संघ जन सेवा सहयोग संघ व्यक्तित्व विकास संस्थान विधि संवाद सोच कर्तव्य सहित लगभग 25 संस्थानों के 800 कार्यकर्ता और दर्शक मैदान में उपस्थित थे

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