चाईबासा।
संवहनीय विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत टाटा स्टील अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दे रही है इसके साथ ही, कंपनी ने झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में नोआमुंडी और काटामाटी के गांवों में पेयजल की सुविधा प्रदान करने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया है। 2016-17 में, कंपनी ने नोआमुंडी और काटमाटी के आसपास के गांवों में सोलर पावर सिस्टम के माध्यम से नौ पेयजल प्रबंधन परियोजनाओं को अंजाम दिया, जो लगभग 600 घरों को लाभान्वित कर रही हैं।
नोआमुंडी के सरबिल गांव में तीन सौर विद्युत पेयजल परियोजनायें स्थापित की गयी हैं, जबकि इतरबलजोरी, कोटगढ़, भानगांव, जोजो कैंप और गीतिलोर गांव में एक-एक तथा काटामाटी के आनंद बाजार-सियालीजोड़ा में एक पेयजल परियोजना स्थापित की गयी है। इन गांवों में हैंडपंप और डीजल जेनरेटर संचालित पंप के स्थान पर सौर पंप लगाये गये हैं। इससे ग्रामीणों को पानी पम्पिंग के लिए बिजली पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, क्योंकि अक्षय ऊर्जा स्रोतों के इस्तेमाल से उन्हें पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
इन परियोजनाओं की उत्साहजनक प्रतिक्रिया के बारे में बात करते हुए ओएमक्यू, टाटा स्टील के जीएम श्री पंकज सतीजा ने कहा, “हम प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा के कुशल उपयोग के जरिए जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर लगातार काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन परियोजनाओं ने उपर्युक्त गांवों में पानी के संकट को दूर किया है और हमारे संचालन क्षेत्रों के आसपास के समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है।“
मकडिया, हटिंग गांव की निवासी सावित्री पात्रा ने बताया, “हम पहले पेयजल संकट से जूझ रहे थे, लेकिन अब सौर ऊर्जा की मदद से पानी आसानी से मोटर के माध्यम से उपलब्ध है और एक बड़े टैंक में जमा हो गया है। अब मुझे बस बरतनों और बोतलों में पानी भरने के लिए टैप खोलना है। टाटा स्टील को हमें राहत देने के लिए धन्यवाद, खासकर साल के इस समय के दौरान।“
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