चाईबासा-छौ नृत्य झारखण्ड की ऐतिहासिक परम्परा है :दशरथ गागराई

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समाजिक कार्यकर्ता कमलदेव गिरी भी अथिति के रूप में शिरकत किये।

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चक्रधरपुर।
घूरती रथ यात्रा पर कई गांव में छौ का आयोजन हुआ लावजोड़ा समेत आसपास इलाके में छौ समारोह का आयोजन हुआ।
पोटका में रथ पर्व के अवसर पर दो दिवसीय छऊनृत्य सह मेला का आयोजन किया गया. समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में खरसावां के विधायक दशरथ गागराई उपस्थित थे. मेला में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए विधायक श्री गागराई ने कहा कि छऊनृत्य झारखंड की परंपरा है. छऊनृत्य से ही हमारी पहचान होती है. छऊनृत्य के माध्यम से पौराणिक कथाओं को हम विस्तार पूर्वक समझ सकते है. छऊनृत्य देखने के लिए पोटका के अलाबे पुरानीबस्ती, पंपरोड, देवगांव, कोलचकड़ा, दांतीबेगुना, दंदासाई, चंद्री, चैनपुर, उलीड़ीह, महतोसाई आदि स्थानों से सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे. छऊनृत्य कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा पौराणिक कथाओं को आधारित गणेश बंदना, रामायण, महाभारत युद्ध, महिसा असुर वद्य, दुर्गा पाठ, शिव-पार्वती महीमा आदि नृत्य प्रस्तुत किया गया. मौके पर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता कमलदेव गिरी भी अथिति के रूप में मौजूद थे।

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