
कुंतलेश पाण्डेय
कोडरमा।
कोडरमा मंडल कारा में बंद विचाराधीन कैदियों को प्रताड़ित करने और रंगदारी मांगने के मामले आए दिन सामने रहे हैं। इस पर रोक लगाने में प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हो रही है। ताजा मामला नवलशाही निवासी बबुन मेहता के पुत्र लक्ष्मण मेहता मुकेश साव के भाई राजेश साव के साथ घटित हुई है। इसे लेकर बबुन मेहता प्रकाश मेहता ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र झा से मिलकर मंडलकारा के वार्ड इंचार्ज पर प्रताड़ित करने और रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है। एसपी को दिए आवेदन में कहा है कि मुकेश साव राजेश साव केश नंबर 36/17 में विचाराधीन कैदी है जो 25 मई को मंडलकारा भेजा गया, जहां वार्ड नंबर-6 के इंचार्ज द्वारा उनलोगों के साथ बुरी तरह मारपीट की और फोन करके रंगदारी की मांग उनके परिजनों से की। दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों से उनके मोबाइल पर फोन कर रंगदारी की मांग की गई और यह सिलसिला अभी भी जारी है। उन्होंने दोनों विचाराधीन कैदी के साथ हो रहे अमानवीय शोषण अत्याचार पर रोक लगाते हुए बच्चों की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
मुकेश साव ने बताया कि वह अपने भाई राजेश साव से मिलने 29 मई को मंडल कारा गए थे। जिसपर उसका भाई ने कहा कि उससे दो हजार रुपए मांगा जा रहा है। वहीं बबुन मेहता ने बताया कि 30 तारीख को वह अपने पुत्र लक्ष्मण मेहता से मिलने गए थे, लेकिन आधार कार्ड नहीं रहने के कारण बेटा से मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि मंडलकारा से 28 मई को फोन आया कि पैसा भेज दो तो तुम्हारे बेटे को झाड़ू-पोंछा नहीं करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि जेल में बंद विचाराधीन कैदियों से रंगदारी मांगने का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी कैदियों से रंगदारी मांगने की शिकायत वरीय पदाधिकारियों को मिलती रही है। पूर्व में इसी तरह के एक मामले में जेल के पदाधिकारियों वहां के कर्मियों पर कार्रवाई की गई है।
