आज की रात 16 जुलाई को 149 साल बाद चंद्र ग्रहन का योग इससे पहले 1870 मे ऐसा योग बना था

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NEWS DESK  – ॰इस साल का चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात को लगेगा यह ग्रहण गुरू पुर्णिमा के एक विशेष योग में लगने वाला है इससे पहले ऐसा योग 12 जुलाई 1870 में आया था जब शनि केतु और चंद्र के साथ धनु राशि में स्थित था और सूर्य राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित था इस बार भी एंसा योग चंद्र ग्रहण में देखने को मिलेगा ये ग्रहण रात के 10:31 में लगेगी और सुबह के 4 : 30 में तक रहेगी
इन देशो मे भी देखा जा सकता है
भारत के अलावा इसे अन्य कई देशो में भी देखा जा सकता है ये चंद्र ग्रहण ऑस्टेलिया , अफ्रिका , एशिया, यूरोप और दक्षिणी अमेरिका में भी दिखई देगा ।
चदं ग्रहण के सुतक काल
इस चंद्र ग्रहण का सुतक काल 16 जुलाई शाम 4 बजकर 32 मिनट से प्रारम्भ हो जायेगा इसके बाद चंद्र ग्रहण के साथ ही सुबह 4 बजकर 30 में समाप्त हो जायेगा
ग्रहण के दौरान कुछ खास कार्य है वर्जित
माना जाता है कि सुतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नही करने चिहये जैसे पुजा पाठ करना भोजन करना घर की साफ सफाई करना भोजन पकाना घरेलु कार्य करना इत्यादि।
सनातन धर्म के अनुसार ये माना जाता है कि ग्रहन काल में जितना हो सके मंत्रो का जाप करना चाहिले लेकिन इस दौरान भगवान की मुर्ति या फोटो को स्पर्श नही करना चाहिये ग्रहण काल में भगवान के दर्शन करना भी वर्जित है इसलिये ग्रहण काल में सभी मंदिरो के कपाट बंद कर दिये जाते है।

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