लौहनगरी में सिखों ने निकाला आक्रोश मार्च, भेजा ज्ञापन
जमशेदपुर। श्री गुरु नानक देव जी की जन्मस्थली श्री ननकाना साहिब पाकिस्तान गुरुद्वारे पर कट्टरपंथियों के समूह द्वारा पत्थरबाजी करने के विरोध में लौहनगरी में सिख समुदाय ने आक्रोश मार्च निकाला।श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरिमंदिर साहिब पटना प्रबंधन कमेटी के उपाध्यक्ष सरदार इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में साकची गुरुद्वारा साहिब से आक्रोश मार्च निकाला गया। इसमें शामिल लोग पाकिस्तान के कट्टरपंथियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। लोगों ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा एवं पथिक निशान थाम रखे थे। जो साकची गोलचक्कर होते हुए जिला समाहरणालय पहुंचा।
यहां प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपायुक्त को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं पाकिस्तान के वजीर ए आला इमरान खान के नाम संबोधित दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया गया कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गारंटी पाकिस्तान सरकार से ले।
इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि अल्पसंख्यक के धार्मिक भाषाएं शैक्षिक सांस्कृतिक एवं पारंपरिक अधिकारों की गारंटी को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासभा द्वारा 18 दिसंबर 1992 को पारित प्रस्ताव 47/135, आठ अप्रैल 1950 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एवं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जनाब लियाकत अली खान के बीच हुए समझौते का सम्मान करते हुए पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समूहों को सुरक्षा की गारंटी प्रदान करें। इसके साथ ही ननकाना साहिब पर पत्थरबाजी करने वाले, सिखों को पाकिस्तान से भगा देने वाले, ननकाना साहिब का नाम बदलकर गुलाम मुस्तफा अली करने की धमकी देने वाले समूहों के नेता के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें तथा पाकिस्तान में लोगों को सिख पंथ संबंधी जागरूकता अभियान चलाएं।
इसमें अमरप्रीत सिंह काले, हरविंदर सिंह मंटू, बलदेव सिंह, हरनेक सिंह, संता सिंह, सतनाम सिंह सिद्धू, गुरचरण सिंह बिल्ला, शमशेर सिंह सिद्धू, गुरदयाल सिंह, बलबीर सिंह, कमलजीत कौर गिल, हरमिंदर सिंह, मनजीत सिंह, रंजीत सिंह, सतविंदर सिंह, मनजीत सिंह गिल, तराना, जसवंत सिंह, त्रिलोचन सिंह, दमनप्रीत सिंह, इंदर सिंह इंदर, सुखदेव सिंह मल्ली, बलविंदर सिंह, ऋषि सिंह, चंचल सिंह, हरबक्श सिंह सिद्धू, हरबीर सिंह पप्पू भाटिया, हरदीप सिंह, हरजीत सिंह, जैपाल सिंह आदि शामिल थे।
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