जमशेदपुर – झारखंड एवं ओड़िसा के सांसदों के साथ बैठक की केन्द्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी
जमशेदपुर।
झारखंड एवं ओड़िसा के सांसदों की एक बैठक केन्द्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के साथ सम्पन्न हुई।बैठक मे दोनों राज्यों से सम्बन्धित राजमार्ग से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई। इस दौरान सांसद श्री महतो ने अपने लोकसभा से जुड़े मामलों को उनके समक्ष रखा। सांसद ने उन्हें स्मरण कराया किआपके द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-33 एवं 6 के शिलान्यास करने के दौरान दो नई राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की घोषणा किया गया था ।
1.राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-33 से पारडीह, कालीबाड़ी, आसनबनी, बेलटाँड, काटीन, बंदवान, झिलमिल, खातडा, बांकुड़ा होना था इसका मकसद था टाटानगर को दुर्गापुर से जोड़ने का, एवं इस रास्ते मे पहले से पथ निर्माण विभाग का 85-90 फ़ीट सड़क चौड़ी है इसमें भूमि अधिग्रहण करने का का भी कोई जरूरत नही है आपके द्वारा इसी को घोषणा किया गया था । लेकिन इस सड़क के निर्माण हेतु अभी जो सर्वे किया जा रहा है टाटा धनबाद के बीच मे रघुनाथपुर से बोड़ाम होते हुवे बेलटांड़ पटमदा इसमे 15-20 गांव बीच मे पड़ता है ये सड़क बिल्कुल संकीर्ण है एवं भूमि अधिग्रहण करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ।अत: इसे पूर्व की भाँति पूरा किया जाए ।
- हाता, मुसाबनी, डुमरिया, आस्ति, घोड़ाबाँधा, कईमा, बोम्बे चौकी (उड़ीसा) NH-6 तक। नई राष्ट्रीय राजमार्ग बन जाने से जमशेदपुर से भुबनेश्वर की दूरी लगभग 45 किलोमीटर कम हो जाएगी। इसका सर्वे अभी तक शुरू नही किया गया है इसे शुरू करवाया जाय।साथ ही सांसद ने केन्द्र के सहयोग से बनने वाले ज़िला स्तरीय सड़क के सम्बन्ध मे कहा किझारखंड राज्य को भारत सरकार Central Road Fund (CRF) योजना के अंतर्गत राशि वर्ष 2018-19 में निर्गत नही होने के कारण मेरे संसदीय क्षेत्र जमशेदपुर के अंतर्गत दो महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण नही हो पाया है।जो निम्नलिखित है:-
1.NH-33 के कशीदा मोड़ से हुडलूंग होते हुवे पश्चिम बंगाल के सीमा तक सड़क निर्माण।
2.चाकुलिया प्रखंड के धालभूमगढ़ से घाघरा पाकुड़िया शोल तक सड़क निर्माण।
उक्त सड़कों का प्राक्कलन बनाकर झारखंड सरकार ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली को भेजा है। यह सड़क झारखंड राज्य के आदिवासी बाहुल्य एवं उग्रवाद क्षेत्र प्रभावित क्षेत्र में पड़ता है।अत: इन दोनों सड़कों का निर्माण सी आर एफ से कराया जाए।
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