संवाददाता,जमशेदपुर.09 मई
यूसिल के नरवा अस्पताल मे शुक्रवार को हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम का उदघाटन सीएमडी दिवाकर आचार्या ने फीता काटकर किया मौके पर मौजूद अस्पताल के सीएमओ डॉ उदय कुमार सिन्हा ने इस सिस्टम के बारे मे विस्तार से सीएमडी एवं अन्य लोगो को बताया सीएमडी ने भी विस्तारा से इस सिस्टम के फायदे की जानकारी लेते हुए कई प्रशन डॉ उदय से पूछे डॉ उदय के अनुसार इस सिस्टम के लगने से यूसिल के कर्मचारी की ईलाज़ के लिए बूक नहीं लाना पड़ेगा उनका आईडी सिस्टम मे रहेगा और उसमे सारा डाटा उपलब्ध रहेगा इसके अलावा अस्पताल मे दवाई का कितना स्टॉक है और कितना दवाई एक्सपाइरी होने वाला है इसकी जांनकारी भी सिस्टम से मिल जाएगी सीएमडी दिवाकर आचार्या ने कहा की प्रयोग के आधार पर एक दो महीने इसे देखा जाएगा और इसके बाद यूसिल के अन्य अस्पतालो को भी इस सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा , इस सिस्टम को लगाने मे लगभग 2 लाख रुपया का खर्च आया है और इसका सॉफ्टवेयर जमशेदपुर के एफिक्स माइक्रो सिस्टम द्वारा लगाया गया है , मौके पर यूसिल के सलहकार पिनाकी रॉय , एससी भोमिक ( महाप्रबंधक खान ) , सीएच शर्मा , बी सानयाल , अतुल वाजपाई ( पीआरओ यूसिल ) , रवीद्र कुमार ( सुप्रीटेंडेंट मिल ) , एमके त्रिपाठी ( सुरक्षा अधिकारी ) , अजय घड़े , एस हेंबरम , पीके पारही , पी रामाकृष्णन , डॉ आरके साहू , डॉ उत्तम कुमार मांझी ( सीएमओ यूसिल जादूगोड़ा अस्पताल ) डॉ मनोज कुमार ( सीएमओ तुरामडीह अस्पताल ) , एवं बड़ी संख्या मे डॉ अस्पताल के स्टाफ एवं यूसिल के अन्य अधिकारी मौजूद थे । इस मौके पर सीएमडी ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम का मेनुयल बूक का भी इनोग्रेसन किया ।
माहोल ऐसा बने की यूसिल जैसी दस कंपनियाँ यहा बैठे – दिवाकर आचार्या
यूसिल नरवा पहाड़ गेस्ट हाऊस मे पत्रकारो संग वार्ता करते हुए पिछले दिनो बागजाता माइंस मे नक्सली घटना के बाद यूसिल के सीएमडी दिवाकर आचार्या ने कहा की सुरक्षा एक अलग विषय है सबसे पहले तो यह है की प्रबंधन का अधिकारी और अधिकारी का मजदूरो के प्रति कैसा रिस्ता है और समाज और ग्राम पंचायत के साथ कैसा रिस्ता है सुरक्षा इन सब का एक हिस्सा है यह अलग से नहीं है ,उन्होने बताया की कंपनी का पाँच रोल्स है प्रोडकसन , क्वालिटी , सेफ़्टी , समाज के साथ संबंध और इंडस्ट्रियल रिलेसन , उन्होने कहा की यूसिल के कारण यहाँ सड़क है , मेडिकल है , फाइर ब्रिगेड है और अन्य सुविधा है यह सब सोचते हुए समाज को यह सोचना चाहिए की उन्हे इंडस्ट्रिस चहाइए की नहीं चाहिए और अगर नहीं चाहिए तो एक बार मे सब बंद कर दे और अगर चाहिए तो ऐसा वातावरण बनाए की एक दर्जन यूसिल जैसी कंपनी और यहा लगे , उन्होने कहा की बागजाता मे फिलहाल उत्पादन हो रहा है लेकिन उसका ट्रांसपोटिंग नहीं हो रहा है , उन्होने कहा की बागजाता मे बहुत जल्द सीआईएसएफ़ आ जाएगी और इसके लिए सभी तैयारी हो गयी है , अभी कुछ दिन सुरक्षा और लोगो मे विश्वास जागे इसको लेकर दिन मे ट्रांसपोर्टिंग किया जाएगा इसके बाद देखा जाएगा , उन्होने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा की कंपनी चलने के लिए ऐसा वातावरण बने की डर न हो क्या गारंटी है की दिन मे कोई घटना नहीं होगा और अगर रात को कोई मेडिकल संबन्धित या अन्य जरूरत पड़ेगी तो क्या रात मे कोई नहीं जाएगा , उन्होने कहा की बागजाता से लेकर महुलडीह तक कोई बड़ा माइंस नहीं है । बागजाता मे कुल 500 टन अयस्क का उत्पादन होता है और उसे जादूगोड़ा भेजा जाता है जो फिलहाल घटना के बाद से बंद है ।
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