एण्ड टीवी के ‘कहत हनुमान जय श्री राम‘ में दिखाई जाएगी ग्यारह मुखी हनुमान की कहानी

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एण्ड टीवी का शो -रु39यकहत हनुमान जय श्री राम-रु39य जल्द ही टेलीविजन
पर नए एपिसोड्स के साथ वापसी करने वाला है। भगवान वि-ुनवजयणु
के पृथ्वी पर भगवान राम का अवतार लेने के बाद, भगवान -िरु39याव
ने भी दु-ुनवजयट रावण को पराजित करने के भगवान राम के उद्दे-रु39यय
में मदद करने के लिए हनुमान का रूप धारण किया। भगवान
हनुमान भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार हैं। आगामी
एपिसोड्स में, -रु39यग्यारह मुखी हनुमान-रु39य की कहानी दिखाई
जाएगी। अंजनी माता बाल हनुमान को यह कहानी सुनाएंगी
ताकि वो अपनी -रु39याक्तियों का सही उपयोग करके और भगवान
-िरु39याव के हर अवतार से विभिन्न सबक सीख कर अपने उद्दे-रु39यय को पूरा
कर सकें।
अभिनेता राम य-रु39यावर्धन भगवान -िरु39याव की भूमिका निभाते
हुए नजर आएंगे। नंदी का बाल अवतार बाल कलाकार मोहन
-रु39यार्मा द्वारा निभाया जाएगा, जिनकी उम्र 14 व-ुनवजर्या होगी। जबकि
नंदी के बड़े अवतार को कैवल्य छेड़ा द्वारा अदा किया
जाएगा। 14 साल के बाल कलाकार अब्दुर रहमानी भगवान -िरु39याव
के ‘गृहपति अवतार‘ के किरदार को साकार करेंगे।
इस श्रृंखला में सबसे पहले भगवान -िरु39याव के -रु39यनंदी अवतार-रु39य की
कहानी को द-रु39र्यााया जाएगा, लेकिन इसके साथ ही उनके अन्य
अवतारों के पीछे छिपी कहानियों को दिखाया जाएगा। इन
अवतारों में शामिल हैं -ंउचय -रु39यारभ, गृहपति, यतिनाथ,
दुर्वासा, वीरभद्र, पिप्लाद, कृ-ुनवजयणद-रु39र्यान, ब्रह्मचारी, अवधूत
और अंत में उनके 11वां अवतार यानी भगवान हनुमान
हैं।
नंदी अवताररू इन्हे पवित्रता, ज्ञान और बुद्धिमता का प्रतीक माना
जाता है, नंदी वो हैं जो हर किसी की इच्छाओं को सुनते
हैं और उन्हें भगवान -िरु39याव तक पहुंचाते हैं। नंदी
-िरु39याव भगवान के भक्त थे। -िरु39यालाद नाम के एक ऋ-िुनवजया थे, जो

ब्रह्मचारी थे। एक सभ्य अंत देखकर -िरु39यालाद मुनि ने भगवान्
-िरु39याव से एक ऐसे पुत्र की कामना की जिसकी कभी मृत्यु न हो।
एक दिन जब -िरु39यालाद मुनि भूमि खोद रहे थे तो वहां
उन्हें एक बच्चा मिला जिनका नाम उन्होंने नंदी रखा।
-िरु39यालाद अपने पुत्र से बहुत प्यार करते थे, यहां तक कि उसके साथ
अधिक समय बिताने के लिए वह अपना ध्यान भी छोड़ देते थे।
नंदी महादेव की पूजा करते थे। उनके भक्तिभाव को
देखकर भगवान -िरु39याव उनके सामने प्रकट हुए और उन्हें ये
वरदान दिया कि जब तक कोई अपनी प्रार्थना नंदी के कानों
में नही कहेगा तब तक उसकी प्रार्थना भगवान -िरु39याव तक नहीं
पहुचेगी।

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-रु39यारभ अवताररू हिरण्यक-रु39ययप की मृत्यु के बाद भगवान वि-ुनवजयणु के
गुस्सैल अवतार नरसिंह के गुस्से को -रु39याांत करने के लिए भगवान
-िरु39याव ने -रु39यारभ का अवतार धारण किया था। हिरण्यक-रु39ययप की मृत्यु
के बाद वो पूरे आक्रो-रु39या में आ गए थे जिसके बाद सभी
देवताओं ने वहां पहुंचकर भगवान -िरु39याव की आराधना की.
जिसके बाद उन्होंने -रु39यारभ का रूप धारण किया और नरसिंह को
अपनी पूछ में लपेटा और उनके क्रोध को -रु39याांत करने के
लिए वहां से ले गए।
गृहपति अवताररू -िरु39याव पुराण के अनुसार, नर्मदा के तट पर धरमपुर
-रु39याहर में वि-रु39यवनार नाम के एक ऋ-िुनवजया और उनकी अर्धांगिनी
सुचिस्मति रहते थे। उन्होंने भगवान -िरु39याव की तरह एक बच्चा
पाने की कामना की थी। भगवान -िरु39याव को प्रसन्न करने के लिए
वि-रु39यवनार का-रु39याी गए और वहां पर अपनी पूर्ण भक्ति के साथ
वि-रु39यवे-रु39यवर लिंग की पूजा की। उनके समर्पण से प्रसन्न होकर
भगवान -िरु39याव -िरु39यावलिंग से वि-रु39यवनार के सामने प्रकट हुए। जब
वि-रु39यवनार ने अपनी इच्छा जाहिर की तो भगवान -िरु39याव उनके पुत्र
के रूप में जन्म लेने के लिए तैयार हो गए। जिसका नाम गृहपति
रखा। लेकिन जैसे ही बच्चे को यह पता लगा कि उसे आग और
वज्र से खतरा है, उसने भगवान -िरु39याव की भक्ति -रु39याुरू कर दी।
इंद्र ने उनकी का-रु39याी की यात्रा में विघ्न डाला, लेकिन
भगवान -िरु39याव उसकी रक्षा के लिए आगे आए और उन्होंने
गृहपति को आ-रु39याीर्वाद दिया। जिस -िरु39यावलिंग की उन्होंने
भक्ति की वह आगे चलकर ‘अग्नि-रु39यवर लिंग‘ के नाम से प्रसिद्ध हुआ

और भगवान -िरु39याव ने गृहपति को सभी दि-रु39यााओं का स्वामी
बना दिया।
यतिनाथ अवताररू अतिथि के महत्व को सम-हजयाने के लिए महादेव
ने यतिनाथ का अवतार धारण किया। वहां एक आदिवासी आदमी
आहुक रहता था। वो और उसकी पत्नी भगवान -िरु39याव के भक्त
थे। उनकी भक्ति की परीक्षा लेने लिए एक दिन भगवान -िरु39याव
उनके घर यतिनाथ का रूप धारण कर अतिथि बनकर पहुंचे।
उन्होंने और उनकी पत्नी ने उनका पूरा ध्यान रखा और
उन्हें रात में रुकने के लिए आश्रय दिया। क्योंकि उनकी
-हजयोपडी छोटी थी तो आहुक बाहर सोया और
दुर्भाग्यव-रु39या वो जंगली जानवर द्वारा मारा गया। जब उसकी पत्नी
ने अपनी जान लेने की को-िरु39या-रु39या की तो भगवान -िरु39याव ने
उन्हें वरदान दिया, कि वो अगले जन्म में राजा नल और रानी
दमयंती के रूप में जन्म लें।
दुर्वासा अवताररू दुर्वासा एक महान ऋ-िुनवजया थे जो जल्द क्रोध
आने के लिए जाने जाते हैं. -िरु39यावपुराण में लिखा है कि ऋ-िुनवजया
अत्रि की पत्नी देवी अनुसूया को एक संतान की इच्छा थी और
उन्होंने अपने पति से त्रिदेव (ब्रह्मा, वि-ुनवजयणु और -िरु39याव) की
अराधाना करने की आज्ञा मांगी। कई सालो के बाद उन्हें
तीन पुत्रों का वरदान मिला, जिसमें से प्रत्येक देव उनके पुत्र
के रूप में अवतार लेंगे। ब्रह्मा ने सोमा के रूप में अवतार लिया,
वि-ुनवजयणु ने दत्तात्रेय के रूप में अवतार लिया और -िरु39याव ने
दुर्वासा का अवतार लिया-ंउचय जो -िरु39याव का रूद्र रूप है।
वीरभद्र अवताररू यह अवतार महादेव की जटा से तब उत्पन्न हुआ
जब देवी सती ने राजा दक्ष द्वारा नियोजित एक यज्ञ में अपने -रु39यारीर का
त्याग दिया। भगवान -िरु39याव जोकि बहुत ज्यादा आक्रो-रु39या में
थे उन्होंने अपनी जटाओं से वीरभद्र की उत्पत्ति के लिए
प्रेरित किया, जिसने राजा दक्ष के सिर को धड़ से अलग कर दिया।
बाद में महादेव ने राजा दक्ष ने धड़ पर बकरे का सिर जोड़
दिया ताकि वह उन्हें उनका जीवन वापस दे सकें।
पिप्लाद अवताररू एक समय पर, भगवान -रु39यानि छोटे बच्चों पर भी
अपनी नजरें गड़ाए रहते थे और अपने आगे किसी भी
भगवान की नही सुनते थे। तो -रु39यानि के इस घृणित और

कठोर नियम को बदलने के लिए महादेव ने पिप्लाद का अवतार
धारण किया।
कृ-ुनवजयणद-रु39र्यान अवताररू महादेव ने एक व्यक्ति के जीवन में यज्ञ
और अनु-ुनवजयठानों के महत्व को सम-हजयाने के लिए कृ-ुनवजयणद-रु39र्यान
अवतार को धारण किया।
ब्रह्मचारी अवताररू सती का अगला जन्म पार्वती के रूप में हुआ।
लेकिन महादेव को पाने के लिए पार्वती को कठोर तपस्या करनी
पड़ी। इस अवधि के दौरान पार्वती ने -रु39याुम्भ, नि-रु39याुम्भ,
चण्ड-ंउचयमुण्ड और रक्तबीज का भी वध किया। लेकिन इन सबके बाद
भी महादेव पार्वती की परीक्षा लेने के ब्रह्मचारी का अवतार
लेते हैं, जिसके बाद वो दोनों विवाह करते हैं।
अवधूत अवताररू अमृत पीने के बाद, देवराज इंद्र और भी
ज्याादा अभिमानी और लापरवाह हो गए, जिसके कारण महादेव
को अवधूत अवतार धारण करना पड़ा ताकि वह उनका घमंड
और अहंकार तोड़ सकंे।
हनुमान अवताररू भगवान हनुमान भगवान -िरु39याव के ग्याहरवें
रूद्र अवतार थे और उनके सबसे उत्साही भक्त थे। भगवान
हनुमान ने दु-ुनवजयट रावण को मारने के उद्दे-रु39यय को पूरा करने
में भगवान राम की सेवा करने के लिए जन्म लिया था।
‘कहत हनुमान जय श्री राम‘ के नए एपिसोड्स देखिए 13
जुलाई 2020 से, रात 9.30 बजे केवल एण्ड टीवी पर!

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