नई दिल्ली । भारतीय कंपनी अधिनियम, 1913 के तहत अधिकृत कंपनी ‘टाटा संस लिमिटेड’ “टाटा“ ब्रांड व मार्क में ट्रेडमार्क और कॉपीराइट सहित बौद्धिक संपदा अधिकारों के मालिक हैं। टाटा स्टील लिमिटेड वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्टील उत्पादक कंपनियों में से एक है और टाटा संस लिमिटेड की सिस्टर कन्सर्न है। टाटा संस द्वारा अपने व्यापार का संचालन करने और अपने उत्पादों की बिक्री के लिए “टाटा“ शब्द वाले ब्रांड / मार्क (चिन्ह) का उपयोग करने के लिए अधिकृत है।
हाल ही में, टाटा स्टील को सूचना मिली कि मेसर्स उमिया वायर फैक्ट्री और मेसर्स श्री उमिया स्टील द्वारा “टाटा वायरॉन“ के फर्जी निशान के साथ टाटा स्टील के उत्पाद (स्टील वायर्स) का निर्माण और बिक्री की जा रही है। मेसर्स उमिया वायर फैक्ट्री प्लॉट संख्या 461, देदीयासन जीआईडीसी, जिला- मेहसाणा, गुजरात में स्थित है और मेसर्स श्री उमिया स्टील 57, धनलक्ष्मी मार्केट, मालगोडाउन, मेहसाणा, गुजरात में स्थित है।
सूचना की पुष्टि के बाद, टाटा स्टील ने मेहसाणा पुलिस से उन जालदारों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। तदनुसार, मेहसाणा पुलिस की अपराध शाखा ने 14 नवंबर 2018 को उपरोक्त फैक्ट्री में छापा मारा। छापे के दौरान यह पाया गया कि मेसर्स उमिया वायर फैक्ट्री टाटा वायरॉन के नाम से फर्जी बार्बेड वायर का निर्माण कर रही है। पंचोट, जिला मेहसाणा, गुजरात के निवासी श्री उपेन कुमार अरविंद भाई पटेल इस कारखाना के मालिक हैं और वर्तमान में 109, तिरुपति सहिबा सोसाइटी, राधानपुर रोड, मेहसाणा में रहते हैं।
छापे के दौरान, एक बार्बेड वायर विनिर्माण मशीन के अलावा, कारखाने में ’टाटा वायरॉन’ के नाम पर नकली बार्बेड तार बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली लाखों की सामग्री पायी गयी। इनमें शामिल हैं : –
उत्पाद – बरामद नकली उत्पादों/सामग्रियां की संख्या
टाटा वायरॉन बंडलों में पैक किए गए 12-14 गेज के नकली बारबेड तार – 31
टाटा स्टील वायरॉन चिन्ह वाले कोरुगेटेड पैकिंग बक्से – 7
10 से 16 गेज तक के तार के बंडल – 114
उपरोक्त परिसर में निर्मित उत्पाद और ’टाटा वायरॉन’ ट्रेड मार्क के तहत बेचे जाने वाले उत्पाद नकली पाए गए। इन नकली उत्पादों के अलावा, मेसर्स उमिया वायर फैक्ट्री टाटा उत्पाद के रूप में नकली उत्पाद उपभोक्ताओं को बेचने के लिए ’टाटा वायरन’ की पैकेजिंग सामग्री का मुद्रण और उपयोग कर रही थी।
मेसर्स उमिया वायर फैक्ट्री के मालिक, कर्मचारी, प्रतिनिधि, एजेंट इत्यादि बाजार में अनधिकृत रूप से टाटा वायरॉन ट्रेड मार्क वाले नकली उत्पाद का निर्माण कर और बेच कर न केवल टाटा संस के बौद्धिक संपदा अधिकार का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि निर्दोष उपभोक्ताओं को भी धोखा दे रहे थे, जो इस विश्वास के साथ “टाटा वायरॉन“ उत्पादों को खरीद रहे थे कि यह एक “टाटा“ उत्पाद है।
टाटा स्टील ने गलत चित्रण, धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जीवाड़ा के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत केस नंबर-20/18, दिनांक 14.11.2018 के तहत और कॉपीराइट अधिनियम की धारा 63/65 और ट्रेडमार्क अधिनियम 102/103/104 के तहत नकली उत्पादों का निर्माण, बिक्री और हमारे का ट्रेड मार्क का उल्लंघन करने के लिए एफआईआर दर्ज कराया है।
टाटा स्टील ऐसी सभी नकली/फर्जी कंपनियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करना जारी रखेगी।
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