जमशेदपुर-टाटा मेन हॉस्पीटल ने विश्व मधुमेह दिवस पर संदेश प्रसारित किया

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जमशेदपुर।

टाटा मेन हॉस्पीटल ने आज विश्व डायबिटीज दिवस का समापन समारोह आयोजित किया। 14 नवंबर को हर वर्ष पूरे विश्व में सर फ्रेडरिक बैंटिंग की जयंती के अवसर पर यह दिवस मनाया जाता है। सर बैंटिंग ने डॉ. चार्ल्स बेस्ट के साथ 1922 में इंसुलिन की खोज की थी।

आज के कार्यक्रम में श्रीमती रुचि नरेंद्रन भी मौजूद थीं। कार्यक्रम में कुछ समय से मधुमेह से जूझ रहे दो मरीजों ने अपने अनुभव बताये। श्रीमती नरेंद्रन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि डायबिटीज (मधुमेह) एक साइलेंट किलर है, लेकिन यदि धैय के साथ इसका प्रबंधन किया जाय, तो लोग सक्रिय जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इस बारे में चिकित्सकों ने हमें जानकारी दी है और वे काफी प्रेरक हैं। इस इवेंट से पहले मरीजों के साथ चिकित्सकों द्वारा किये गये अनुसंधान की मैं सराहना करती हूं। यह आंख खोलने वाला है और मैं यहां उपस्थित सभी लोगों से डायबिटीज को रोकने में अग्र-सक्रियता दिखाने का आग्रह करती हूं।

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इस वर्ष ‘आईज ऑन डायबिटीज’ विषय को केंद्रत कर गतिविधियों का आयोजन किया गया। एक आकलन के अनुसार एक तिहाई मधुमेह के मरीजों की आंखें क्षतिग्रस्त होने की संभावना होती हैं, जिसके कारण वे अंधत्व का शिकार हो जाते हैं। इसलिए टीएमएच इस वर्ष टाईप 2 डायबिटीज का आरंभिक निदान सुनिश्चत करने के लिए जांच के महत्व का प्रचार करने और जटिलताओं के जोखिम को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

1 अक्तूबर, 2016 को एक महीने के लिए रेटिना जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें आठ से अधिक वर्ष से मधुमेह से पीड़ित करीब 70 मरीजों की आंखों की जांच की गयी। इसमें 10 प्रतिशत मरीजों में आंखों को लेकर कोई न कोई समस्या पायी गयी। आवश्यक चिकित्सीय परामर्श के बाद इन मरीजों का टीएमएच के आई ओपीडी में नियमित फॉलो-अप किया जायेगा।

मधुमेह और इसकी जटिलताओें को लेकर जागरुकता का प्रसार करने के लिए पूरे विश्व में 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। मधुमेह एक महामारी बन गया है। वर्तमान में 193 मिलियन लोग मधुमेह के शिकार हैं और इनमें से अधिकांश जानकारी के अभाव में मधुमेह के शिकार होने से अनभिज्ञ होते हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के आकलन के अनुसार, 2035 तक 592 मिलियन लोग मधुमेह के शिकार हो जायेंगे। भारत में 2025 तक मधुमेह रोगियों की संख्या 41 मिलियन से बढ़ कर 70 मिलियन हो जायेगी। इसलिए मधुमेह और इसकी जटिलताओं के बारे में जागरूकता फैलाने की महती आवश्यकता है।

 

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