जमशेदपुर-टाटा स्टील लिमिटेड के साथ टाटा मेटालिक्स लिमिटेड और टाटा मेटालिक्स डीआई पाइप्स लिमिटेड के विलय की योजना
जमशेदपुर।
टाटा स्टील लिमिटेड ने आज घोषणा की कि इसके डायरेक्टरों की कमिटी ने कंपनी द्वारा बांबे हाई कोर्ट के समक्ष उचित आवेदन दाखिल करने के प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया है। यह कमिटी बोर्ड आॅफ डायरेक्टर्स द्वारा गठित व अधिकृत है। इस आवेदन में 21, अगस्त, 2015 को जारी उस आदेश को वापस लेने की बात कही गयी है, जिसमें कंपनी के साथ टाटा मेटालिक्स लिमिटेड और टाटा मेटालिक्स डाआई पाइप्स लिमिटेड के विलय की योजना पर रोक लगा दी गयी थी।
इससे पहले डायरेक्टरों की कमिटी द्वारा अप्रैल, 2013 में योजना की अनुशंसा की गयी थी और मई, 2014 में कंपनी के सदस्यों द्वारा कोर्ट में आयोजित मीटिंग में स्वीकृत की गयी थी। योजना की शर्तों में पब्लिक शेयरधारकों के लिए स्वैप रेशियो टाटा मेटालिक्स लिमिटेड में 10 रुपये प्रत्येक के 29 इक्विटी शेयरों के लिए टाटा स्टील लिमिटेड के 10 रुपये प्रत्येक के 4 इक्विटी शेयर निर्धारित की गयी थी।
टाटा मेटालिक्स लिमिटेड द्वारा कोलकाता हाई कोर्ट में योजना की स्वीकृति के लिए दाखिल याचिका लंबित होने के कारण यह योजना वर्तमान में प्रभावी नहीं है। तद्नुसार, टाटा मेटालिक्स डीआई पाइप्स लिमिटेड का टाटा मेटालिक्स लिमिटेड के साथ विलय के लिए टाटा मेटालिक्स लिमिटेड को एक अंतराल के बाद फिर से नयी योजना दाखिल करने के साथ पूर्ववर्ती योजना को वापस लेने पर विचार करने की सलाह दी ग फाइनांस ऐंड काॅर्पोरेट, यी।
टाटा स्टील ग्रुप एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कौशिक चटर्जी, , ने कहा, ‘‘अप्रैल, 2013 में विचार किये गये अभिष्ट सहक्रियता में महत्वपूर्ण बदलाव के साथ जरूरी नियामक व वैधानिक स्वीकृतियों को हासिल करने में अनावश्यक विलंब जैसे विभिन्न कारकों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। आने वाले दिनों में टाटा मेटालिक्स को लाभकारी और मूल्य सृजन करने वाली कंपनी बनाने की यात्रा में टाटा स्टील का रणनीतिक सहयोग जारी रहेगा। आज के निर्णय के साथ टाटा स्टील लिमिटेड की एक सब्सीडियरी कंपनी के रूप में टाटा मेटालिक्स का संचालन जारी रहेगा।
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