नेशनल खबर : भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनियों में से एक, टाटा पावर को राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) के तहत एक दोहरी पुरस्कार देने वाली संस्था (एबी-ड्यूअल) के रूप में आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई है। एक समझौते के ज़रिये औपचारिक रूप से दी गई यह उल्लेखनीय मान्यता, टाटा पावर को अपनी कौशल विकास शाखा, टाटा पावर स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (टीपीएसडीआई) में प्रशिक्षित शिक्षार्थियों की योग्यता का मूल्यांकन, प्रमाणन और पुरस्कार देने का अधिकार प्रदान करती है। टीपीएसडीआई, टाटा पावर द्वारा समर्थित उल्लेखनीय संस्थान है, जो युवाओं को तेज़ी से बढ़ते ऊर्जा क्षेत्र के लिए विशेषज्ञता से लैस कर रहा है।
इस समझौते पर टाटा पावर की ओर से श्री आलोक प्रसाद (प्रमुख – टीपीएसडीआई) और एनसीवीईटी की ओर से कर्नल गुंजन चौधरी (निदेशक – एनसीवीईटी) ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर श्री अतुल कुमार तिवारी (सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और अध्यक्ष, एनसीवीईटी) और श्री हिमाल तिवारी (अध्यक्ष – ग्रुप एचआर, सीएचआरओ, प्रमुख – सस्टेनेबिलिटी (वहनीयता) और सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी) मौजूद थे।
यह मान्यता स्किल इंडिया मिशन और टाटा पावर के बिजली क्षेत्र में कौशल की कमी दूर करने के लिए चल रहे मौजूदा प्रयासों के अनुरूप है।
एनसीवीईटी की मान्यता टीपीएसडीआई को रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन, ऊर्जा भंडारण, ग्रीन हाइड्रोजन और पंप हाइड्रो जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लोगों को प्रमाणित कर अपनी कौशल पहल का विस्तार करने में मदद करेगी, जो भारत के तेज़ी से विकसित हो रहे हरित ऊर्जा क्षेत्र के अनुरूप हैं।
कंपनी इसे सुविधाजनक बनाने के लिए अपने प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए तैयार है, जिससे देश भर में उद्योग के अनुरूप कौशल कार्यक्रमों तक अधिक पहुंच सुनिश्चित हो सके।
टीपीएसडीआई ने अब तक तीन लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया है और अब वह अपने स्वामित्व वाले या पूरी तरह से प्रबंधित परिसरों में अपनी स्वीकृत या अपनाई गई योग्यताओं के लिए सीधे उद्योग-मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान कर सकेगा।
यह मान्यता टीपीएसडीआई-प्रमाणित पेशेवरों की विश्वसनीयता और रोज़गार क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगी, जिससे भविष्य के लिए भारत के हरित कार्यबल को मज़बूती मिलेगी।
भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय नियामक के रूप में काम करती है। यह देश भर में मानक निर्धारित करने, नियम बनाने और कौशल संबंधी पहलों की गुणवत्ता और प्रभाव को बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार है। एनसीवीईटी पुरस्कार देने वाली संस्थाओं और मूल्यांकन एजेंसियों को मान्यता प्रदान करती है और इनका विनियमन करती है, जिससे उद्योग की उभरती मांगों को पूरा करने के लिए बेहद दक्ष कार्यबल का विकास सुनिश्चित होता है।
टाटा पावर के सीएचआरओ और सस्टेनेबिलिटी एवं सीएसआर प्रमुख, श्री हिमाल तिवारी ने इस अवसर पर कहा: “टाटा पावर का एनसीवीईटी के तहत पुरस्कार देने वाली संस्था बनना, कार्यबल में आमूल बदलाव की दिशा में कंपनी की यात्रा के लिहाज़ से निर्णायक क्षण है। हम इस सम्मान के साथ अपने 11 केंद्रों के ज़रिये पेशेवरों को कौशल तथा प्रमाणन प्रदान करने के लिए तैयार हैं, जिससे भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिए आवश्यक कौशल से लैस उद्योग की ज़रूरतों के अनुरूप प्रतिभा पूल तैयार होगा। आने वाले दिनों में हम अपनी पहुंच तथा बदलाव लाने के प्रयास के विस्तार, भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले क्षेत्रों में विशेषज्ञता के विकास और वहनीय, आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य के संबंध में भारत के दृष्टिकोण में सार्थक योगदान पर ध्यान देते रहेंगे।”
हरित रोज़गार पर बढ़ते ज़ोर के साथ, टीपीएसडीआई सौर और पवन ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण, ग्रिड आधुनिकीकरण और वहनीय बिजली समाधान जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
टाटा पावर इस गठजोड़ के ज़रिये उद्योग के अनुकूल कौशल विकास के लिहाज़ से अग्रणी के रूप में अपनी भूमिका को दृढ़ कर रही है, जो पेशेवरों को उभरते ऊर्जा क्षेत्र में व्यावहारिक विशेषज्ञता से लैस करती है। यह पहल राष्ट्र निर्माण, कार्यबल के विकास और आत्मनिर्भर भारत के प्रति टाटा पावर की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।

