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जमशेदपुर. ‘सहयोग’ संस्था का होली मिलन कार्यक्रम बिष्टुपुर के तुलसी भवन के चित्रकूट कक्ष में संपन्न हुआ.इस अवसर पर सहयोग…

जमशेदपुर। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने छुट्टी पर आए सेना के जवान हवलदार सूरज राय के साथ जुगसलाई…

~ टाटा स्टील में कर्मचारियों के लिए पहली इलेक्ट्रिक बस सुविधा ~ ~ सस्टेनेबल और पर्यावरण अनुकूल परिवहन समाधान की दिशा में एक कदम ~ नरेंद्रपुर,: ढेंकनाल जिले के नरेंद्रपुर गांव में स्थित टाटा स्टील मेरामंडली (टीएसएम) ने अपने कर्मचारियों के लिए सतत और पर्यावरण अनुकूल परिवहन व्यवस्था को बढ़ावा देते हुए इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े की शुरुआत की। टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी और टीएसएम के वाइस प्रेसिडेंट, ऑपरेशंस उत्तम सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में चार्जिंग सुविधाओं से युक्त एक बस बे का उद्घाटन किया और बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस हरित पहल के तहत, पहले चरण में 20 इलेक्ट्रिक बसें प्लांट परिसर के भीतर कर्मचारियों की दैनिक आवाजाही के लिए चलाई जाएंगी। इस परिवर्तन से हर साल 500 टन CO2 उत्सर्जन में कमी आने की संभावना है, जो टाटा स्टील के 2045 तक नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य के अनुरूप है। इस अवसर पर चाणक्य चौधरी ने कहा कि, “इलेक्ट्रिक बसें और बस बे, टाटा स्टील की पूरी वैल्यू चेन में सस्टेनेबिलिटी की प्रतिबद्धता की दिशा में अगला कदम है। यह न केवल हमारे कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगा, बल्कि कर्मचारियों की सुविधा और प्लांट के अंदर यातायात की दक्षता को भी बढ़ाएगा।” इस पहल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तम सिंह ने कहा कि, “यह लॉन्च हमारी दैनिक संचालन प्रक्रियाओं में सस्टेनेबिलिटी को अपनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मेरामंडली प्लांट में पहले से ही कर्मचारियों की आवाजाही के लिए 15 ईवी कारें उपलब्ध हैं, और अब ये इलेक्ट्रिक बसें हमारे कार्यबल और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगी।” नव स्थापित ईवी बस बे में दो चार्जिंग स्टेशन हैं, जिनमें प्रत्येक में 12 चार्जिंग यूनिट्स हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें चार मेंटेनेंस पिट, भंडारण कक्ष, और एक प्रशासनिक भवन शामिल है, जिसमें कई कार्यालय और शौचालय उपलब्ध हैं। इन इलेक्ट्रिक बसों में उन्नत बैटरी प्रणाली और विभिन्न इनोवेटिव सस्टेनेबिलिटी सुविधाएं हैं, जो कर्मचारियों के लिए पर्यावरण अनुकूल और आरामदायक परिवहन सुनिश्चित करेंगी।

पोटका : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पोटका प्रखंड कमेटी का प्रखंड सम्मेलन तेंतला रिसोर्ट मे रविवार को संयोजक प्रमुख बाघराय…

जमशेदपुर: सिंहभूम चैम्बर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी होली के शुभअवसर पर…

जमशेदपुर- सुरभि के द्वारा अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन साहित्य -कला संस्कृति को समर्पित संस्था द्वारा रविन्द्र भवन में आयोजन…

जमशेदपुर। रांची में बुंडू के पास भीषण सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाली शिक्षिका इकबाल कौर डॉली का रविवार को…

जमशेदपुर। झारखंड में बांग्ला भाषा संस्कृति को संजोए राज्य स्तरीय बंगीय उत्सव 2025 का भव्य आयोजन 16 मार्च 2025 को…

जमशेदपुर। रंग, उमंग, प्रेम, उल्लास और सामाजिक समरसता के महापर्व होली के अवसर पर वरिष्ठ नागरिक सह मॉर्निंग वॉकर्स ग्रुप…

भुवनेश्वर/जमशेदपुर: अपनों के स्नेह से वंचित बुजुर्गों के चेहरों पर मुस्कान लाने और उनका दर्द बांटने के उद्देश्य से, टाटा स्टील के फेरो एलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) के कर्मचारियों ने राज्य की राजधानी स्थित स्नेहा मंदिर वृद्धाश्रम का दौरा किया और वहां के निवासियों के साथ कुछ यादगार पल बिताए। स्वयंसेवा की भावना के साथ, टाटा स्टील के कर्मचारियों ने वृद्धाश्रम के बुजुर्गों को राशन, फल और जरूरी सामान भेंट किए। उन्होंने न केवल उनके साथ समय बिताया, बल्कि उनकी कहानियाँ सुनकर, उनकी भावनाओं को समझकर, उन्हें अपनापन और स्नेह का एहसास कराया। संयोगवश, यह दौरा होली के अवसर पर हुआ, और कर्मचारियों ने बुजुर्गों के साथ रंगों की खुशियाँ भी साझा कीं। रंगों में सराबोर होते ही उनके चेहरे पर जो मुस्कान खिली, वह इस मिलन की सबसे खूबसूरत याद बन गई। इस नेक पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए पंकज सतीजा, एग्जीक्यूटिव-इन-चार्ज, एफएएमडी, ने कहा, “2050 तक भारत में बुजुर्गों की जनसंख्या 20% से अधिक हो जाएगी, और जब हम ‘विकसित भारत’ की दिशा में बढ़ रहे हैं, तब इन बुजुर्गों के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चाहे व्यक्तिगत रूप से हो या संस्थागत स्तर पर, हम सभी उनके कल्याण के लिए योगदान दे सकते हैं। ऐसी छोटी-छोटी पहल और संवेदनशील जुड़ाव समाज में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।” यह स्वयंसेवी पहल कंपनी की उस व्यापक प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जो समाज को लौटाने की संस्कृति को मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत है। यह न केवल संगठन और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है, बल्कि समाज पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ने की दिशा में कंपनी की संवेदनशीलता और समर्पण को भी रेखांकित करता है। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा दान किए गए सामान में चावल, दाल, तेल, चीनी, स्वच्छता सामग्री और विभिन्न प्रकार के फल शामिल थे, जिससे बुजुर्गों को पोषक आहार और आवश्यक सुविधाएं मिल सकें। इस आत्मीय पहल ने वृद्धाश्रम के निवासियों के दिलों को छू लिया। उन्होंने न केवल इस संवेदनशील योगदान के लिए धन्यवाद दिया, बल्कि कर्मचारियों के साथ बिताए गए इन अपनत्व भरे पलों के लिए भी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।