Tabrez Ansari Mob Lynching:सरायकेला के चर्चित तबरेज अंसारी लिंचिंग केस में आया कोर्ट का फैसला, सभी दस दोषियों को 10 साल की सजा
जमशेदपुर.
झारखंड की सरायकेला-खारसावां जिले की एक स्थानीय अदालत ने वर्ष 2019 के चर्चित तबरेज अंसारी लिंचिंग मामले में सभी दोषियों को दस साल की सश्रम कारावास के साथ 15- 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है. यह सजा सरायकेला व्यवहार न्यायालय के अडिशनल जज-1 अमित शेखर की अदालत ने सुनाई.मालूम हो इनकी अदालत ने ही इन दस अभियुक्तों को 27 जून को दोषी करार दिया था और दोषियों की सजा पर आज फैसला सुनाया जाना था.पीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट ने धारा 325 (तीन साल की सजा और पांच हजार जुर्माना), 341 ( एक साल सजा और तीन सौ जुर्माना) 323 (नौ महीने सजा और 8 सौ रुपये जुर्माना, 295 ए (एक साल सजा और एक हजार जुर्माना और 147 (एक साल सजा और एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. सभी सजाएं साथ- साथ चलेंगी
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एक आरोपी की चुकी मौत
इस मामले में सरायकेला पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल समेत 13 लोगो को आरोपी बनाया था. उस वक्त सरायकेला पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.उनमें से प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल को छोड़कर सभी जमानत पर रिहा थे. इस मामले में एक आरोपी कुशल महाली की मौत हो चुकी है जबकि दो साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए हैं. भीम सिंह मुंडा, कमल महतो,मदन नायक, अतुल महाली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेम चंद महाली और महेश महाली को सजा सुनाई गई है.
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36 लोगों की हुई गवाही
सरायकेला के बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में 36 गवाहों के गवाही के बाद कोर्ट ने सभी को दोषी माना था. इस मामले में मुख्य आरोपी प्रकाश मंडल ऊर्फ पप्पू मंडल समेत 13लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में ट्रायल के दौरान एक आरोपी की मौत हो चुकी है. 4 साल बाद फैसला सुनाते हुए एडीजे वन अमित शेखर की अदालत ने दो आरोपियों सत्यनारायण नायक और सोनामू प्रधान को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है.
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बचाव पक्ष ने दी यह दलील
उधर, बचाव पक्ष के वकील एससी हाजरा ने बताया कि पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है. तबरेज की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी. इसे दुष्प्रचारित किया गया है. राजनीति और पुलिस ने मिलकर केस को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि कानून पर भरोसा है न्याय जरूर मिलेगा.इधर तबरेज पत्नी शाइस्ता परवीन ने बताया कि इस फैसले से वह नाखून है और ऊपरी अदालत में इसे चुनौती देगी. शाइस्ता परवीन ने कहा कि जिस तरह से मेरे पति को मारा गया है आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए थी.
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चोरी के संदेह में तबरेज की कर दी गई थी पिटाई
आपको बता दें कि 18 जून 2019 को मोटर साइकिल चोरी करने के आरोप में सरायकेला में भीड़ ने एक 24 साल के युवक को पकड़ा था. पकड़े गए युवक की लात घूसों, लाठी, डंडे से पिटाई की गई थी. घटना के 4 दिन बाद 22 जून को उसकी मौत हो गयी थी. मृत युवक का नाम तबरेज अंसारी था और इसकी मौत को मॉब लिंचिंग करार दिया गया था.
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