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टाटा स्टील ने प्री-मैट्रिक कोचिंग शिक्षकों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया

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100 से ज्यादा पीएमसी शिक्षकों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया्

जमशेदपुर, 30 मई,

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ग्रामीण क्षेत्रों में उचित शैक्षिक मार्गदर्शन के अभाव में कम उम्र में ही अधिकांश बच्चो की पढ़ाई छूट जाती है। शिक्षा संबंधी बुनियादी सुविधाओं की दयनीय स्थिति, पढ़ाई के लिए माता-पिता से प्रोत्साहन ना मिलना, स्कूली शिक्षा की निराशाजनक स्थिति आदि कारणों से परीक्षा में इनका प्रदर्शन भी खराब रहता है। ऐसे परिदृश्य में, मैट्रिक परीक्षा में शामिल होनेवाले अधिकांश छात्रों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता, जिससे स्कूल ड्रॉप आउट अनुपात में वृद्धि होती है। ऐसी स्थितियों की समीक्षा करने तथा वंचित समुदायों से ताल्लुक रखने वाले जरूरतमंद एवं शिक्षा हासिल करने हेतु उत्सुक बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए, टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसायटी वर्ष 2010 से ही 8वीं, 9वीं तथा 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक कोचिंग चला रही है जिसका उद्देश्य है अंग्रेजी, गणित और विज्ञान जैसे तीन विषयों में छात्रों को विशेष मार्गदर्शन देना और उनके प्रदर्शन में सुधार करना। पूरे लोकेशनों में 95 केन्द्र चलाये जा रहे हैं जहां 9000 छात्रों को शिक्षा दी जा रही है, जिसमें से 40 केन्द्र जमशेदपुर ब्लॉक में तथा इसके आस-पास हैं। नये शैक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए पटमदा, पोटका, गम्हरिया, सरायक ेला और जमशेदपुर ब्लॉक से पीएमसी शिक्षकों को मागदर्शन देने के लिए टीएसआरडीएस ने 29 मई 2014 को धातकीडीह सामुदायिक केन्द्र में एक उन्मुखीकरण बैठक का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा शिक्षकों ने हिस्सा लिया।  गोविंद शरण, हेड, सस्टेनेबिलिटी, सीएसआर, टाटा स्टील ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित किया और बताया कि किस तरह विभिन्न पहलकदमियों के माध्यम से टाटा स्टील ने वर्षों से अपने परिचालन क्षेत्रों तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है। उन्होंने शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे बच्चों को उनका आत्मविश्वास हासिल करने में मदद करें। विशिष्ट अतिथि डॉ दीपाली मिश्रा, शिक्षाविद एवं टाटा एजुकेशन एक्सेलेंस प्रोग्राम (टीईईपी) की कंसल्टेंट, ने ड्रॉप आउट अनुपात में हो रही वृद्धि को रेखांकित किया और टीईईपी के माध्यम से स्कूली बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रयास के बारे में जानकरी दी साथ ही बताया कि 2 प्री-मैट्रिक कोचिंग सेंटर को टीईईपी प्रोजेक्ट में प्रायोगिक तौर पर शामिल किया गया है और 20 अन्य पीएमसी केन्द्रों को भी इसके दायरे में लाया जायेगा। राजेश चिंतक, चीफ, एचआरएम-के ऐंड ई तथा प्रोफिट सेंटर, टाटा स्टील ने टाटा स्टील के कर्मचारी स्वयंसेवा कार्यक्रम के तहत स्वैच्छिक रूप से पीएमसी शिक्षकों को विद्यार्थियों के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाने के उपायों पर परामर्श तथा मार्गदर्शन दिया। सत्र के अंत में पीएमसी शिक्षकों न े मैट्रिक परीक्षा में छात्रों की सफलता सुनिश्चित करने हेतु अपने अभ्यासों एवं अनुभवों की साझेदारी की।

कार्यक्रम की शुरुआत में स्वागत संबोधन श्रीमती दिलीथ कैसल्टन, मानद सचिव, टीएसआरडीएस ने दिया और

अंत में धन्यवाद ज्ञापन सालिनी कुजूर, मैनेजर, सीएसआर, टाटा स्टील ने किया।

 

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