छातापुर(सुपौल )सोनू कुमार भगत |
प्रखण्ड मुख्यालय स्थित यात्री शेड में जारी बिहार राज्य प्रारम्भिक शिक्षक संघ (गोप गुट ) के शिक्षको द्वारा अंतर वेतन भुगतान की मांग को लेकर जारी आमरण अनशन अनशन कार्यक्रम के पांचवे दिन मंगलवार को स्थानीय बिधायक नीरज कुमार बबलू तथा ड़ीपिऔ स्थापना मणि भूषण के इस पहल पर की प्रखण्ड क्षेत्र के सभी शिक्षको का अंतर वेतन का भुगतान आज से ही होना शुरू कर दिया जायेगा पर शिक्षको ने अनशन समाप्त कर दिया | विधायक तथा डीपी ओ ने जूस पिलाकर पर्खंड अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी का अनशन समाप्त करवाया |जानकारी अनुसार शिक्षको द्वारा अपनी मांगो की पूर्ति हेतु बीते 10 फरवरी से आमरण अनशन शुरू किया था |जिसके बाद पांचवे दिन बिधायक नीरज कुमार बबलू पहुंचकर शिक्षको से उन लोगो की मांगो को सुन समाधान हेतु बिभागीय पदाधिकारी से समपर्क किया गया |बिधायक के पहल पर डीपी ओं स्थापना मणि भूषण पहुंचकर शिक्षको के मांगो की पूर्ति हेतु उचित आस्वश्सन दिया |उन्होंने कहा कि वैसे तो दक्षता पास करने वाले शिक्षको का भुगतान जिले भर में भी लम्बित है |लेकिन छ्तापुर के शिक्षको का भुगतान पहले कर दिया जायेगा |उन्होंने कहा की उनके पास अभी 50 लाख विभागीय रूपये है जिससे छातापुर प्रखण्ड के सभी शिक्षको का अंतर वेतन कर भुगतान कर दिया जायेगा |उन्होंने सभी शिक्षको का भुगतान करने का कार्य आज से ही शुरू कर देने की बात बताते हुए कहा की सभी का एक सप्ताह के अंदर भुगतान हो जायेगा |इधर डीपी ओ के इस अस्वासन पर शिक्षको में ख़ुशी व्याप्त हो गयी |जबकि बिधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा की पदाधिकारी के धुल मूल निति के कारण शिक्षको का भुगतान लम्बित था |जिसके भुगतान हेतु पदाधिकारी लापरवाह बने थे |उन्होंने कहा की उनके दवरा अनशन पर डटे शिक्षको का भुगतान ससमय करने हेतु पहल किया वही नहीं करने की स्थिति में अपने स्तर से अनशन शुरू करने की चेतावनी दी |तब जाकर पदाधिकारी शिक्षको के भुगतान मामले में दिलचस्पी लिया |उन्होंने बताया की अगर जिले के सभी प्रखंडो के शिक्षको का अंतर भुगतान नहीं हुआ तो एक बार फिर अनसन उनके द्वारा किया जायेगा |इस मौके पर बीडीओ परवेज आलम ,बिधायक पर्तिनिधि राघवेन्द्र झा ,शुशील प्रसाद कर्ण ,गौरी शंकर भगत ,राम टहल भगत ,मुन्ना सिंह शिक्षक संघ के परदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ,पुष्पा राज ,विवेकानंद दास ,अशोक कुमार अरुण ,रुपेश कुमार रंजन ,मनोवर हुसेन ,मो फारुख आदि शिक्षक आदि थे |