● तीन दिनों के अंदर पिछले तीन वर्षों के ऑडिट रिपोर्ट और नर्सरी से बारहवीं तक कि फ़ी-स्ट्रक्चर डीएसई कार्यालय में देने का निर्देश
● बग़ैर अनुमति फ़ीस बढ़ाने वाले स्कूलों की भाजपा जिला प्रवक्ता सह शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद ने की थी शिकायत
● हिल टॉप, शिक्षा निकेतन, सेक्रेड हार्ट, एमएनपीएस, लोयोला, कार्मेल, एलएफएस समेत अन्य ग्यारह स्कूलों को अलग-अलग ज़ारी हुए नोटिस
जमशेदपुर।
मनमानी फ़ीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर नकेल कसने की कवायद जिला शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। भारतीय जनता पार्टी के जमशेदपुर महानगर प्रवक्ता अंकित आनंद के लिखित शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए डीईओ के निर्देश पर जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने सिटी के अठारह प्राइवेट स्कूलों को कारण पृच्छा नोटिस भेजा है। झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 के प्रावधानों को कड़ाई से लागू करने में भाजपा प्रवक्ता सह शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद की शिकायतों पर जिला शिक्षा विभाग सख़्त है। राजकीय गज़ट में प्रकाशित होकर बीते सात जनवरी से ही झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम प्रभावी हो चुकी है। बावजूद इसके क़ानून को धत्ता बताते हुए ज़िले के विभिन्न निज़ी स्कूलों ने शैक्षणिक सत्र 2019 के लिए मनमानी फ़ीस बढ़ोत्तरी कर दी है। इस बाबत नर्सरी एडमिशन के लिए अभिभावकों से पिछले वर्ष की तुलना में पाँच सौ रुपये से लेकर पैंतीस हज़ार रुपये तक कि फ़ीस बढ़ोत्तरी कर दी गयी है। मामले को गंभीरता से लेते हुए भाजपा जिला प्रवक्ता सह शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद ने जिला उपायुक्त, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव तक को शिकायत कर मामले में कार्यवाई को कहा था। मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार ने जेट क़ानून के अनुपालनार्थ जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय को निर्देश ज़ारी किया। इस आशय में बुधवार को जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के आरटीई सेल द्वारा शिकायत में उल्लेखित कुल 18 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस ज़ारी करते हुए तीन दिनों के भीतर लिखित जवाब देने का निर्देश ज़ारी हुआ है। स्कूलों को निर्देश है कि बीते तीन वर्षों के विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट के साथ ही शैक्षणिक सत्र 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 के लिए संबंधित स्कूलों के नर्सरी से बारहवीं तक कि कक्षावार शुल्क-संरचना (Fee Structure) जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय को तीन दिनों के भीतर दी जाए। ज्ञातव्य हो कि यह क़ानून सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में झारखंड सरकार द्वारा तैयार की गयी है जिसके दायरे में अल्पसंख्यक सहित सभी कोटि के निज़ी स्कूल आते हैं।
● इन स्कूलों को ज़ारी हुआ नोटिस :
सेक्रेड हार्ट कान्वेंट, हिल टॉप स्कूल, मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल, शिक्षा निकेतन स्कूल, डीएवी पब्लिक स्कूल बिष्टुपुर, संत मेरीज़ स्कूल, नरभेराम हंसराज इंग्लिश स्कूल, कार्मेल जूनियर कॉलेज, चिन्मया विद्यालय, लिटिल फ्लॉवर स्कूल, गुलमोहर प्राइमरी और हाई स्कूल, वैली व्यू स्कूल, लोयोला स्कूल, जेएच तारापोर स्कूल, टैगोर अकैडमी, दयानंदन पब्लिक स्कूल, केरला समाजम मॉडल स्कूल एवं डीबीएमएस कदमा हाई स्कूल।
● अभिभावकों का शोषण और मनमानी करने वाले निज़ी स्कूलों पर बड़ी कार्यवाई की उम्मीद : अंकित आनंद
शिकायतकर्ता भाजपा जिला प्रवक्ता सह शिक्षा सत्याग्रह के नेता अंकित आनंद को भी शिक्षा विभाग की ओर से इस मामले में स्कूलों को ज़ारी हुए नोटिस की एक प्रति उपलब्ध कराई गयी है। अंकित आनंद ने इस मामले में कहा कि अभिभावकों का शोषण नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए वे हर स्तर पर प्रयास करेंगे। निज़ी स्कूलों को लूट और मनमानी की छूट नहीं है और कोई भी क़ानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताया कि शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम के प्रावधान अनुसार दोषी स्कूलों पर विधिसम्मत दंडात्मक कार्यवाई निश्चित की जाएगी। अंकित आनंद ने कहा कि प्रदेश की रघुवर सरकार ने अभिभावकों को रक्षा कवच मुहैया कराया है। अब स्कूलों की मनमानी के विरुद्ध अभिभावकों को खुलकर आगे आना चाहिए।
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