
चांडिल (सरायकेला): विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नारायण आईटीआई लुपुंगडीह, चांडिल में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व संस्थान के संस्थापक डॉ. जटा शंकर पांडे ने किया।


डॉ. पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत वर्ष 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से हुई थी। यह दिन हर वर्ष 5 जून को मनाया जाता है ताकि लोग पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता को समझ सकें। उन्होंने इस वर्ष की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण को मात दें’ पर चर्चा करते हुए कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण आज वैश्विक संकट बन चुका है और इससे निपटने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
इस मौके पर नारायण आईटीआई के परिसर में वृक्षारोपण कर सभी ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। साथ ही उपस्थित लोगों ने यह भी शपथ ली कि वे प्लास्टिक का उपयोग कम करेंगे, कचरा प्रबंधन पर ध्यान देंगे और जल संरक्षण जैसे कार्यों में भाग लेंगे।
कार्यक्रम में अधिवक्ता निखिल कुमार, जयदीप पांडे, शांति राम महतो, पवन महतो, अजय मंडल, प्रकाश महतो, मोहन सिंह, देवाशीष मंडल, कृष्ण पद महतो और शुभम साहू सहित कई पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
सभी वक्ताओं ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि वृक्षारोपण जैसे छोटे-छोटे प्रयास भी पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकते हैं। स्थानीय नागरिकों और छात्रों ने भी कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
डॉ. पांडे ने कहा कि यह केवल एक दिन की गतिविधि नहीं होनी चाहिए, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। हम सबका दायित्व है कि आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ, सुरक्षित और हरा-भरा पर्यावरण दें।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान की ओर से सभी प्रतिभागियों को पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया गया और सभी से अपील की गई कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता फैलाएं।