अनुमंडल अंतर्गत मुख्य बाजार सहित रानीहाट मे जाम एक बड़ी समस्या बन गई है, जिससे हर रोज आमलोगो को रु-ब-रु होना पड़ रहा है.सड़को के किनारे लगे अतिक्रमण और प्रशासन की अनदेखी की वजह से जाम कब महाजाम बन जाती है पता नही चलता.स्टेशन चौक से लेकर दुर्गा स्थान चौक तक के स्थानीय दुकानदारो ने अपने दुकान के आगे की फुटपाथ को भी भाड़े पर लगा दिया है जो हम हमेशा सब्जी वालो से भरा रहता है और जिस वजह से सड़क सिकुड़ गई है और जाम की समस्या बढती ही जा रही है.इसके साथ-साथ बाजार के बड़े व्यापारी दिन के भीड़भाड़ वाले समय मे ही ट्रको को बीच रोड पर खड़ा करवा सामान उतरवाते है.ज्ञात हो कि
सिमरी बख्तियारपुर में बीते महीने छब्बीस तारीख को अतिक्रमण हटाओ अभियान चला था. अतिक्रमण हटाओ के पहले दिन डाकबंगला चौक से शर्मा चौक तक ही बुलडोजर चलाया गया और शाम में लोगों को लगा कि बाकी का काम दुसरे दिन किया जायेगा लेकिन दुसरे दिन अभियान नही चला.आमलोगों का कहना है कि जब अतिक्रमण से आये दिन जाम मुख्य बाजार में लगती थी और दिन ब दिन सड़क सिकुड़ कर तंग हो रही है फिर भी अतिक्रमण के साम्राज्य को नही हटाया जा रहा.हालाँकि, उस वक्त अधिकारियों ने छठ के बाद अतिक्रमण हटाने की बात कही थी परन्तु बीतते वक्त के साथ मामला शांत हो गया.वही ऐसा ही हाल रानीहाट का भी हो गया है जहाँ लोग घंटो-घंटो जाम मे फंसे रहते है और प्रशासन कुंभ समान निद्रा मे सोई रहती है.यह जाम रविवार को और भी बढ़ जाता हैं जब हरेक रविवार रानीहाट मे मवेशी हाट लग जाता है और रेलवे ढाला पर जाम के कारण गाड़ियों की लम्बी लाइन लग जाती है.स्थानीय लोगो के मुताबिक इस रेलवे ढाला पर एक रेल ओवरब्रिज अत्यंत जरूरी है जिसपर कोई ध्यान नही देता.वही बुद्धिजीवी बताते है कि रानीहाट मे जाम की समस्या का कारण ठेले पर सब्जी बेचने वाले भी है जो एनएच 107 पर जहाँ-तहाँ ठेला रोक सब्जी बेचने लगते है और जाम को विकराल कर देते है और ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था ना होंने के कारण गाड़ियों का आरी-तिरछी लाइन लग जाती है जिसे सुलझने मे घंटो लग जाते है.
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