सहरसा-सलखुआ में नोटबंदी के 17 वें दिन बैंकों में भीड़ घटी

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ब्रजेश भारती

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सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा)  ।
केश की कमी से जूझ रहें है बैंक,नुकसान हो रहा किसानों का।
नोटबंदी के सत्रहवें दिन नोट एक्सचेंज बंद करने के बाद प्रखंड के दोनों बैंकों में भीड़ काफी कम हो गया है।एक ओर बैंक ऑफ इंडिया शाखा भेलवा में पुराने नोट जमा करने को लेकर नोटबंदी से पहले आम दिनों के तरह हल्की भीड़ देखी गयी और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक बाजार शाखा में नाम मात्र की भीड़ देखी गयी।वहीं कैश के अभाव में निकासी बंद रहने से किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।ग्रामीण बैंक मुख्य बाजार शाखा में तो पिछले कई दिनों से कैश नहीं रहने के कारण लोगों को बहुत कठिनाइयाँ का सामना करना पड़ रहा है।इस संबंध में शाखा प्रबंधक प्रमोद कुमार रंजन से पुछे जाने पर बताया की बीच में कैश आया था वुधवार आधे दिन से कैश खत्म हो गया है सोमवार से नियमित रूप से कैश वितरण किया जायेगा।
वही के विभिन्न गांवों से दर्जनों किसान प्रत्येक दिन रूपये निकासी के लिए खेतीबारी छोड़कर बैंक आते हैं और यहाँ नोट नहीं मिलने के कारण निराश हो लौट रहें है।किसान जिलेश्वर महतो, उमेश यादव,सुरेश सिंह, अरविंद कुशवाहा,रामप्रवेश मुखिया आदि ने बताया कि खेती का ताल है सुबह सुबह खेत ना जा कर बैंक का चक्कर लगा रहें है ऐसे में इस बार खेती खराब होने की पुरी संभावना बन गई है ।उनलोगो का कहना था कि सरकार किसानों के लिये जो भी धोषणा करती है वह सिर्फ धोषणा तक ही रह जाती है धरातल पर कुछ नही होता है।

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