नई दिल्ली। लोकसभा के इतिहास में गुरुवार काले दिन के रूप में दर्ज हो गया। अलग तेलंगाना राज्य का बिल जैसे ही ससंद के निचले सदन में पेश हुआ सीमांध्र से जुड़े कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के सांसदों ने जमकर उत्पात काटा। लोकसभा में अखाड़ा जैसा नजारा देखने को मिला। सांसदों के बीच जमकर लात-घूसे चले, एक सांसद ने सदन में मिर्च पाउडर स्प्रे कर दिया तो एक पर चाकू निकालने का आरोप लगा। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मार्शलों को बीच-बचाव के लिए सामने आना पड़ा और ऐंबुलेंस तक बुलानी पड़ी। हंगामा करने वाले वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन, कांग्रेस से निकाले जा चुके लगदापति राजगोपाल और टीडीपी के वेणुगोपाल समेत 16 सांसदों को 5 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
संसद में मचे बवाल के बाद वहां से एक के बाद एक हैरान करने वाली खबर आ रही है। ताजा खबर के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के मछलीपटनम से टीडीपी के सांसद के नारायण राव को सीने में दर्द उठने के बाद अस्पताल ले जाया गया है। इस बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है कि उन्हें हुआ क्या है। सदन की कार्यवाही 2 बजे शुरू होने के बाद हंगामे के बीच फिलहाल 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
सदन में विजयवाड़ा के सांसद लगदापति राजगोपाल ने सांसदों के ऊपर काली मिर्च का पाउडर स्प्रे कर दिया, जिससे कई सांसद खांसने लगे और उनकी हालत खराब हो गई। आरोप है कि हाथापाई के दौरान टीडीपी के सांसद वेणुगोपाल ने चाकू निकाल लिया, हालांकि वह इससे इनकार कर रहे हैं। उनका आरोप है कि कांग्रेस के सांसदों ने उनकी पिटाई की है और वह इसकी शिकायत लोकसाभा की स्पीकर मीरा कुमार से करेंगी। एक सदस्य ने स्पीकर मीरा कुमार के आसन पर रखे कागजों को छीनना शुरू किया और रिपोर्टर टेबल पर लगे माइक को तोड़ दिया। हंगामे और अव्यवस्था की स्थिति में स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी और सदन को खाली करा दिया गया।
सत्ताधारी कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने मांग की है कि सदन के भीतर उत्पात मचाने वाले सांसदों की सदस्यता रद्द की जाए और इन्हें आपराधिक मामले के तहत गिरफ्तार किया जाए। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार इन सांसदों की गिरफ्तारी और सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव लेकर आएगी, इस पर फैसला स्पीकर को करना है। सीसीटीवी फुटेज से उपद्रव मचाने वाले सांसदों की पहचान की जा रही है। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि बिल पेश हो गया है और संसद को शर्मसार करने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मीरा कुमार ने कहा कि संसद में आज जो कुछ भी हुआ वह शर्मसार करने वाला है।
तेलंगाना बिल को लोकसभा पेश में किए जाने के मद्देनजर पहले से ही सदन के भीतर बवाल की आशंका थी। तेलंगाना समर्थन और विरोधी संसद के बाहर सुबह से जमा होने लगे थे। सदस्यों के भारी शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज 11 बजे शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सीमांध्र क्षेत्र के कांग्रेस, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य एकीकृत आंध्र प्रदेश की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था, ‘आंध्र प्रदेश को एक रखें’ और ‘हम एकीकृत आंध्रा चाहते हैं।’ स्पीकर ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की और एक प्रश्न को भी लिया, लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा। शोर-शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर 12 बजे स्पीकर ने जैसे ही तेलंगाना बिल पेश करने के लिए गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का नाम लिया। सीमांध्र से जुड़े सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और शिंदे के हाथ से बिल फाड़ने की कोशिश की। भारी अफरातफरी में वेणुगोपाल द्वारा कागज छीने जाने और माइक तोड़े जाने के बीच कांग्रेस के राजगोपाल ने पहले रिपोर्टर टेबल पर रखे बक्से को तोड़ दिया और उसके बाद जेब से स्प्रे निकालकर उसे चारों तरफ छिड़कना शुरू कर दिया, जिससे सदन और उसकी दीर्घाओं में लोग खांसने लगे। हंगामा कर रहे सदस्यों को विभिन्न दलों के सदस्यों ने आकर रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे काबू में नहीं आ रहे थे। कई सदस्यों ने राजगोपाल के हाथ को झटककर स्प्रे की बोतल छीनने का प्रयास किया और काफी देर बाद वह उनसे स्प्रे ले पाए।
स्प्रे छिड़कने से सदन में और दर्शक एवं पत्रकार दीर्घाओं में बैठे लोगों को खांसी आनी शुरू हो गई, जिसके कारण ऐंबुलेंस बुलानी पड़ी। स्प्रे से अधिक प्रभावित होने वाले कुछ सांसदों को ऐंबुलेंस द्वारा राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। चाकू निकालने के आरोप का सामना कर रहे वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने चाकू नहीं निकाला था, बल्कि सिर्फ माइक तोड़ी है। वेणुगोपाल ने कहा कि मैंने सेक्रेटरी जनरल के सामने वाली माइक तोड़ी थी, जिसे चाकू बताया जा रहा है।
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