भगवान भोग के नहीं भाव के भूखे होते हैं – शास्त्री
जमशेदपुर। बुधवार को परसुडीह सोसाइटी काॅलोनी स्थित श्री शिव दुर्गा हनुमान मंदिर में श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ, जो 19 फरवरी मंगलवार तक चलेगा। भागवत कथा रोजाना दोपहर 2 से संध्या 6 बजे तक होगा। इस धार्मिक अवसर पर बुधवार की सुबह मकदमपुर श्रीराम मंदिर से 101 महिलाओं द्धारा जल लेकर कलश यात्रा निकाली गई, जो कथा स्थल शिव दुर्गा हनुमान मंदिर में आकर संपन्न हुई। श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिन बुधवार को कोलकाता से पधारे आचार्य प्रसन्न कुमार शास्त्री ने व्यासपीठ पर आसीन होकर अपनी सुमधुरवाणी से भागवत के महत्व पर परिचर्चा करते हुए कथामृत का भक्तों को रसपान कराया और कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने और सुनने से असीम शांति का अनुभव होता है। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य (तीनों) की प्राप्ति भागवत कथा श्रवण मात्र से प्राप्त हो जाती हैं। ये तीनों तप का ऐसा संगम है जिसको सुनने व सुनाने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। यह भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात रूप है। आचार्य ने कहा कि भगवान भोग के नहीं भाव के भूखे होते हैं। जगत के व्यक्ति और जगदीश में अंतर यही है कि व्यक्ति भोग को प्रधानता देता है, जबकि भगवान की भक्ति में केवल भाव जरूरी है। कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि अध्यात्म आत्मा का विषय है। जो व्यक्ति जगदीश को जिस भाव से भंजता है उसी भाव से फल प्राप्त करता है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालूओं को हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने, अहिंसा का रास्ता अपनाने तथा ईश्वर की अराधना करने की सीख दिया।
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