जमशेदपुर.
असम के मुख्यमंत्री एवं झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने एक बार फिर झारखण्ड के हेमंत सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि घुसपैठिए के मामले में हेमंत सोरेन केन्द्र सरकार को दोष मत दे. केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी के सवाल पर हेमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर केन्द्र को जिम्मेदारी दे दी जाती है तो केन्द्र के लिए खुशी की बात होगी. अगर झारखंड सरकार हमें पत्र लिखकर झारखंड से घुसपैठिए बाहर करने की जिम्मेदारी केन्द्र को दे तो वे लोग सहयोग करेंगे और हेमंत सोरेन को हीरो बोल कर जाएंगे. सिर्फ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस सबंध एक पत्र लिखकर कर दें, बाकि सारा झमेला हमलोग का रहेगा. वे संगठनात्मक बैठक में शामिल होने जमशेदपुर आए हुए थे. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने उपरोक्त बातें कहीं.उन्होंने कहा कि हमारे भारत देश के असम और बंगाल से बांग्लादेश सटा हुआ है और वेस्ट बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला झारखंड के पाकुड़ जिला से सटा हुआ है. पिछले 20 साल के वोटर लिस्ट देखें तो संतालपरगना और उनके आस -पास के जिले में जनसंख्या 20 प्रतिशत से 50-60 प्रतिशत तक बढ़ गई है. अगर घुसपैठियों को अभी नहीं रोका गया तो झारखंड की स्थिति भी असम जैसी हो जाएगी. उन्होंने असम का उदाहरण देते हुए कहा कि असम में 40-42 प्रतिशत हिंदू मुस्लिम का डेमोग्राफी चेंज हुआ है. उन्होंने कहा कि 1951 में 12 -14प्रतिशत था, अब वह 40-42 प्रतिशत बढ़ा है. उन्होंने कहा कि बंगाल में भी 30 प्रतिशत बढ़ा है. उन्होंने कहा घुसपैठिए में असम पहले नबंर पर, दूसरे नबंर पर पश्चिम बंगाल और तीसरे नबंर पर झारखंड है. उन्होंने कहा कि घुसपैठिए को अभी नहीं रोका जाता है तो आपलोगों की स्थिति भी असम जैसी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकारें आएंगी और जाएंगी, लेकिन प्रदेश को बचाने की तैयारी सभी पार्टियों की है. उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से निवेदन करते हुए कहा कि घुसपैठिए के मुद्दे को नजरअंदाज नही कीजिए. अगर इसको नजरअंदाज करते हैं तो तीस साल के बाद ये लोग सत्ता पर काबिज होंगे और आप बाहर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आई तो इन मुद्दों का समाधान करेगी.उन्होंने बताया कि उन्होंने असम में मदरसा को बंद कराया और चंडीगढ जितनी बड़ी जमीन को मुक्त कराया. उन्होंने कहा कि जो क्षति होनी थी हो गई,अब आगे न हो,यह सुनिश्चित होना चाहिए.

