नये एमटीएमएच में अत्याधुनिक नैदानिक उपकरणों से लैस व्यापक कैंसर सेवा सुविधा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
जमशेदपुर।
टाटा स्टील के मेडिकल सर्विसेज जीएम राजन चौघरी के मौजदूगी में आज एमटीएमएच में एक उन्नत इमेजिंग और डायग्नोस्टिक सेवा ‘‘पीईटी-सीटी’’ शुरू की गई।
पीईटी-सीटी कैंसर के मरीजों के प्रबंधन का एक अनिवार्य हिस्सा है। बीमारी के फैलने, पुनरावृत्ति आदि का जल्द पता लगने पर ही वैज्ञानिक उपचार दिया जा सकता है। पीईटी-सीटी दो फायदे प्रदान करता है। पहला यह कि पीईटी-सीटी मॉलेकुलर लेवल पर रोग का जल्दी पता लगाता है (इसलिए, इसे मोलेकुलर इमेजिंग के रूप में भी जाना जाता है) और दूसरा कि यह ट्यूमर की प्रकृति का पता लगाने में भी मदद करता है।
आज चार कैंसर मरीजों ने पीईटी-सीटी स्कैन कराया। यह एक ऐसी सुविधा है, जो अब से पहले झारखंड में उपलब्ध नहीं थी और इसके लिए मरीजों को कोलकाता और अन्य स्थानों की यात्रा करनी पड़ती थी।
इस महत्वपूर्ण विकास पर टिप्पणी करते हुए डॉ. राजन चौधरी ने कहा; “दुनिया के इस हिस्से में कैंसर सेवा परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करने की सोच आज साकार हुई। आज का मार्गदर्शी विकास कैंसर और अन्य घातक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में और गति प्रदान करेगा। अब पीईटी-सीटी स्कैन के लिए लंबी दूरी की यात्रा की आवश्यकता नहीं रही, क्योंकि राज्य के मरीजों के पास बेहतरीन बुनियादी ढांचे उपलब्ध है और यहां तक उनकी आसान पहुंच है।
डॉ. सुजाता मित्रा, हेड न्यूक्लियर मेडिसिन ने आज किये गये चार पीईटी-सीटी स्कैन की रूपरेखा प्रदान की।
डॉ. मित्रा के अनुसार, स्कैन कराने वाले एक मरीज के दो अंगों का कैंसर है। कीमोथेरेपी और विकिरण के बाद डॉक्टर अब जांच करना चाहते हैं कि क्या यह बीमारी फेफड़ों में फैल गई है। यहाँ पीईटी-सीटी बचाव में आता है, क्योंकि एक सामान्य सीटी इसकी पुष्टि नहीं कर सकता है। पीईटी-सीटी के निष्कर्ष भविष्य में उपचारात्मक कार्रवाई के कोर्स तय करने में मदद करेंगे।
एक अन्य कैंसर रोगी में लिम्फ नोड्स भी हैं। उसकी बीमारी का हाल ही में उपचार किया गया था और अब कंसल्टेंट बीमारी के विस्तार के अनुसार उपचार की योजना बनायेगा। यहां पीईटी-सीटी प्रारंभिक बीमारी के मंचन और उपचारात्मक कार्रवाई के कोर्स तय करने में मदद करेगा।
तीसरे मरीज के मामले में, फेफड़े और हड्डियों के कैंसर का पता चला है। उपचार शुरू होने से पहले कैंसर के स्थान की पुष्टि की जानी चाहिए और पीईटी-सीटी उसी का पता लगाने में मदद करेगी। चौथे मरीज को रोग की पुनरावृत्ति का संदेह है, जहां पीईटी-सीटी निष्कर्षों के आधार पर फिर से उपचार दिया जाएगा।
चिकित्सा के अन्य क्षेत्र जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी आदि के क्षेत्र में भी पीईटी-सीटी मदद करता है।
एम्स से पोस्ट ग्रेजुएट डॉ. गिरीश परीड़ा पीईटी-सीटी सलाहकार के रूप में शामिल हुए हैं। पीईटी-सीटी मशीन अब एमटीएमएच में पूरी तरह से काम कर रहा है और झारखंड में रोगियों और चिकित्सकों दोनों के लिए रोग प्रबंधन में काफी मददगार साबित होगा।
इस साल मार्च में, टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन श्री रतन टाटा ने श्री एन चंद्रशेखरन, चेयरमैन, टाटा संस के साथ नये पुनर्निर्मित मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (एमटीएमएच) में नयी व्यापक कैंसर सेवा सुविधा का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य झारखंड में कैंसर की देखभाल में सुधार लाने के लिए दूरगामी प्रभाव लाना था।
एमटीएमएच में स्थापित पीईटी-सीटी मशीन झारखंड में एकमात्र है और यह एक महत्वपूर्ण नैदानिक शाखा है, जो कैंसर और इसकी और पुनरावृत्ति का जल्द पता लगाती है। ब्रैकीथेरेपी उपकरण, जिसे इंट्रा-कैविटी विकिरण देने के लिए उपयोग किया जाता है, को भी बदल दिया गया है। इसके अलावा, अत्याधुनिक ट्रू बीम रेडियोथेरेपी मशीन काफी उन्नत और सटीक विकिरण चिकित्सा के साथ रोगियों के इलाज के लिए केंद्र की क्षमता को बढ़ाएगी।
एमटीएमएच में अब 130 बेड हैं और यह अत्याधुनिक उपकरणों के साथ आधुनिक कैंसर निदान व उपचार की सुविधा से लैस है। कम समय के लिए अस्पताल में रहने वाले रोगियों की सेवा के लिए 58 बेड डे केयर वार्ड भी है। यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि एमटीएमएच जमशेदपुर, जो 1975 में स्थापित किया गया था, राज्य में अनुकरणीय कैंसर देखभाल सेवाओं का प्रदाता रहा है। एमटीएमएच का नाम सर दोराबजी टाटा की पत्नी लेडी मेहरबाई टाटा के नाम पर रखा गया है, जो एक सदी से भी अधिक समय तक सामाजिक परिवर्तन और महिलाओं के अधिकारों की एक अग्रणी चैंपियन रहीं।
अब जबकि टीएमएच सर्जिकल और मेडिकल ऑन्कोलॉजी सेवा प्रदान करेगा, अगले कुछ वर्षों में एमटीएमएच राज्य में कैंसर रोगियों के लिए एक स्तर के रेफरल अस्पताल के रूप में खुद को स्थापित करने का प्रयास करेगा।
उल्लेखनीय है कि एमटीएमएच सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे कि सेल, एचईसी, एचसीएल, सीसीएल, एनएमएल, रेलवे और अन्य के लिए अपनी सेवाएं देता है। एमटीएमएच के ओपीडी में हर साल लगभग 25,000 मरीज आते हैं। वार्षिक दाखिला संख्या 9,500 के आसपास है जिनमें से 3,000 नये रोगी हैं। आंकड़े हर साल लगभग 7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं।
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