JAMSHEDPUR – MP ने मुसाबनी ग्रुप ऑफ माइंस की राखाकॉपर, चापड़ी एवं सुरदा माइंस को खोलने की भी की मांग, कहा-प्लांट एवं माइंस खुलने से बढ़ेगा रोजगार

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JAMSHEDPUR।हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की बन्द पड़ी मऊभंडार प्लांट, राखाकॉपर एवं चापड़ी तथा सुरदा माइंस को जल्द चालू कराने के लिए सांसद विद्युतवरण महतो लगातार प्रयासरत है। सांसद ने बुधवार को केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी से मिलकर बंद पड़ी प्लांट एवं खदानों को चालू कराने के लिए मांगपत्र भी सौंपा है। इस सम्बंध में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश साव ने जानकारी दी है।
सांसद विद्युतवरण महतो ने केंद्रीय मंत्री से मिलकर बताया कि वर्ष 1932 से ही एचसीएल की मऊभंडार में प्लांट स्थापित है। कम्पनी प्रबंधन की लापरवाही के कारण प्लांट बीते करीब दो वर्ष से बन्द पड़ी है जिससे हजारों ठेका मजदूर बेरोजगार हो गए है। आर्थिक तंगी के ठेका मजदूरों के लिए परिवार का भरण-पोषण से लेकर बेटियों की शादी तथा बच्चों की पढ़ाई तक कराना मुश्किल हो गया है। प्लांट बन्द होने से स्थायी मजदूर भी अपने भविष्य को लेकर आशंकित है। एचसीएल के सीएमडी से कई दफा प्लांट चालू करने की मांग की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। प्लांट चालू कर युवाओं को रोजगार देने के बजाए प्रबंधन निजी कंपनियों को कॉपर कन्सन्ट्रेट बेच रही है जिसे लेकर मजदूरों के बीच नाराजगी व्याप्त है। सांसद ने केन्द्रीय मंत्री से बन्द पड़ी प्लांट को जल्द चालू कराने की मांग की है ताकि महामारी के बीच मजदूरों को परेशान होना नहीं पड़े।

सांसद ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से की राखाकॉपर एवं चापड़ी माइंस को जल्द शुरू कराने की मांग, कहा-खदानें खुलने से मऊभण्डार प्लांट को मिलेगा पर्याप्त कन्सन्ट्रेट, विदेश से आयत पर खत्म होगी निर्भरता

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सांसद विद्युतवरण महतो ने केन्द्रीय खान मंत्री से राखाकॉपर एवं चापड़ी माइंस भी शुरू कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राखाकॉपर एवं चापड़ी माइंस को शुरू कराने के लिए 5 वर्ष पूर्व ही सभी जरूरी क्लियरेंस एचसीएल को दिला दी गई थी। दो साल पूर्व तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने कम्पनी के सीएमडी संतोष शर्मा संग बन्द खदानों को चालू करने तथा रोआम में कन्संट्रेटर प्लांट की स्थापना के लिए भूमिपूजन किया था। कंसंट्रेट प्लांट के लिए तत्कालीन राज्य सरकार पहले ही एचसीएल को 100 एकड़ जमीन उपलब्ध करा चुकी है। एचसीएल को खदानों के संचालन के लिए माइन डेवलपर्स एंड ऑपरेशन (एमडीओ) नियुक्त करना था जो वर्ष 2018 से ही सभी प्रकार की अनुमोदित एवं मंजूरी प्राप्त करने के बाद भी लंबित थी। इसके बाद भी एचसीएल ने माइंस खोलने की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की है। खदानों के एमडीओ के लिए ठेकेदार तक नियुक्त नहीं कर सकी है। कम्पनी के दो सीएमडी केडी दीवान एवं संतोष शर्मा इस दरम्यान रिटायर हो गए है जबकि तीसरे सीएमडी अरुण शुक्ला का कार्यकाल भी समाप्ति की ओर है। एचसीएल के तीनों सीएमडी ने बन्द खदानों को खोलने की दिशा में कभी भी कोई ठोस एवं सकारात्मक कदम नहीं उठाया है जिससे स्थानीय लोगों के बीच नाराजगी है। सांसद ने कहा कि खदानें खुलने से मऊभंडार प्लांट को पर्याप्त मात्रा में अयस्क मिल सकेगा। साथ ही कॉपर की घरेलू जरूरत को भी एचसीएल काफी हद तक पूरी कर सकेगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत सरकार ने विदेश से करीब 75 सौ करोड़ रुपए मूल्य के लगभग 1.5 लाख टन परिष्कृत ताम्बे का आयात किया था। एचसीएल की खदानें खुलने से देश को बाहर से आयत करने पर ज्यादा निर्भर रहना नहीं पड़ेगा। वही, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।

सांसद ने केन्द्रीय खान मंत्री से की अपील-सुरदा माइंस की लीज नवीकरण के लिए राज्य सरकार पर बनाए दबाव

सांसद विद्युतवरण महतो ने केन्द्रीय खान मंत्री से सुरदा खदान के लीज नवीकरण को लेकर चर्चा की। कहा कि राज्य सरकार द्वारा लीज नवीकरण को मंजूरी नहीं दिए जाने के कारण सुरदा माइंस बीते डेढ़ वर्ष से बन्द पड़ी है। यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य एवं गरीब पिछड़ा है। केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ एचसीएल को एनओसी जारी की थी। एनओसी के आधार पर ही राज्य सरकार ने लीज नवीकरण को मंजूरी देने की बात कही थी। हालांकि सरकार ने अब तक मंजूरी नहीं दी है जिससे हजारों मजदूर बेरोजगारी की मार झेल रहे है। लीज नवीकरण को लेकर मजदूर लगातार आंदोलन भी कर रहे है। सांसद ने केन्द्रीय मंत्री से अपील किया कि राज्य सरकार पर लीज नवीकरण के लिए दबाव बनाएं। सांसद के मुताबिक केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें बताया कि उनकी (सांसद) मांग पर दो बार पहले भी राज्य सरकार से बात कर सुरदा माइंस के लीज नवीकरण को मंजूरी देने के लिए कहा गया है। इसके बाद भी सरकार कोई पहल नहीं कर रही है। केन्द्रीय मंत्री ने पुनः सुरदा माइंस के लीज नवीकरण को लेकर राज्य सरकार से बात करने का भरोसा दिया है जिससे आर्थिक तंगी से जूझ रहे मजदूरों को रोजगार मिल सकें

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