मोतिहारी -NDRF की टीम ने गर्भवती महिला को बचाया

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मोतिहार । उत्तर बिहार बाढ़ में राहत एवं बचाव में जुटी 9वी वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एन०डी०आर०एफ०) के रेस्क्यू बोट पर एक गर्भवती महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। मोतिहारी जिलान्तर्गत गर्भवती महिला सबीना खातून (41 वर्ष), पत्नी- नासिर आलम अपने बाढ़ प्रभावित गाँव गोबरी, प्रखण्ड- बंजरिया में प्रसव वेदना से परेशान थी। उनके परिजनों द्वारा नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजरिया पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी। साथ ही इसकी सूचना मोतिहारी में तैनात 9वी वाहिनी एन०डी०आर०एफ० टीम कमाण्डर निरीक्षक महेन्द्र सिंह धामी को मिली। उस समय सहायक उप निरीक्षक विजय झा के नेतृत्व में एन०डी०आर०एफ० की एक सब-टीम बाढ़ प्रभावित प्रखण्ड बंजरिया में राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई थी। टीम कमाण्डर के निर्देश पर एन०डी०आर०एफ० के बचावकर्मी त्वरित कार्यवाही करते हुए सहायक उप निरीक्षक विजय झा के नेतृत्व में तुरन्त प्रसव पीड़ित महिला के गाँव पहुँचे।

फिर प्रसव पीड़ित महिला- सबीना खातून को उनके परिजनों तथा साथ में ‘आशा’ कर्मचारी के साथ एन०डी०आर०एफ० के मोटर बोट से नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजरिया (मोतिहारी) सुरक्षित पहुंचाने में जुट गए। बोट पर एन०डी०आर०एफ० के नर्सिंग असिस्टेंट राणा प्रताप यादव भी मौजूद थे। बूढ़ी गंडक बाढ़ के मजधार में गर्भवती महिला का प्रसव वेदना और बढ़ गया। महिला की गम्भीर हालत एवं उनके जान जोखिम को देखते हुए एन०डी०आर०एफ० बोट पर ही प्रसव कराने का फैसला लिया गया। आखिर में एन०डी०आर०एफ० के नर्सिंग असिस्टेंट, ‘आशा’ कर्मचारी तथा उनके परिवार के महिलाओं के सहयोग से सफल एवं सुरक्षित प्रसव करा लिया गया। सबीना खातून ने एन०डी०आर०एफ० रेस्क्यू बोट पर एक बच्ची को जन्म दिया। फिर महिला और नवजात शिशु को एम्बुलेन्स की मदद से स्वास्थ्य केन्द्र बंजरिया में भर्ती करवा दिया गया। महिला और नवजात शिशु दोनों स्वस्थ्य हैं।

श्री विजय सिन्हा, कमान्डेंट, 9वी वाहिनी एन०डी०आर०एफ० ने बताया कि बाढ़ प्रभवित इलाकों से सुरक्षित निकालने के क्रम में एन०डी०आर०एफ० बोट पर यह दसवें बच्चे का जन्म है। हमारे बचावकर्मियों का उद्देश्य गर्भवती महिला को जल्द से जल्द सुरक्षित तरीके से नजदीकी अस्पताल पहुंचना का होता है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि एन०डी०आर०एफ० के बचावकर्मी आपदा रेस्पांस के अन्य तकनीकों के साथ-साथ प्रथम चिकित्सा उपचारक में प्रशिक्षित होते हैं। उन्हें सुरक्षित प्रसव कराने के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है ताकि आपदा में जरूरतमंद को हर संभव मदद किया जा सके।

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