जमशेदपुर:मिथिला सांस्कृतिक परिषद का द्विवार्षिक चुनाव चौबीस अप्रैल को मिथिला सांस्कृतिक परिषद जमशेदपुर के विधापति परिसर गोलमुरी में है इस बार का चुनावा काफी रोचक बनता जा रहा है। सभी लोग आजीवन सदस्य से मिल रहे हैं अपने पक्ष में मत करने के लिए इस बार पुनः मानगो थाना क्षेत्र के मानगो दाईगुटू के रहने वाले मोहन ठाकुर मैदान में डटे हुए हैं मोहन ठाकुर मिलनसार के साथ साथ मृदभाषी एक व्यवसायी हैं इसके अलावे शहर के कई समाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं समाज के हरेक सुख –दुख में खड़े रहने वाले मोहन ठाकुर की एक अलग पहचान हैं। मोहन ठाकुर के पिता स्व.वैधनाथ ठाकुर उर्फ़ कारी ठाकुर राजनीतिक दल से जुड़े हुए थे वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सिंहभूम जिला सचिव भी थे दरभंगा जिला के मकरंदा गांव के मोहन ठाकुर रहने वाले हैं मिथिला सांस्कृतिक परिषद की गरिमा को बचाना मेरा मुख्य उद्देश्य – मोहन ठाकुर
मोहन ठाकुर ने कहा कि मेरा मुख्य उद्देश्य है कि सभी मैथिलों को एक मंच में लाना।वेसे वे समाज के सुख दुख में हमेशा खड़ा रहते है। उन्होने बिहार झारखण्ड न्यूज संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा है कि मिथिला सांस्कृतिक परिषद की गरिमा को बचाना मिथिला की संस्कृति और सभ्यता के विकास पर बढ़-चढ़कर काम करना मिथिला की संस्कृति को बचाना और रक्षा करना उनका पहला कर्तव्य है। मिथिला के कई विभुतियों को समाज के बीच में लाकर इन महापुरुषों के बदौलत मिथिला को एक स्थान प्राप्त है जिसे आज के युवा पीढी नहीं जानते हैं। वैसे महापुरुषों को युवाओं के बीच लाकर उनके कामों से प्रेरणा लेने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा उन्होने कहा कि मिथिला में जितने भी पर्व होते हैं उसे सामूहिक रूप से मनाने का प्रयास किया जाएगा और युवाओं का भी उस ओर ध्यान आकृष्ट कराना पहला कर्तव्य होगा मिथिला सांस्कृतिक परिषद जमशेदपुर का उच्च स्तरीय कार्यक्रम हो जिससे विश्व स्तर पर संस्था का पहचान बने इसके अलावे मिथिला सांस्कृतिक परिषद का पहुंच आज भी निम्न वर्ग तक नहीं पहुंच पाया है। इस पर कार्य करने की जरूरत है । निम्न वर्ग तक पहुंचाना और उनकी समस्या का समाधान करना निम्न वर्ग के लोग संस्था के रीढ़ होते हैं उनकी बुनियादी समस्या का निराकरण करना।उनका प्रमुख उद्देश्य है। मिथिला सांस्कृतिक परिषद का चुनाव क्षेत्रीय स्तर पर कराना और चुनावी प्रक्रिया को सरलीकरण बनाना उनका पहला प्रयास है
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