जमशेदपुर।
किसी भी सभ्यता और संस्कृति के विकास का मुख्य आधार उसके भाषा और लिपि के विकास में निहित होता है। मिथिला की सभ्यता और संस्कृति अत्यंत प्राचीन होने के साथ-साथ मैथिली भाषा आदि काल से समृद्ध रही है। जनक, याज्ञवल्क्य सरीखे मनीषियों की भाषा मैथिली की अपनी स्वतंत्र लिपि भी रही है। लेकिन कालांतर में इस लिपि को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास किया जाने लगा। मिथिला की धरोहर लिपि मिथिलाक्षर को संरक्षित एवं संवर्धित करने के उद्देश्य से मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश पत्रिका के माध्यम से आम मैथिल जन को जागरूक करने का प्रयास वर्ष 2013 में किया जाने लगा। आगे चलकर 9 अक्टूबर 2014 को मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान की स्थापना कर मिथिलाक्षर साक्षरता को मूर्त रूप दिया जाने लगा।
उक्त बातें मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक एवं नासिक से प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश के संपादक पं अजय नाथ झा ‘शास्त्री’ ने शनिवार को लक्ष्मीनाथ गोसांई कुटी, विष्टोपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में संचार क्रांति का अभियान को काफी फायदा मिला और व्हाट्सएप एवं फेसबुक के माध्यम से मिथिलाक्षर साक्षरता की पाठशाला सोशल मीडिया में पूरे दमखम के साथ सजने लगी और 90 दिन के पाठ्यक्रम से हजारों की संख्या में मिथिलाक्षर प्रवीण होने लगे।
संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित अभियान के वरीय संरक्षक धर्मेंद्र कुमार झा ने अभियान के विभिन्न आयामों पर विस्तार से प्रकाश डाला । वरीय संरक्षक एवं अभियान के मीडिया प्रभारी प्रवीण कुमार झा ने अब तक आयोजित सम्मान समारोहों की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए झारखंड में मैथिली को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिए जाने के लिए झारखंड सरकार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
जमशेदपुर में रविवार को आयोजित हो रहे समारोह के बारे में जानकारी देते हुए आयोजक मंडल के सक्रिय सदस्य पंकज कुमार राय एवं विक्रम आदित्य सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत रविवार की सुबह 10 बजे लक्ष्मीनाथ गोसांई की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने उपरांत भव्य शोभायात्रा से होगी। मिथिला के पारंपरिक परिधान में शुरू होने वाली यह शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से गुजरते हुए होटल द कैनेलाइट में पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि सम्मान समारोह में कोल्हान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ शुक्ला मोहंती एवं जियाडा की क्षेत्रीय उप निदेशक रंजना मिश्र सहित अनेक गणमान्य लोगों की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। सम्मान समारोह में मिथिलाक्षर प्रवीण उपाधि अर्जित करने वाले सैकड़ों अभियानों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने के साथ ही अभियान में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अनेक व्यक्तियों को सम्मानित भी किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में वरीय अभियानी कृष्णकांत झा, डाॅ हरे कृष्ण झा, वंशीधर झा, उग्र नाथ झा, सुधीर कुमार झा आदि ने भी अपने विचार रखे
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