Ministry of Railways :मालभाड़ा राजस्व में 4 वर्षों में ₹54,805 करोड़ की वृद्धि, 2019-20 में ₹1.13 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹1.68 लाख करोड़ हुआ
यात्री राजस्व में 4 वर्षों में ₹20,024 करोड़ की वृद्धि, 2019-20 में ₹50,669 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹70,693 करोड़ हुआ

भारतीय रेलवे द्वारा माल और यात्री संचालन से उत्पन्न राजस्व पिछले पाँच वर्षों में निम्नलिखित रहा है:
वित्तीय वर्ष | राजस्व (₹ करोड़ में) |
मालभाड़ा | |
2019-20 | 1,13,488 |
2020-21* | 1,17,232 |
2021-22* | 1,41,096 |
2022-23 | 1,62,263 |
2023-24 | 1,68,293 |
*COVID वर्ष
भारतीय रेलवे द्वारा 2019-20 से 2023-24 तक फ्लेक्सी फेयर, तत्काल और प्रीमियम तत्काल से अर्जित राजस्व लगभग 5.7% है जो यात्री सेवाओं से कुल प्राप्त राजस्व का हिस्सा है। टिकटों के रद्द होने पर जो राशि अर्जित होती है, वह अलग से दर्ज नहीं की जाती है।

01.04.24 तक, भारतीय रेलवे में लगभग 79,000 कोच चलाए जा रहे हैं। इसके विवरण निम्नलिखित हैं:
कक्षा | कोचों की संख्या | सीटों की संख्या |
सामान्य और गैर-एसी स्लीपर | ~56,000 (कुल का 70%) | ~51 लाख |
एसी कोच | ~23,000 | ~14 लाख |
कुल | ~79,000 | ~65 लाख |
2019-20 से 2023-24 तक यात्री सीटों और राजस्व का विवरण निम्नलिखित है:
कक्षा | कुल सीटों का औसत % हिस्सा | कुल यात्री राजस्व का औसत % हिस्सा |
गैर-एसी कोच (सामान्य / स्लीपर आदि) | ~82% | ~53% |
एसी कोच | ~18% | ~47% |
यह जानकारी रेलवे, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव