अजय धारी सिंह
मधुबनी: कोरोना की दूसरी लहार के बीच शहर के निजी हॉस्पिटल क्रिब्स के प्रबंधक पर जिला प्रशासन को ऑक्सीजन की उपलब्धता छुपाने एवं मरीजों के परिजनों से ओवर चार्ज लेने के मामले में मधुबनी के DM अमित कुमार के निर्देश पर नगर थाना में क्लीनिकल अधिनियम 2010 की सुसंगत धाराओं के तहत FIR दर्ज किया गया है.
क्लीनिकल अधिनियम 2010 ये तहत मामला दर्ज
मामला कोरोना से मृत रामप्रीत साहू का है, जिनके परिजन ने क्रिब्स अस्पताल द्वारा ओवर चार्ज लेने की शिकायत की. कोरोना से मृत रामप्रीत साहू की पुत्री निहारिका ने बताया कि अस्पताल के द्वारा 1 लाख 50 हजार की राशि अग्रिम जमा कराने के बाद रोजाना 10, 12, 28, 6, 7 हजार तक कि दवाएं मंगाई जा रही थी. लेकिन दवा कहाँ जा रहा था कुछ पता नही चल रहा था. वही जब वेंटिलेटर की जरूरत थी तब वेंटिलेटर नही दिया गया. लाखो रुपए खर्च करने के बाद मरीज को दूसरे हॉस्पिटल ले जाने को कहा गया और उसके पिता की मौत हो गई. दूसरी ओर भारी भरकम बिल 8 लाख पेमेंट करने को कहा. जिसके बाद 4 लाख में बात खत्म हुई लेकिन फाइनल बिल भी अबतक नही दिया गया. पीड़ित ने बताया कि उसके पिता की कोरोना से मौत हुई, दवा भी कोरोना का चला, लेकिन कोरोना से सम्बंधित जाँच रिपोर्ट उसको नही दिया गया है.
DM ने जाँच के बाद दिया FIR का निर्देश
बिल की बात DM अमित कुमार तक जब पहुँची, तब DM अमित कुमार के निर्देश पर सदर SDO (IAS ट्रेनी) अभिषेक रंजन के नेतृत्व में चार सदस्यीय जाँच टीम का गठन किया गया. जिसमें जिला खेल पदाधिकारी, औषधि निरीक्षक एवं जिला संचारी रोग पदाधिकारी ने क्रिब्स हॉस्पिटल पर लगे मामले की जाँच की. जाँच के उपरांत क्रिब्स अस्पताल पर लगे सभी आरोप सही पाया गया. DM अमित कुमार के टेबुल पर जाँच रिपोर्ट पहुचते ही DM के निर्देश पर थाने में FIR दर्ज कराई गई. SDO अभिषेक रंजन ने एबीपी न्यूज़ की टीम को बताया कि क्रिब्स अस्पताल पर मरीजो से ओवर चार्ज करने की शिकायत मिली. DM सर के निर्देश पर जाँच की गई, प्रथमदृष्टया मामला सही लगा. जिसके आधार पर DM अमित कुमार को रिपोर्ट सौंपी गई. उसके बाद उनके निर्देश पर थाने में FIR दर्ज कराई गई.
शिकायतकर्ता को मिली इंसाफ मिलने की उम्मीद
अब सब की नजर पुलिस के आलाधिकारियों पर टिकी है, कि कब पुलिस अपना कार्यवाही प्रारम्भ करती है. वहीं क्रिब्स हॉस्पिटल के प्रबंधन ने इस मामले को लेकर कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. मामले की शिकायतकर्ता पीड़ित मृतक रामप्रीत साहू की पत्नी व पुत्री को प्रशासन के इस कदम से इंसाफ मिलने की उम्मीद जगी है. लेकिन देखना होगा कि अन्य अस्पताल इस तरह के मामले को लेकर अब भी कितने सचेत और संवेदनशील होते हैं.
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