लोहरदगा
नीति आयोग के केंद्रीय संयुक्त सचिव -सह-आकांक्षी जिला प्रभारी सत्येंद्र गर्ग ने आज लोहरदगा जिले में चल रहे आकांक्षी जिला योजनाओं व वर्ष 2018-2019 में दिए गए लक्ष्य व उसकी प्राप्ति की समीक्षा की। उनके द्वारा 2018-19 के दौरान केपीआई के उपलब्धि की समीक्षा की गई।
संयुक्त सचिव द्वारा जिला समाज कल्याण व स्वास्थ्य विभाग को 2 वर्ष 2018-19 में दिए गए लक्ष्य के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को आईसीडीएस के कार्यक्रम तहत दिए जाने वाले पोषाहार की समीक्षा की गयी। इसमें पाया गया कि राज्य सरकार द्वारा पोषाहार की आपूर्ति की जा रही है। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि इस दौरान किस तरह का पोषाहार प्रदान किया जाता है। केपीआई के अंतर्गत हेल्थ व न्यूट्रिशन के तहत गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान नियमित चेकअप, संस्थागत प्रसव, 5 वर्ष से कम उम्र के अल्प वजनी बच्चों की स्थिति, बच्चों को डायरिया के दौरान ओआरएस दिए जाने, डायरिया से ग्रस्त 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को जिंक देने, टीबी के मरीजों की नियमित पहचान, स्वभवन में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों का अनुपात, नवजात में ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों की संख्या, एएनसी के दौरान महिला के हीमोग्लोबिन की जांच, होम डिलीवरी, लक्ष्य गाइडलाइन के अनुसार प्रसव रूम में फर्स्ट रेफरल यूनिट, एनीमिया की जांच आदि की समीक्षा की। संयुक्त सचिव द्वारा नियमित रूप से एनीमिया व हीमोग्लोबिन स्तर जांच करने के निदेश दिया गया।
जिला आकांक्षी पदाधिकारी दिव्या तिवारी व वरुण शर्मा द्वारा बताया गया कि आपात स्थिति में मरीजों के लिए जिले में 108 मोबाइल वाहन 5 हैं। पांच सीएचसी के लिए 5 वाहन हैं। उपायुक्त द्वारा बताया गया कि पहले सिर्फ गर्भवती महिला के लिए ममता वाहन उपलब्ध था। अब गर्भवती महिला समेत अन्य मरीजों के लिए सिर्फ 108 मोबाइल वाहन ही उपलब्ध है। टीम द्वारा इस स्थिति में सभी मरीजों को वाहन उपलब्ध होने की विस्तृत समीक्षा की गई। साथ ही कहा कि 108 मोबाइल की संख्या बढ़ाने की दिशा में क्या किया जा सकता है?गर्भवती महिला को वाहन उपलब्ध हो, इसका ध्यान रखा जाए।
डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी
बैठक की समीक्षा में पाया गया कि जिले में 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जिसमें मात्र 3 ही क्रियाशील हैं। वहां भी स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है। सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि सदर अस्पताल में 30 डॉक्टरों में मात्र 7 डॉक्टर ही हैं। जिले में 82 स्वीकृत पद हैं जिसमें मात्र 23 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। डॉक्टरों की कमी है जबकि जिले की आबादी 4.5 लाख है। उपायुक्त द्वारा बताया गया कि 1 माह के भीतर डॉक्टर हायर करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। संयुक्त सचिव ने कहा कि वे स्वास्थ्य सचिव से मिलकर लोहरदगा जिले में डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की कमी से अवगत कराएंगे।
स्वीकृत पद और रिक्त पदों की सूची मांगी
नीति आयोग केजिला प्रभारी द्वारा स्वास्थ्य, समाज कल्याण व एनआरएचएम समन्वयक से जिले में अपने विभाग से जुड़े स्वीकृत व रिक्त पदों की सूची जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया।
बैठक में टीम द्वारा शिक्षा में मार्च 2018 व 2019 के आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा की गई। इसमें कक्षा 3 व 5 में गणित पढ़ने वाले बच्चों का परफॉर्मेंस, कक्षा 3 व 5 के बच्चो में भाषा की स्थिति पर टीम द्वारा समीक्षा की गई। इसमें लक्ष्य की प्राप्ति पर असंतोष व्यक्त किया गया।
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में सभी 502 स्कूलों में कुल 1872 शिक्षक हैंवहीं कुल स्वीकृत पद 3108 हैं। उपायुक्त ने बताया कि शिक्षकों का rationalisation का कार्य चल रहा है। हम इससे बेहतर स्थिति में होंगे। ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से बीआरपी/सीआरपी के द्वारा स्कूल आने वाले रोजाना आने वाले बच्चों व शिक्षकों की संख्या की मॉनिटरिंग की जाती है।सभी स्कूलों में ज्ञान सेतु कार्यक्रम चल रहा है।
स्कूलों में शौचालय की स्थिति बेहतर पाई गई।वित्तीय समावेशन के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना ,प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना और बैंक खातों को आधार से जोड़ने के लक्ष्य के सर्वे रिपोर्ट की समीक्षा की गई। इसमें पाया गया कि लक्ष्य लगभग प्राप्त कर लिया गया। अग्रणी बैंक प्रबंधक को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के रिपोर्ट से बैंक के रिपोर्ट का मिलान करने का निर्देश दिया गया ताकि रिपोर्ट सही रहे।जिले में चल रहे कौशल विकास केंद्रों में केंद्र द्वारा कौशल विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के सर्वे रिपोर्ट की समीक्षा की गई। जिला योजना पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में राज्य कौशल विकास के कार्यक्रम भी चल रहे हैं। केंद्र के कौशल विकास कार्यक्रमो में जहाँ 18-40 वर्ष के युवक-युवतियों के लिए कार्यक्रम चल रहे हैं। वहीं राज्य के 15-29 वर्ष के युवक-युवतियों के लिए कार्यक्रम चल रहे हैं। बैठक में इन कार्यक्रमों से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवक-युवतियों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।
आधारभूत संरचना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्टिविटी, सभी मौसम में कनेक्टेड सड़कें, कच्चे मकान को पक्के मकान में बदलने, ग्रमीणों को पीने का पानी, स्कूलों में गर्ल्स टॉयलेट की उपलब्धता, सेकेंडरी स्कूलों में बिजली का कनेक्शन आदि की समीक्षा की गई।
बैठक कृषि विभाग के इंडिकेटर की समीक्षा की गई। इसमें लघु सिंचाई के अंतर्गत सिंचित क्षेत्र, गुणवत्तापूर्ण बीज वितरण, इलेक्ट्रॉनिक बाजार से जुड़े मंडियों की संख्या,ई मंडी की रिपोर्ट, किसानों को दिए जा रहे न्यूनतम समर्थन मूल्य, बांटे गए सॉइल हेल्थ कार्ड की संख्या, इंटरनेट से जुड़े ग्राम पंचायतों की संख्या आदि बिंदुओं पर समीक्षा की गई।
घटते भूगर्भ जलस्तर के सवाल पर कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता द्वारा बताया गया कि वर्तमान में जिले में भूगर्भ जल स्तर औसतन 11-12 मीटर है। उपायुक्त द्वारा बताया गया कि सरकारी भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग की प्रक्रिया चल रही है। जलशक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण के कार्य चल रहे हैं जिससे भूमिगत जल का स्तर बढ़ेगा।
बैठक में उपायुक्त आकांक्षा रंजन,उप विकास आयुक्त,सिविल सर्जन विजय कुमार, जिला योजना पदाधिकारी महेश भगत, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी मनीषा तिर्की, जिला शिक्षा पदाधिकारी रतन महावर, एनआरएचएम की कार्यक्रम समन्वयक, जिला आकांक्षी पदाधिकारी दिव्या तिवारी, वरुण शर्मा, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला मतस्य पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, सहकारिता पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पेयजल व स्वच्छ्ता, अग्रणी बैंक प्रबंधक व अन्य उपस्थित थे।
Comments are closed.