जमशेदपुर।
विगत 8 अप्रैल को कोल्हान विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में सभी छात्रों को समान सम्मान ना दिए जाने पर अपना गोल्ड मेडल वापस कर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने के कारण, विश्वविद्यालय बदले की भावना दिखाते हुए जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज छात्र संघ पूर्व सचिव सह स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट सोनी कुमारी सेनगुप्ता परेशान कर रहा हैं। उसी को कोल्हान विश्वविधालय के सभी छात्र संगठन एक मंच पर आ गए हैं। विश्वविद्यालय एवं कॉलेज के द्वारा कार्रवाई करने का दबाव बनाने के खिलाफ आज कोल्हान विश्वविद्यालय के सभी छात्र संगठनों के द्वारा संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता किया गया। इस प्रेस वार्ता में कोल्हान विश्वविद्यालय के सभी छात्र संगठन के छात्र नेतागण उपस्थित रहें।
सर्वदलीय छात्र संगठन के नेताओं का एक स्वर में कहना है विश्वविद्यालय शिक्षा से जुड़े सवालों को छोड़कर दुश्मनी की भावना लेकर छात्र प्रतिनिधि पर करवाई में व्यस्त है।
सोनी सेन गुप्ता पर विश्विद्यालय हो या कॉलेज में बैठक हो रही। लेकिन कोई भी बैठक में कोई छात्र प्रतिनिधि नही है। हम ऐसे बैठकों को अवैध मानते है।
सभी प्राचार्यो पर भ्रष्टाचार का आरोप है। छात्र संघ के बार बार आवाज उठाने पर, साक्ष्य देने पर भी कोई कारवाई नही। लेकिन एक छात्रा पर करवाई कर उसका भविष्य बर्बाद करने के लिए बड़ा आतुर है।
विश्विद्यालय ने सभी छात्रों से पैसा लिया अब तक पैसा देने पर कोई पहल नही है। दीक्षांत समारोह में किसी अभिभावक को घुसने नही दिया गया। दूर-दूर से आये अभिभाकों के लिए पानी तक कि व्यवस्था नही थी लेकिन अभी छात्रा और उसके अभिभाक को परेशान करने के लिए कॉलेज बुलाया जा रहा है।
कुलपति के ऊपर खुद भ्रष्टाचार का आरोप है। उसकी जांच की कोई खबर नही। कुलपति को शिक्षा से, छात्रों के भविष्य से कोई मतलब नही है। हम मर गए जैसे गैर जिम्मेदाराना बयान देने में माहिर है।
कोल्हान वीरो की धरती है। वे जहां से आये थे चले जाएं अन्यथा भारी छात्र विरोध का सामना करना पड़ेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन सभी कॉलेज के पठन पाठन को दुरस्त करने एवं अच्छी शिक्षा सबको मिले इस पर ध्यान दें। चाहे सोनी कुमारी सेनगुप्ता हो या आगे आने वाले दिनों में कोई भी छात्र आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र हो उस पर अगर किसी तरह की मानसिक प्रताड़ना और और अलोकतांत्रिक कार्रवाई करती है तो सर्वदलीय छात्र संगठन चुप नहीं बैठेगा। अभी यह चेतावनी है वरना सर्वदलीय छात्र संगठनों का आंदोलन महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से लेकर सड़कों पर होगा। जिसका जवाबदेही पूर्ण रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन को होगा।
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