जमशेदपुर : राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार प्राप्त कर चुकीं जयंती शेषाद्रि को लोयोला स्कूल का नया वाइस प्रिंसिपल बनाया गया है. स्कूल में इंग्लिश शिक्षिका के रूप में लंबे समय तक सेवा कर चुकीं जयंती लोयोला स्कूल में रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत थीं. उन्हें लोयोला के वाइस प्रिंसिपल रहे फादर माइकल फर्नांडिस की जगह नई जिम्मेदारी दी गई है. फादर माइकल को प्रोन्नत करते हुए धनबाद स्थित डिनोबिली स्कूल का निदेशक बनाया गया है. नए पद पर जयंती शेषादि ने योगदान दे दिया है, और फिलहाल नई ऊर्जा के साथ कोरोना काल के बाद की स्थितियों में शैक्षणिक कार्य को नार्मल न्यू के फार्मूले पर चलकर सामान्य करने की रणनीति पर काम कर रही हैं. पदभार संभालने के बाद जयंती शेषादि ने बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर ने सामान्य शिक्षा व्यवस्था से इतर जाकर कारगर तरीके खोज निकालने की दिशा में सोचने को मजबूर कर दिया है. लोयोला स्कूल जमशेदपुर इस नई चुनौती में काफी हद तक सफल है. यहां सामान्य रूप से कामकाज चल रहा है. एडमिशन चल रहे हैं. ऑनलाइन क्लासेज भी लिए जा रहे हैं. लेकिन चूंकि चुनौती बड़ी है, इसलिए इस दौर में हमें नार्मल न्यू के फार्मूले पर काम कर पठन-पाठन की इस नई तकनीक को सामान्य पठन-पाठन की शैली से कनेक्ट करना है, ताकि कोराना काल से निकलने के बाद भी हमें सब नार्मल लगे. लोयाला की नई वाइस प्रिंसिपल ने कहा कि स्कूल में सबकुछ नार्मलाइज करना व विपरीत परिस्थितियों में पठन-पाठन को बिना बाधा के कराना उनकी प्राथमिकता है.
जयंती शेषाद्रि को वर्ष 2018 में इनोटिव तरीके से बच्चों को शिक्षा देने के लिए राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार मिल चुका है. उन्हें यह सम्मान खुद उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने यह सम्मान दिया था. शेषाद्रि बतातीं हैं कि वह किसी प्लानिंग के तहत शिक्षिका नहीं बनीं, बल्कि सबकुच अचानक हुआ. पिछले 20 वर्षों से वह पढ़ाने के पेशे से जुड़ी हैं और इसमें दस साल उन्होंने लोयोला स्कूल में बच्चों को पढ़ाया. इंग्लिस टीचर के तौर पर छात्र भी उन्हें खूब पसंद करते हैं. शेषाद्रि कहतीं हैं कि उन्हें अब बच्चों को पढ़ाना अच्छा लगता है और नए तरीकों से पढ़ाना और अच्छा लगता है.
जयंती शेषाद्रि के पति टाटा स्टील में कार्यरत हैं और वह पूरे परिवार के साथ आदर्शनगर में रहती हैं.
