जमशेदपुर -टाटा मोटर्स गेट पर प्रदर्शन मामले में भाजपा-आजसू नेताओं को नोटिस, सरकारी कार्य में बाधा, लॉकडाउन उल्लंघ का दर्ज़ है मामला
● टाटा मोटर्स प्लांट हेड के प्रशय पर विधवा नीतू सिंह को न्याय से वंचित करने का प्रयास : अप्पु
● टेल्को थाना प्रभारी की कार्रवाई पूर्वाग्रह से प्रेरित : अंकित
जमशेदपुर।
टाटा मोटर्स गेट के नज़दीक बाईसिक्स कर्मी दिवंगत आलोक रंजन की विधवा नीतू सिंह के समर्थन में पिछले दिनों किन्नरों द्वारा किये गये विरोध मामले में भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद, आजसू जिला प्रवक्ता अप्पु तिवारी सहित विधवा नीतू सिंह, यूनियन नेता हर्षवर्धन सिंह, प्रकाश कुमार सहित अन्य पर टेल्को थाना कांड संख्या 107/2020 दर्ज़ है। शुक्रवार की दोपहर टेल्को पुलिस ने अभियुक्तों के घर पर दबिश देकर नोटिस सुपुर्द किया। सबसे पहले भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद को नोटिस सौंपा गया। उन्होंने हालांकि नोटिस को स्वीकार्य कर लिया लेकिन आधे-अधूरे नोटिस को लेकर आपत्ति भी जताया। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41A के तहत मामले में सभी अभियुक्तों को नोटिस थमाई गई है और 15 जून की सुबह दस बजे टेल्को थाना में उपस्थित होकर अनुसंधान में सहयोग करने का निदेश है। अनुसंधान पदाधिकारी रुमिला एक्का की हस्ताक्षर से यह नोटिस निर्गत है। नोटिस मिलने के बाद इस प्रकरण में पहली बार प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने कहा कि वे ऐसी किसी प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए हैं दुर्भावना से प्रेरित होकर टाटा मोटर्स मैनजमेंट के इशारों पर टेल्को थाना प्रभारी अखिलेश मंडल ने झूठा केस दर्ज़ किया है। टेल्को पुलिस की एकपक्षीय कार्रवाई को ना तो वे भूलेंगे और ना ही कभी माफ़ करेंगे। थाना प्रभारी लोकसेवक के कर्तव्यों को भूलकर कंपनी के रिमोट कंट्रोल एजेंट की भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा जिला प्रवक्ता ने कहा कि अखबारों में पिछले डेढ़ महीनों से प्रकाशित समाचार के अनुसार उनकी पूरी संवेदना विधवा नीतू सिंह के साथ है। वहीं इस प्रकरण में टेल्को थाना प्रभारी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अंकित आनंद ने कहा कि इस दमनकारी कार्रवाई के ख़िलाफ़ वे सत्याग्रह करेंगे। वे मामले में जमानत नहीं लेंगे बल्कि एसएसपी के समक्ष गिरफ्तारी देंगे। कहा कि प्रदर्शन स्थल के सीसीटीवी फूटेज़ की जाँच हो यदि वे प्रदर्शन में शामिल होंगे तो हर सजा झेलने को तैयार हैं। इधर आजसू के जिला प्रवक्ता अप्पु तिवारी को भी नोटिस प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि बहन नीतू सिंह के समर्थन में उठने वाली हर आवाज़ को टाटा मोटर्स प्रबंधन धनबल और प्रभाव से दबा रही है। कहा कि उनके संस्कार ने उनको अबला नारी के समर्थन में पूरी क्षमता से खड़े रहना सिखाया है। कहा कि आज शुक्रवार तक अल्टीमेटम समाप्त हो गया लेकिन नीतू सिंह के अभियुक्तों को टाटा मोटर्स कंपनी प्रबंधन ने ना तो निष्कासित किया और ना ही उनकी गिरफ्तारी हुई। अप्पु तिवारी ने कहा कि टाटा मोटर्स के प्लांट हेड के प्रशय पर आलोक रंजन के दोषियों को संरक्षण दी जा रही है और विधवा नीतू सिंह को न्याय से वंचित रखने का कुत्सित प्रयास हो रहा है।
● नोटिस आधा अधूरा, टेल्को पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
टाटा मोटर्स गेट पर किन्नर प्रदर्शन के मामले में अभियुक्त बनाई गयी विधवा नीतू सिंह सहित भाजपा, आजसू एवं पूर्व यूनियन नेताओं को लेकर टेल्को थाना की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। नीतू सिंह ने टाटा मोटर्स प्रबंधन को शुक्रवार तक का ही अल्टीमेटम दिया था कि वे दोषियों को निष्कासित करें। अबतक दोषी कंपनी अधिकारियों और यूनियन नेताओं पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। दूसरी ओर टेल्को थाना की ओर से किये गये केस में ऐसे नेताओं के भी नाम दर्ज़ हैं जो ना तो उस दिन प्रदर्शन में शामिल थे और ना ही सहयोग करने में कोई सक्रिय भूमिका थी। टाटा मोटर्स प्रबंधन या टेल्को थाना के अनैतिक कार्यों का विरोध करने वाले नेताओं को ही ज्यादातर निशाना बनाया गया है। दूसरी ओर टेल्को थाना की ओर से जारी धारा 41A की नोटिस में भी आधी-अधूरी सूचना है। नोटिस में शिकायतकर्ता का ज़िक्र नहीं है और ना ही अबतक अभियुक्तों को पुलिस ने एफआईआर की निःशुल्क छायाप्रति मुहैया कराई है। इससे पहले भी थाना प्रभारी अखिलेश मंडल पर टाटा मोटर्स के दोषी अधिकारियों को टेल्को थाना में बुलाकर चाय-नाश्ता करने का आरोप लगा था जिसकी जाँच अबतक दबी हुई है। शिकायत करने वाले भाजपा नेता अंकित आनंद ने बीते साल अक्टूबर महीने में भी टेल्को थाना प्रभारी पर 14 बिंदुओं पर मनमानी और कर्तव्यहीनता का आरोप लगाते हुए डीजीपी और एसएसपी से कार्रवाई का आग्रह किया था। उस मामले में भी अबतक जाँच की फ़ाईल दबी हुई है। इधर मौका मिलते ही सम्भवतः टेल्को थाना प्रभारी ने बदले की कार्रवाई कर दी है। दूसरी ओर नीतू सिंह का समर्थन कर रहे नेताओं का कहना है कि वे लोग जमानत अर्जी दाखिल नहीं करेंगे एसएसपी और सीटी एसपी ख़ुद मामले की निष्पक्ष जाँच कर लें और दोषी पाये जाने पर कार्रवाई कर लें।
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