जमशेदपुर : लीज समझौता का उल्लंघन कर तथा रैयती जमीन में क्रिकेट एकेडमी बनाने के विरोधस्वरूप आज सिदगोड़ा निवासी गोपाल मांझी ने अमल संघ के समीप अपनी रैयती ज़मीन पर हल चलाया. उन्होंने दावा किया कि 1908 तथा 1934-35 के सर्वे खतियान में उक्त ज़मीन गोपाल मांझी और कान्द्रा मांझी के नाम से दर्ज है. यही नही, आदिवासी ज़मीन का हस्तांतरण नही होता है, झारखंड उच्च न्यायालय में मामला लंबित होने के वावजूद सीएनटी एक्ट के तहत आनेवाली ज़मीन का अवैध कब्जा टाटा स्टील और सरकारी मशीनरी कर रही है. उन्होंने आज विरोधस्वरूप यह कदम उठाया है.
वही झारखंड मूलवासी अधिकार मंच के संयोजक हरमोहन महतो ने कहा कि अब तक टाटा स्टील कई रैयती जमीन का अधिग्रहण की है जिसके एवज में न तो मुआवजा, नौकरी या जमीन वापसी की है. इसलिए जल्द ही रैयत खतियानधारी आदिवासी मूलवासी झारखंड के राज्यपाल से मिलकर 2005 लीज नवीकरण को रद्द करने की मांग करेंगे.

