जमशेदपुर ।
रविवार को म्यूजिक सर्किल के तत्वाधान में शास्त्रीय संगीत के “सुबह के राग” “मोर्निंग रागा” शास्त्रीय गायन व वाद्यंत्र” वादन कार्यक्रम का आयोजन राम मंदिर, टेल्को में किया गया I “मोर्निंग रागा” कार्यक्रम श्रृंखला का यह दूसरा आयोजन था I कार्यक्रम के पहली प्रस्तुति मे अनिल कुमार सिंह ने राग जोगिया में “हरी तुम हरो जन की भीर…….” एवं राग भैरवी में “भक्ति में भगवान्……” जैसे एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किये , तबले पर कार्तिक प्रमाणिक ने सरहनीय संगत किये ।
दूसरी प्रस्तुति में देवअर्ग्य रॉय ने शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किये ।,तबले पर प्रदीप भट्टाचार्जी एवं हारमोनियम पर अनिल कुमार सिंह का सरहनीय संगत रहा I
तीसरी प्रस्तुति में बांसुरी वादक अशोक कुमार दास ने राग बसंत बुखारी मे रूपक और तीन ताल पेश किए तबले पर अमिताभ सेन का सरहनीय संगत रहा ।रविवार को जमशेदपुर म्यूजिक सर्किल के तत्वाधान में शास्त्रीय संगीत के “सुबह के राग” “मोर्निंग रागा” शास्त्रीय गायन व वाद्यंत्र” वादन कार्यक्रम का आयोजन राम मंदिर, टेल्को में किया गया I “मोर्निंग रागा” कार्यक्रम श्रृंखला का यह दूसरा आयोजन था I कार्यक्रम के पहली प्रस्तुति मे अनिल कुमार सिंह ने राग जोगिया में “हरी तुम हरो जन की भीर…….” एवं राग भैरवी में “भक्ति में भगवान्……” जैसे एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किये , तबले पर कार्तिक प्रमाणिक ने सरहनीय संगत किये ।
दूसरी प्रस्तुति में देवअर्ग्य रॉय ने शास्त्रीय गायन प्रस्तुत किये I,तबले पर प्रदीप भट्टाचार्जी एवं हारमोनियम पर अनिल कुमार सिंह का सरहनीय संगत रहा I
तीसरी प्रस्तुति में बांसुरी वादक अशोक कुमार दास ने राग बसंत बुखारी मे रूपक और तीन ताल पेश किए तबले पर अमिताभ सेन का सरहनीय संगत रहा I अशोक की बांसुरी एवं अमिताभ के तबले की थाप ने संगीत बैठक की समा बांध दी I
चतुर्थ प्रस्तुति मे सुश्री अशोक प्रमाणिक ने शास्त्रीय गायन मे “ये बना बनी अवाए…………” बंदिश पेश किए ,तबले पर बानी चाकी एवं हारमोनियम पर मनमोहन सिंह का सरहनीय संगत रहा I
अंतिम प्रस्तुति मे शहर में जन्मे अंतर्राष्ट्रीय सितार वादक सुब्रत डे ने सितार वादन मे राग भीम पलाशी मे आलाप,जोड़,झाला,विलंभित एवं तीन ताल पेश किए तबले पर अमिताभ सेन का सरहनीय संगत रहा I सितार एवं मशहूर तबला वादक अमिताभ सेन के तबले के “साथ संगत” एवं “सवाल जवाब” के जादू ने श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया I सुब्रत डे ने सितार की तारों से खेलना शुरू किया तो वहां बैठा हर श्रोता अपनी स्थान से मानो बंध गया। उस पर तबले की संगत। फिर हर सम पर तालियों की गड़गड़ाहट।
इस संगीत बैठक शहर केई कई नामचीन संगीत गुरु उपस्थित थे I कार्यक्रम का संचालन जी0बी सुब्बरमण एवं रोहिणी साठे ने किया I
संगीत बैठक के सफल आयोजन मे अनिरुद्ध सेन , अशोक कुमार दास , सुनील कुमार सिंह,सुभाष बोस, हरप्रसाद मुखर्जी , सुजन चटर्जी का सहयोग रहा I
अशोक की बांसुरी एवं अमिताभ के तबले की थाप ने संगीत बैठक की समा बांध दी ।
चतुर्थ प्रस्तुति मे सुश्री अशोक प्रमाणिक ने शास्त्रीय गायन मे “ये बना बनी अवाए…………” बंदिश पेश किए ,तबले पर बानी चाकी एवं हारमोनियम पर मनमोहन सिंह का सरहनीय संगत रहा I
अंतिम प्रस्तुति मे शहर में जन्मे अंतर्राष्ट्रीय सितार वादक सुब्रत डे ने सितार वादन मे राग भीम पलाशी मे आलाप,जोड़,झाला,विलंभित एवं तीन ताल पेश किए तबले पर अमिताभ सेन का सरहनीय संगत रहा I सितार एवं मशहूर तबला वादक अमिताभ सेन के तबले के “साथ संगत” एवं “सवाल जवाब” के जादू ने श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया I सुब्रत डे ने सितार की तारों से खेलना शुरू किया तो वहां बैठा हर श्रोता अपनी स्थान से मानो बंध गया। उस पर तबले की संगत। फिर हर सम पर तालियों की गड़गड़ाहट।
इस संगीत बैठक शहर केई कई नामचीन संगीत गुरु उपस्थित थे I कार्यक्रम का संचालन जी0बी सुब्बरमण एवं रोहिणी साठे ने किया I
संगीत बैठक के सफल आयोजन मे अनिरुद्ध सेन , अशोक कुमार दास , सुनील कुमार सिंह,सुभाष बोस, हरप्रसाद मुखर्जी , सुजन चटर्जी का सहयोग रहा I
