साकची रिफ्यूजी कॉलोनी के व्यवसायी ने लगाया बैंक पर प्रताड़ित करने का आरोप, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की महासचिव ने उपायुक्त से लगाई व्यवसायी को मदद की गुहार
संवाददाता
जमशेदपुरः साकची स्थित रिफ्यूजी कॉलोनी के व्यवसायी को बैंक से लोन लेना महंगा पड़ा. सोमवार को जिला मुख्यालय पर व्यवसायी जसपाल सिंह द्वारा रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के सहयोग से जिले के उपायुक्त के समक्ष न्यय दिलाने की गुहार लगाई गई. इस संबंध में रिपब्लिकन पार्टी की प्रदेश महासचिव हेमा घोष ने बताया कि बैंक यदि अपने ग्राहकों के साथ पारदर्शिता नहीं बरतेंगी तो ग्राहक क्या करेंगें.. जसपाल सिंह के संबंध में श्रीमती घोष ने बताया कि श्री सिंह ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते थे. व्यवसाय के सिलसिले में श्री सिंह द्वारा बिष्टुपुर स्थित सिंडिकेट बैंक से जून 2005 में पांच लाख रूपये का लोन लिया गया था, जिसके एवज में बतौर सिक्यूरिटी मनी श्री सिंह की ओऱ से उतनी ही राशि की एलआईसी की पॉलिशी, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के सर्टिफिकेट्स एवं आरडी योजनाओं संबंधी कागजात जमा कराए गए थे. जिसके बाद 31 अगस्त 2008 तक श्री सिंह के द्वारा नियमित रूप से बैंकों के किश्त जमा कराए गए अचानक व्यापार में घाटा होने के कारण पिछले कुछ वर्षों से श्री सिंह के द्वारा नियमित रूप से किश्तें जमा नहीं करने के कारण बैंक से ट्रांजिक्शन बंद हो गया एवं बतौर सिक्यूरिटी रखे कागजातों से बैंक अपना लोन क्लीयर कर लिया. मगर दस साल बीत जाने के बाद वर्ष 2014 में र्ष बैंक की ओर से अचानक श्री सिंह के नाम नोटिस जारी किया गया जिसमें उन्हें बैंक अदालत में उपस्थित होकर साढ़ेतीन लाख रूपये एकमुश्त देकर बैंक से क्लीयरिंग करने को कहा गया. इसके लिए उन्हें तत्कार बीस हजार रूपये जमा कराने का निर्देश दिया गया. मगर बैंक द्वारा सिक्यूरिटी की राशि के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने बताया कि व्यापार मंम घाटा होने के बाद से श्री सिंह अक्सर बीमार रहने लगे थे जिसके बाद उन्होंने बैंक से लिया कर्ज को सेटेल करने के लिए काफी प्रयास किया गया लेकिन बैंक की बेरूखी से तंग आकर उन्होंने बैंक जाना बंद कर दिया तभी अचानक 7 जनवरी 2016 को उन्हें 11 लाख रूपये बैंक में जमा कराने संबंधी पत्र प्राप्त हुआ जिसके नहीं जमा कराने की सूरत में श्री सिंह की समप्त्ति को कुर्क करने का निर्देश दिया गया. जिससे परेशान हो श्री सिंह उनके संपर्क में आए. श्रीमती घोष ने बताया कि जिले के उपायुक्त को सारी वस्तुस्थिति से अवगत काए जाने के बाद यदि कोई निर्णय नहीं होता है तो वे बैंक के खिलाफ मोर्चा खोल देंगी. जिसकी सारी जिम्मेवारी बैंक एवं जिला प्रशासन की होगी. श्रीमती घोष ने बताया कि अन्य बैंकों द्वारा भी कर्ज की वसूली करने के मामले में उपभोक्ताओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है. जिसके एवज में उपभोक्ताओं को काफी बड़ी कीमत चुकानी होती है.
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