
जमशेदपुर।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज प्रतिदिन 30 हवाईजहाज देश के अन्य राज्यों के लिये भगवान बिरसा मुंडा की धरती से प्रतिदिन उड़ान भर रहे हैं। पिछले वर्ष 2018 में लगभग 25 लाख 50,000 यात्री हवाई जहाज से यात्रा किए। यह 4 साल की उपलब्धि है यानि झारखंड के लोगों की क्रय शक्ति बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के विकास के लिए भूमि पूजन एवं एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम में बोल रहे थे। धालभूमगढ़, पूर्वी सिंहभूम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
डेढ़ साल में धालभूमगढ़ हवाई अड्डे से हवाई यात्रा प्रारंभ होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 दिसंबर 2014 के पहले झारखंड में प्रतिदिन 1500 लोग हवाई यात्रा करते थे और सिर्फ 8 हवाई जहाज प्रतिदिन चलते थे और एक साल में लगभग 1,50,000 यात्री ही हवाई जहाज से यात्रा करते थे। उन्होंने कहा कि 4 सालों में प्रधानमंत्री के शासन काल में आज औसतन 60,000 यात्री प्रतिदिन हवाई यात्रा कर रहे हैं और इसी कारण से उड़ान योजना के तहत दुमका, पलामू, हजारीबाग, डाल्टनगंज, बोकारो इस क्षेत्र में काफी काम हो रहे हैं। बहुत जल्दी इन क्षेत्रों में उड़ान के माध्यम से कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के लिए आज भूमि पूजन हुआ है, डेढ़ साल के अंदर यह कार्य पूर्ण हो जाएगा और यहां से भी उड़ान भरेंगे।
बोइंग बस विमान धालभूमगढ़ से उड़ान भरेंगे
धालभूमगढ़ ओडीशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड 3 राज्यों के मिलन बिंदु पर अवस्थित है। निश्चित रूप से आने वाले समय में यह हवाई अड्डा देश का कमर्शियल हवाई अड्डा बनेगा। इस को ध्यान में रखकर प्रथम चरण में यह कार्य शुरू हो रहा है। द्वितीय चरण के लिए भी जिले के उपायुक्त को निर्देश दिया गया है। आने वाले वर्षों में यहां से बोइंग बस विमान भी उड़ान भरेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि द्वितीय चरण के लिए 55 एकड़ जमीन की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आसपास की जनता से अनुरोध करूंगा कि 55 एकड़ जमीन जो देंगे उसमें 2013 के भूमि अधिग्रहण के साथ जो भी जमीन देंगे उन्हें बाजार मूल्य का 4 गुना पैसा सरकार देगी। इसके साथ साथ जमीन भी देंगे ताकि अपना घर बना सकेंगे और अपना व्यापार और खेती भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा हमने देवघर में किया। प्रधानमंत्री के हाथों पिछले वर्ष धनबाद में देवघर में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ किया गया। वहां 600 परिवारों को विस्थापन करने का काम किया लेकिन साथ साथ पुनर्वास भी किया। उन्होंने कहा कि सारे लोगों को जमीन दी गई। गरीब जहां दो तल्ले घर बना रहे हैं तो वहीं बहनें फूलों की खेती कर रही हैं जिन की खपत स्थानीय बैद्यनाथ धाम मंदिर में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन हमारी सरकार में नहीं होगा पहले पुनर्वास होगा फिर विस्थापन का काम होगा इसलिए इस दिशा में जिला प्रशासन, जिला परिषद की अध्यक्ष सांसद और यहां की स्थानीय जनता आम सभा करके निर्णय लें। क्षेत्र का कई गुना विकास होगा। एयरपोर्ट और उड्डयन क्षेत्र में रोजगार के नए आयाम खुलेंगे। आसपास के गांव के युवक युवतियों को प्रशिक्षण देकर इस क्षेत्र में रोजगार हेतु स्थानीय लोगों को ही प्राथमिकता मिलेगी ताकि धालभूमगढ़ के युवक-युवतियों को यहां से पलायन ना करना पड़े।
चाईबासा की धरती से मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का शुभारंभ किया क्योंकि जिस प्रकार भ्रूण हत्या का व्यापार पूरे देश में होता था , लिंगानुपात असंगत हो रहा था। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया। राज्य सरकार ने आज चाईबासा की धरती से मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत की है जिसमें सरकार का प्रयास है बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई लिखाई और शादी तक का सहारा बनने के लिए सरकार तैयार है। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत राज्य भर में 27 लाख परिवार इस योजना से लाभ पाएंगे। जैसे ही बच्ची जन्म लेगी मां के अकाउंट में ₹5000 जाएंगे, कक्षा 1 में पुनः 5000, पांचवी कक्षा में पुनः 5000, आठवीं कक्षा में 5000 और 10 वीं कक्षा में जाने पर 5000, 12वीं कक्षा में 10,000 जाएंगे। अविवाहित रहने पर विवाह हेतु मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से ₹30,000 सरकार देगी। आठवीं नवमी में जो बच्चे ड्रॉपआउट होती हैं और कम उम्र में बच्चियों का विवाह हो जाता है इसके कारण महिलायें असमय काल कवलित हो जाती हैं और पूरा परिवार असहाय हो जाता है। मातृत्व मृत्यु दर के कलंक को दूर करने के लिए योजना की शुरुआत की गई है।
गरीब के बच्चों को भी मिले अच्छी शिक्षा दीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी गांव के स्कूलों में आज बेंच, डेस्क, बिजली, शौचालय की सुविधा प्राप्त हो गई है जिसके पीछे सरकार का उद्देश्य है कि गरीब के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दीक्षा मिलनी चाहिए। बच्चों को कंप्यूटर आधारित शिक्षा भी दी जा रही है क्योंकि हम ज्ञान आधारित युग में जी रहे हैं। समाज के साथ चलने के लिए अपने बच्चे बच्चियों को कंप्यूटर की शिक्षा देना हमारी प्राथमिकता है।
अन्नदाता किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना
अन्नदाता किसानों को मजबूती से अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की शुरुआत की गई जिसके तहत प्रत्येक साल प्रत्येक 1 एकड़ जमीन पर ₹5000 सरकार द्वारा दिये जाएंगे। 22 लाख किसानों के खातों में भी जमीन के अनुरूप सीधे किसान के खाते में पैसे जाएंगे कोई बिचौलिए नहीं है। किसानों को अपने पैरों पर खड़ा करने का सरकार का लक्ष्य है।
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