जमशेदपुर ।

पूर्वी सिंहभूम जिले के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुड़ाबांदा के नक्सली दस्ते का कमांडर कान्हू मुंडा सहित सात नक्सलियों ने जिला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। हार्डकोर नक्सली कान्हू मुंडा पर 25 लाख रुपये और फोगड़ा मुंडा पर 20 लाख रुपये का इनाम था।
जानकारी के मुताबिक जियान गांव के सामने कोशाफोलिया फुटबॉल मैदान में आयोजित एक सादे समारोह में नक्सली कान्हू मुंडा, फोगड़ा मुंडा, शंकर मुंडा, भगलू, जीतेन, चुनु और महिला नक्सली काजल ने जिला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। बताया जाता है कि उक्त नक्सलियों पर पुलिस पर हमला, लैंड माइंस बलास्ट कर हत्या, बीडीओ के अपहरण सहित करीब 47 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। नक्सलियों के आत्मसमर्ण के दौरान कोल्हान के डीआईजी प्रभात कुमार, एसएसपी, ग्रामीण एसपी, एएसपी ( अभियान) तथा सीआरपीएफ के कई अधिकारी भी मौजूद थे। पुलिस ने समपर्ण करने वाले नक्सलियों के पास से इंसास रायफल, दो पिस्टल, 100 से अधिक कारतूस समेत अन्य सामग्री जब्त किया है।
कान्हू मुंडा पर कुल 47 केस दर्ज -डीआईजी
कोल्हान के डीआईजी प्रभात कुमार ने बताया कि 25 लाख के इनामी नक्सली कान्हु मुंडा पर कुल 47 मामले दर्ज हैं। इसके आत्सममर्पण से जमशेदपुर के गुड़ाबांदा क्षेत्र से नक्सल का सफाया हो चला है।
उन्होंने कहा कि गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र के जियान गांव में
सामुदायिक पुलिसिंग के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रम में पुलिस एवं काफी संख्या में ग्रामीणों के बीच भाकपा (माओ) कान्हु राम मुंडा उर्फ मंगलजी ( सचिव बंगाल, झारखंड, ओडिशा, बार्डर रिजनल कमिटी एवं गुड़ाबांदा दस्ता के सभी नक्सली सदस्य सहित 7 नक्सलियों ने अपने हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया। डीआईजी ने कहा कि समर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार द्वारा आत्मसमर्पण नीति में निहित प्रावधान के अनुसार लाभ मिलेगा।
पुलिस के लिए बहुत बड़ी सफलता-एसएसपी
जिले के एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने कहा कि गुड़ाबांदा दस्ते के बचे हुए 7 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। यह पुलिस के लिए बहुत बड़ी सफलता है। समर्पण करने वाले नक्सलियों में कान्हू मुंडा पर २5 लाख रुपये का इनाम था। इनके पास से काफी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं। अब गुड़ाबांदा में नक्सली दस्ता पूरी तरह से खत्म हो गया है, लेकिन फिर भी पुलिस सर्तक रहेगी। मैथ्यू ने कहा कि कान्हू मुंडा सहित 7 नक्सलियों ने पुलिस से संपर्क किया तथा बताया कि वे गुड़ाबांदा के नक्सली दस्ता में सक्रिय हैं तथा वे सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं। इसके बाद उक्त नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष सर्मपण किया।
सरकार और पुलिस के अत्याचार के खिलाफ उठाया हथियार- कान्हू
आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली कान्हू मुंडा ने पत्रकारों को बताया कि सरकार और पुलिस की व्यवस्था के कारण उन्होंने हथियार उठाया था। अब वह झारखंड के मुख्यमंत्री के भाषण तथा पुलिस की कार्यशैली से खुश होकर आत्मसमर्पण कर रहा है। अब वह आने वाले दिनों में समाज सेवा करने के लिए किसी राजनीतिक दल के साथ जुड़ कर कार्य करेगा।