छातापुर (सुपौल )।
प्रखण्ड क्षेत्र में रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लाष के साथ गुरुवार को मनाया गया । बहनो ने अपने अपने भाइयो को राखी बांध सदा रक्षा करने की मन्नते भाइयो से मांगी । भाई बहन के प्रेम तथाअपार स्नेह का पर्व राखी को लेकर सुबह से ही उत्सवी माहौल व्याप्त था । पुरे दिन बहनो का अपने भाइयो के घर आने जाने का शिलशिला जारी था । पुरे दिन चंदा रे मेरे भइया से कहना
बहना याद करे ………… आदि गानो से क्षेत्रीय माहौल स्नेहिल बना रहा । कहा जाता है की
दूर रहकर भी दिल से क्या कभी दूर होती है भाइयों से, उसकी बहना? वह तो ईश्वर से सदा आशीष मांगती है कि उसका भाई चाहे जहाँ रहे सदा खुश रहे। कोई दुःख, परेशानी, तकलीफ उस तक न पहुंचे। अपने घर-परिवार के दायित्वों को निभाते हुए अपनी बहन को भी वह सदा याद रखे।
मन के एक कोने में बहन के प्रति प्यार छुपाये रखता है भाई। काम की जिम्मेदारियों के कारण अपनी बहन से न मिल पाने की पीड़ा उसके मन को आहत करती है। उसे अनायास ही याद आता है बचपन। जब वह अपनी बहना से राखी बंधवाने के लिए सुबह से ही नहा- धोकर तैयार रहता था। फिर चॉकलेट का एक पैकेट जो माँ चुपके से पकड़ाती थी वह छेड़ते हुए अपनी बहन को देता था। पुरे घर में दोनों दौड़ते-भागते फिरते थे। पर आज……। बदलती जीवनशैली और तेज रफ़्तार में भागती जिंदगी ने इंसान को मशीन बना दिया है। मानवीय संवेदनाएं खो रही हैं। आपस का प्यार वक़्त का गुलाम बन गया है। घर बैठे ही बहनें अपने भाई को राखी भेज रही हैं और भाई अपनी बहनों को तोहफे दे रहा है।
पूरा बाजार राखियों की कतार से सजी रही । हर कोई बेहतरीन राखी लेते देखे गए । बच्चों के लिए खासतौर पर डोनाल्ड डक, एंग्री बर्ड, टॉम एंड जेरी, छोटा भीम, बाल गणेशा जैसे कार्टून करेक्टर वाली राखी आयी है। इन राखियों की बिक्री सबसे अधिक हुई है। स्टोन से डिजाइन की हुई राखियों की मांग बड़े लोगों की पहली पसंद है। इसकी कीमत 25 रूपये से शुरू होती है।
वहीँ भाई अपनी बहनों के लिए गिफ्ट लेते दिखे। फोटो फ्रेम, टेडी बियर, कॉफी मग, कोटेशन युक्त फ्रेम, टी शर्ट, घड़ी, मोबाइल जैसे आइटम की गिफ्ट में काफी मांग दिखी।
प्राचीन संस्कृति की झलक से लबरेज है यह पर्व। जो अपने आप में बेहद अनूठा है। प्रेम और भाईचारा बढ़ाने वाले इस त्यौहार की बहुत खासियत है। राखी के धागों का संबंध मन की पवित्र भावनाओं से है। तीन साल के बाद इस बरस बहनें अपने भाइयों को दिन भर राखी बांध सकेंगी। साथ ही उनसे आजीवन अपनी सुरक्षा का वादा लेंगी। कहा जाता है की महाभारत सहित प्राचीन कल से ही रक्षा बंधन प्रचलित है । इधर पुरे दिन पंडित पुरोहित भी राखी के दिन अपने अपने यजमानो को रक्षा सूत्र बांधकर उनके दीर्घायु की कामना किया । वही कई महिलाओ ,कन्याओ ने वृक्ष ,देव देवताओ को को भी रक्षा सूत्र बांधकर सदा रक्षा करने की कामना की । मुख्यालय सहित डहरिया। चकला ,घीवहा ,चुन्नी ,सोहता ,भीमपुर ,बलुआ आदि पंचायतो में राखी को लेकर व्यापक चहल पहल थी ।
Comments are closed.