जेल से वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश में हिस्ट्रीशीटर उपेंद्र सिंह
अखिलेश सिंह गिरोह का भी है समानांतर साम्राज्य, इसे तोड़ने की हो रही कवायद
जमशेदपुर .
लौहनगरी जमशेदपुर की धरती गैंगवार के लिए कुख्यात रही है। पूरे झारखंड में सिर्फ यहीं एक ऐसा शहर है जहां संगठित गिरोह सक्रिय है। फिलहाल यहां अखिलेश सिंह गिरोह का कब्जा पिछले डेढ़ दशक से हैं लेकिन अखिलेश सिंह के साम्राज्य को हिस्ट्रीशीटर उपेंद्र सिंह चुनौती दे रहा है। मजेदार यह है कि एक बाहर है तो एक सलाखों के भीतर। दोनों में समानता भी है। अखिलेश सिंह और उपेंद्र सिंह ने राजनीतिक दलों का दामन थाम रखा है। अखिलेश आजसू से जुड़ा है तो उपेंद्र झामुमो से। उपेंद्र सिंह ने विधानसभा का पिछला चुनाव भी लड़ा लेकिन सम्मानजनक वोट तक नसीब नहीं हुए। इस बीच एक ठेकेदार की हत्या के आरोप में उपेंद्र सलाखों के भीतर है। बताते हैं कि अखिलेश के जेल में नहीं होने का फायदा उपेंद्र सिंह उठा रहा है और भीतर ही भीतर अपने गिरोह को सशक्त कर रहा है। इस गिरोह ने जमशेदपुर में वर्चस्व बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर लौहनगरी की धरती रक्तरंजित होगी। वैसे अखिलेश के वर्चस्व को पूर्व में चुनौती देने वाला परमजीत जेल के भीतर हीं मारा गया। ऐसे में अब दो नए दावेदारों की अपराध की दुनिया में वर्चस्व की लड़ाई क्या गुल खिलाएगी, यह देखना होगा।