जमशेदपुर।
यह समय बहुत ही अनुकुल है, जब बेहतर कार्य को बेहतरीन तरीके से अंजाम दिया जा सकता है। यह समय देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 125 करोड़ भारतीयों के साथ चलने का है और देश को आगे बढाने का। ऐसे समय में देश के वैज्ञानिकों, अनुसंधान से जुड़े लोग एवं पढ़े लिखे लोगों का महत्व ज्यादा बढ़ जाता है, जो समाज को दिशा देने वाले हैं, उक्त विचार यहां जमशेदपुर स्थित राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (NML) के परिभ्रमण के पश्चात वैज्ञानिकों एवं वहां उपस्थित अनुसंधान से जुड़े तकनीशियनों को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान एवं वी.पी. सीएसआईआर डॉ. हर्षवर्धन ने व्यक्त किया। उन्होने कहा कि यह दौर है कि हमें रुटीन जॉब से बाहर निकलकर प्रोएक्टिव होकर कार्य करें एवं नये जज्बे से कार्य करें। उन्होने कहा कि यहां के गौरवशाली इतिहास को ही हम अपना आधार बना लें तो हम विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी पंक्ति मे खड़े देशों से आगे निकल सकते हैं और उनके बीच और हमारे बीच जो अंतर से उसे पाट सकते हैं, क्योंकि न तो हमारे पास योग्यता की कमी है और ही क्षमता की। डॉ. हर्षवर्धन ने यहां वैज्ञानिकों एवं अन्य सहायकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि निश्चित रूप से बहुत ही कम मानव संसाधन के साथ यहां बड़े बड़े कार्य हुए हैं, जिनकी प्रशंसा की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि आज आजादी के 68-69 वर्ष बाद भी हमारे देश के लोगों मे बहुतों को जो मूलभूत सुविधा है वो भी उपलब्ध नहीं है, इसका समाधान सिर्फ विज्ञान के पास है, क्योंकि विज्ञान ही अपने अनुसंधान को तथ्यपरक व उपयोगात्मक बनाकर आम लोगों तक सुविधाओं की आसान पहुंच बना सकता है।
डॉ. हर्षवर्धन के साथ सीएसआईआर के महाप्रबंधक डॉ. गिरिश साहनी ने भी अपने उद्गार व्यक्त करते हुए यहां एनएमएल सभागार में वैज्ञानिकों एवं अन्य को सम्बोधित किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण एनएमएल के के. मुरलीधरन किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन एन.एम.एल. के वैज्ञानिक डॉ एन.जी. गोस्वामी ने किया।
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