झारखंड लोक सेवा आयोग ने बिहार की चर्चित मेधा घोटाले के तर्ज़ पर झारखंड में ‘मेधा घोटाला’ को दिया अंजाम : कुणाल

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◆ छठे जेपीएससी रिजल्ट में गड़बड़ी के खिलाफ भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने खोला मोर्चा, ट्वीट कर आयोग पर दागे सवाल

◆  क्वालीफाईंग परीक्षा के प्राप्तांक को जोड़कर जेपीएससी ने अंतिम मेरिट लिस्ट कर दी जारी

जमशेदपुऱ।

326 पदों पर नियुक्ति के लिये झारखंड में ली गयी छठी जेपीएससी नियुक्ति परीक्षा की जारी परिणाम में व्यापक अनियमितता हुई है, इसको लेकर झारखंड लोक सेवा आयोग एकबार फ़िर विवादों में घिरी है। परिणाम से छले गये मेधावी परीक्षार्थियों के हित में भारतीय जनता पार्टी ने मुखर होकर विरोध जताया है। भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने जेपीएससी द्वारा छले गये परीक्षार्थियों के हित में आवाज़ उठाया है। कुणाल षाड़ंगी ने ट्विटर पर ट्वीट के माध्यम से झारखंड लोक सेवा आयोग पर रिजल्ट में धांधली करने का आरोप लगाते हुए कहा कि “बिहार की चर्चित मेधा घोटाले की तर्ज़ पर जेपीएससी ने भी मेधा घोटाला को अंजाम दिया है”। युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने इसे मेधावी युवाओं के साथ धोखा करार देते हुए राज्य सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाये है। कहा कि पेपर 01 जो कि क्वालीफाईंग परीक्षा थी उसके अंकों को जोड़कर अंतिम परिणाम जारी कर दिया गया है, जो जेपीएससी के नियमों का ही उल्लंघन है। इसके अलावे यूपीएससी, यूपीपीएससी, बीपीएससी एवं अन्य राज्य सेवा आयोग भी अनिवार्य विषयों के प्राप्तांक को फ़ाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ते हैं। जेपीएससी द्वारा नियम विरुद्ध जारी परिणाम को लेकर परीक्षार्थियों में रोष है, जिन्हें युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने उचित करार दिया है। कहा कि निश्चित ही जेपीएससी ने नियम विरुद्ध और सर्वोच्च न्यायालय के गाइडलाइंस के विरुद्ध फ़ाइनल मेरिट लिस्ट बनाकर सुयोग्य और मेधावी उम्मीदवारों के साथ छल किया है। उन्होंने झारखंड सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया है और युवाओं के साथ सरकार नियोजित धोखा करार दिया।

 

  • कुल 326 पदों के लिए जारी हुई है अंतिम मेधा सूची

 

झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 326 पदों के लिए मेरिट अनुसार फ़ाइनल परिणाम जारी किया है। इन पदों में प्रशासनिक सेवा के 143, वित्त सेवा के 104, शिक्षा सेवा के 36, सहकारिता सेवा के 09, सामाजिक सुरक्षा सेवा के 03, सूचना सेवा के 07, पुलिस सेवा के 06 और योजना सेवा के 18 पद शामिल हैं।

 

  • छठे जेपीएससी परिणाम पर कुणाल षाड़ंगी ने उठाये सवाल

 

छठी जेपीएससी परिणाम में गड़बड़ी के बाद हो रहे विरोध के मध्य कई सवाल उठ रहे हैं। पूर्व विधायक और युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने सवाल उठायें है कि, लॉकडाउन के दौरान आख़िर किस दबाव में रात्रि साढ़े नौ बजे परीक्षा परिणामों को जारी किया गया ? आरोप लगाया कि षड्यंत्र पूर्वक फ़ाइनल रिजल्ट जारी किया गया ताकि लॉकडाउन के कारण परीक्षार्थियों द्वारा विरोध प्रदर्शन ना किया जा सके। कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण राँची रेड ज़ोन एरिया है। जेपीएससी की गड़बड़ी से छले गये प्रतिभागी ना तो राज्यपाल से मिल सकतें है और ना ही उचित फोरम पर विरोध दर्ज़ करा सकतें है। कुणाल षाड़ंगी ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार के संरक्षण में सुनियोजित तरीके से कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जेपीएससी ने मेधावी छात्र छात्राओं के साथ धोखा किया है। उन्होंने जेपीएससी को इस गड़बड़ी के ख़िलाफ़ आंदोलन की चेतावनी दी है।

 

  • उदाहरण

 

– केस स्टडी 01 : झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी अंकतालिका में मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्र-1(क्वालीफाईंग पेपर) के अंक जोड़े जाने के कारण बहुत से अभ्यार्थी अनुत्तीर्ण हो गयें जिन्हें मेरिट के अनुसार उत्तीर्ण होना चाहिए था।

 

– केस स्टडी 02 : मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार के अंकों को जोड़कर जेपीएससी द्वारा कटऑफ { UR- 600, EBC1- 594, BC2- 621, SC- 538, ST- 524 } अंक जारी किया गया था। जबकि EBC1 कैटेगरी में ऐसे अभ्यर्थियों का भी चयन किया गया जिनका प्राप्तांक 593 है।

 

– केस स्टडी 03 : आयोग द्वारा जारी अंकपत्र में PAPER-V के स्थान पर PAPER-lV दर्शाया गया।

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