Jharkhand News :मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन आदिवासी कॉलेज छात्रावास परिसर, करमटोली, रांची में आयोजित सरहुल पूजा महोत्सव में हुए सम्मिलित

मुख्यमंत्री ने पारंपरिक विधि- विधान से पूजा- अर्चना कर राज्य के सर्वांगीण विकास, सुख -समृद्धि और शांति की कामना की, परिसर में सखुआ का पेड़ लगाकर प्रकृति से जुड़े रहने का दिया संदेश

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◆ मुख्यमंत्री ने कहा- पूर्वजों से मिली विरासत, परंपरा एवं संस्कृति को संरक्षित और अक्षुण्ण रखने के साथ और मजबूती देना है

◆ मुख्यमंत्री ने कहा- विद्यार्थियों को बेहतर व्यवस्था देने के लिए छात्रावासों का हो रहा जीर्णोद्धार

● आप सभी को प्रकृति पर्व सरहुल की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं

● झारखंड के बेहतर भविष्य के लिए आने वाले 25 वर्ष को ध्यान में रखकर हमें आगे बढ़ना है

● अपने संकल्पों एवं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हमें निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए – हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड

रांची।

पर्व त्योहारों से हमारी परंपरा, सभ्यता- संस्कृति और आस्था जुड़ी है । इससे जीवन मे उमंग, उत्साह तथा उल्लास का संचार होता है। इसी कड़ी में हम सालों- साल से परंपरानुसार सरहुल पर्व मनाते आ रहे हैं। हमारे पूर्वजों ने इस प्रकति पर्व की परंपराओं को अक्षुण्ण एवं मजबूती दी है। हमें विरासत में मिली इस परंपरा को और आगे ले जाना है। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन आज आदिवासी कॉलेज छात्रावास परिसर, करमटोली, रांची में आयोजित सरहुल पूजा महोत्सव में छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। इस पावन पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री ने यहां पारंपरिक विधि विधान से पूजा- अर्चना कर राज्य के विकास, सुख- समृद्धि एवं शांति की कामना की। मुख्यमंत्री ने परिसर में वृक्षारोपण कर (सखुआ का वृक्ष लगाकर) प्रकृति से जुड़े रहने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य वासियों को सरहुल महापर्व की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि झारखंड के बेहतर भविष्य के लिए आने वाले 25 वर्षों को ध्यान में रखकर योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ना है।

आप सभी के बीच आकर खुशियों को बांटने का मौका मिलता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी कॉलेज छात्रावास परिसर में हर वर्ष धूमधाम से सरहुल का त्योहार मनाया जाता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मुझे यहां आयोजित सरहुल महोत्सव में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यहां आकर आप सभी के साथ खुशियों को बांटने का मौका मिल रहा है । मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यहां हम प्रकृति को संरक्षित रखने और अपनी परंपराओं को लेकर आगे बढ़ने का एक संकल्प लेते हैं। हमारा संकल्प पूरा हो, इस दिशा में हमें सदैव प्रयास करते रहना चाहिए।

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व्यस्तता भरी जिंदगी में अपनी परंपरा एवं सभ्यता- संस्कृति के लिए भी समय निकालें

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी जिंदगी काफी व्यस्त हो चुकी है। लोगों के पास वक़्त कम है, फिर भी विरासत में मिली अपनी परंपरा एवं सभ्यता- संस्कृति से जुड़े रहने के लिए वक़्त जरूर निकालें। यह हमारी आने वाली पीढ़ी की बेहतरी के लिए जरूरी है। इससे आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं और पर्व- त्योहारों का जश्न मिलकर मनाने की अलग ही खुशी मिलती है।

छात्रावासों का हो रहा जीर्णोद्धार

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को बेहतर व्यवस्था देने के लिए सभी छात्रावासों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इस कड़ी में आदिवासी कॉलेज छात्रावास, करमटोली और महिला कॉलेज छात्रावास में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे सिर्फ अपनी पढ़ाई की चिंता करें, बाकी सारी व्यवस्था सरकार करेगी। आप सही दिशा में आगे बढ़े, सरकार आपके साथ खड़ी है।

इस अवसर पर कृषि मंत्री श्रीमती शिल्पा नेहा तिर्की एवं विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन ने भी पारंपरिक विधि- विधान से पूजा- अर्चना कर राज्य के विकास तथा खुशहाली की कामना की।

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