सरायकेला (झारखंड), 25 सितम्बर (BJNN):
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला स्थित एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को एक व्यक्ति को 2019 में चांडिल अनुमंडल के पुड़िसिली गांव में अपने भाई, भाभी और तीन बच्चों की नृशंस हत्या के मामले में मृत्युदंड (फांसी की सजा) सुनाई है।
आरोपी चुन्नू मांझी को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी करार दिया था। सजा पर बहस गुरुवार को हुई, जिसके बाद जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सचिन्द्र नाथ सिन्हा की अदालत ने इस घटना को “दुर्लभतम में से दुर्लभ” करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई।
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फॉरेंसिक रिपोर्ट और गवाही बनीं सबूत
अपर लोक अभियोजक हर्षवर्धन ने बताया कि अदालत ने फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) रिपोर्ट, साथ ही 11 गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी को दोषी माना। अदालत ने दोषी पर ₹20,000 का जुर्माना भी लगाया।
इसके अलावा, दोषी को धारा 427 आईपीसी (50 रुपये या उससे अधिक की क्षति पहुँचाने वाली शरारत) के तहत दो साल की सजा भी सुनाई गई है, क्योंकि उसने पीड़ित परिवार के घर और मोटरसाइकिल में आग लगा दी थी।
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हत्या का कारण: ज़मीन विवाद
घटना को लेकर चुन्नू मांझी के भाई सिधु सोरेन के बयान पर केस दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि 23 फरवरी 2019 को सुबह करीब 4 बजे, चुन्नू मांझी हाथ में कुल्हाड़ी लेकर उनके घर आया और चिल्लाते हुए बताया कि उसने अपने भाई रवि मांझी, उसकी पत्नी कल्पना उर्फ पवतरो, और तीन बच्चों – जितेन्द्र, सुरेश और पुरेश की हत्या कर दी है।
जैसे ही सिधु ने दरवाज़ा खोला, चुन्नू ने उन पर और उनकी मां पर भी कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, और फिर मकान व बाइक में आग लगा दी। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर चुन्नू को गिरफ्तार कर लिया।
अभियोजन के अनुसार, इस हत्याकांड का कारण एक भूमि विवाद था। बेची गई जमीन की रकम चार भाइयों में बांटी गई थी, लेकिन चुन्नू मांझी को लगा कि उसे कम पैसा मिला है, और इसी नाराजगी में उसने नृशंस हत्याएं कर डालीं।

