पटना का इंडिया प्रोटेक्षन कोशेंट राष्ट्रीय औसत 35 के स्तर पर, लेकिन 5 में से सिर्फ 1 व्यक्ति के पास टर्म इंश्योंरेस, मैक्स लाइफ सर्वे से मिली
पटना। देश में निजी क्षेत्र की प्रमुख बीमा कंपनियों में से एक मैक्स लाइफ इंष्योरेंस (’’मैक्स लाइफ/कंपनी’’) ने आज जानकारी दी कि पटना की सिर्फ 55 फीसदी आबादी के पास जीवन बीमा है जिससे इस मामले में षहर की रैकिंग न्यूनतम स्तर पर है। कांतार आईएमआरबी के साथ मिलकर मैक्स लाइफ द्वारा कराए गए ’’इंडिया प्रोटेक्षन कोषेंट’’ सर्वेक्षण के मुताबिक पटना का प्रोटेक्षन कोषेंट 100 में से 35 पर है जो षहरी भारत के राश्ट्रीय औसत 35 के बराबर है। यह त्रिआयामी सर्वेक्षण जीवन बीमा और टर्म इंष्योरेंस के प्रति जागरूकता, खरीदारी, उनके डर, पसंद और पाॅलिसी खरीदने के पीछे के प्रोत्साहन का अध्ययन कर पाॅलिसीधारकों की भविश्य की अनिष्चितताओं का सामना करने के लिए वित्तीय तैयारी का स्तर जांचता है।
वी. विष्वानंद, उप प्रबंध निदेशक, मैक्स लाइफ ने कहाः पटना देेश के सबसे तेज़ी से वृद्धि करते शहरों में से एक है, ऐसे में इसकी वित्तीय सुरक्षा का स्तर हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जीवन में अचानक सामने आने वाली परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए वित्तीय तैयारी की बात आने पर शहर की निराशाजनक स्थिति की जानकारी मिलना वास्तव में चैंकाने वाला था। वृद्धि की ओर बढ़ रहे अन्य शहरों के मुकाबले पटना जीवन बीमा खरीदने वालों की संख्या में मामले में पीछे है, टर्म इंष्योरेंस लेने वालों की संख्या भी काफी कम है जिससे चिंता कुछ हद तक बढ़ जाती है। टर्म इंष्योरेंस वित्तीय सुरक्षा का सबसे सस्ता और सबसे मूलभूत रूप है। ऐसे में लोगों के जीवन की अनिष्चितताओं से अपने परिवार को सुरक्षित बनाने के वास्तविक मूल्य को समझकर जीवन बीमा के प्रति अपने दृश्टिकोण में बदलाव लाने की भरपूर संभावना है। हमें उम्मीद है कि आईपीक्यू सर्वेक्षण से मिली जानकारियां जीवन बीमा को लेकर लोगों के रवैये और व्यवहार में बदलाव लाने में मददगार होंगी।’’
नाॅलेज इंडेक्स में पटना की रैंकिंग काफी अच्छी, लेकिन प्रोटेक्षन कोषेंट पर मिला औसत स्कोर
जहां षहरी भारत का प्रोटेक्षन कोषेंट (0-100 के स्केल पर भविश्य की अनिष्चितताओं को लेकर सुरक्षित और मानसिक तैयारी महसूस करने का स्तर) 35 पर रहा वहीं, पूर्वी भारत का प्रोटेक्षन कोषेंट अपेक्षाकृत रूप से थोड़ा खराब रहते हुए 33 के स्तर पर रहा।
हालांकि, पटना का प्रोटेक्षन कोषेंट 35 राश्ट्रीय औसत के बराबर है और षहर को बेंगलुरू, कोलकाता, जयपुर, पुणे जैसे अन्य षहरों के मुकाबले बेहतर रैंकिंग मिली है।
इसके अलावा 48 के नाॅलेज इंडेक्स स्कोर के साथ एक श्रेणी के तौर पर बीमा के प्रति जागरूकता के मामले में पटना का स्तर पूरे देष (नाॅलेज इंडेक्स स्कोर 39) से काफी अधिक है।
65 फीसदी आबादी को टर्म इंष्योरेंस के फायदों के बारे में पता है लेकिन 5 में से सिर्फ 1 व्यक्ति के पास टर्म इंष्योरेंस
सर्वे से पता चला कि जीवन बीमा खरीदने के 65 फीसदी के राश्ट्रीय औसत के मुताबिक, पूर्वी भारत में जीवन बीमा और टर्म इंष्योरेंस खरीदने वालों की संख्या (क्रमषः 72 और 24 फीसदी) दक्षिण भारत (74 और 24 फीसदी) के मुकाबले कम है जबकि देष के पष्चिमी (क्रमषः 57 और 16 फीसदी) और उत्तरी (क्रमषः 59 और 22 फीसदी) हिस्से से अधिक है।
पटना की सिर्फ 55 फीसदी आबादी के पास जीवन बीमा है जो इसे देष के न्यूनतम बीमित षहरों में से एक बना देता है। टर्म इंष्योरेंस के जागरूकता का स्तर षहरी भारत के जागरूकता के 47 फीसदी के स्तर के मुकाबले 65 फीसदी के उच्च स्तर पर है लेकिन पटना में सर्वे में षामिल महज 22 फीसदी लोगों के पास टर्म इंष्योरेंस है, जिसकी वजह से यह षहर जीवन की अनिष्चितताओं के कारण सामने आने वाली वित्तीय असुरक्षा का मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं है जो इसकी राह में आने वाली बाधाओं को दर्षाता है।
षहर गंभीर बीमारियों का सामना करने के लिए वित्तीय रूप से तैयार नहीं
षहर की 24 फीसदी आबादी का मानना है कि अगर उन्हें कोई गंभीर बीमारी हो जाए तो आर्थिक रूप से मदद करने वाला उनके साथ कोई नहीं होगा। सिर्फ 40 फीसदी लोगों का मानना है कि गंभीर बीमारी परिवार के लिए घातक हो सकती है जबकि 22 फीसदी लोग इसके बारे में सोचते भी नहीं हैं।
पटना के 52 फीसदी लोगों का मानना है कि अगर उन्हें कोई गंभीर बीमारी हो गई और 53 फीसदी लोगों का मानना है कि मृत्यु के मामले में उनकी बचाई हुई रकम एक साल से भी कम समय ही चलेगी। षहर की करीब 24 फीसदी आबादी का मानना है कि उनके पास गंभीर बीमारी की स्थिति में मदद करने वाला कोई नहीं है और 28 फीसदी लोगों का मानना है कि मृत्यु होने पर उनकी मदद के लिए साथ आने वाला कोई नहीं है।
पूर्वी भारत में पुरुशों और महिलाओं के बीच बीमा का काफी अंतर, बचत का तरीका एक जैसा
षहरी भारत में पुरुशों के मुकाबले जीवन बीमा और टर्म इंष्योरेंस खरीदने वाली महिलाओं की संख्या कम है। षहरी भारत में 68 फीसदी पुरुशों के मुकाबले 59 फीसदी महिलाओं के पास जीवन बीमा पाॅलिसियां हैं और सिर्फ 19 महिलाओं के पास टर्म इंष्योरेंस है जबकि 22 फीसदी पुरुशों के पास टर्म इंष्योरेंस है।
सर्वे में यह भी पाया गया कि पूर्वी भारत में पुरुशों और महिलाओें के बीच जीवन बीमा का भारी अंतर है। जहां 67 फीसदी महिलाओं के पास और 74 फीसदी पुरुशों के पास जीवन बीमा है। वहीं, 27 फीसदी के आंकड़े के साथ टर्म इंष्योरेंस लेने के मामले में महिलाएं आगे हैं जबकि 23 फीसदी पुरुशों के पास ही टर्म इंष्योरेंस है।
इस क्षेत्र में महिलाओं की बचत का उद्देष्य मुख्यतः संकेंद्रित है, जहां करीब 71 फीसदी महिलाएं बच्चों की षिक्षा और 44 फीसदी बच्चों की षादी के लिए बचत करती हैं, जबकि 62 फीसदी पुरुश बच्चों की षिक्षा और 35 फीसदी पुरुश बच्चों की षादी के लिए बचत करते हैं।
अन्य क्षेत्रों से उलट पूर्वी भारत के युवाओं के लिए वित्तीय भविश्य, वृद्धावस्था की सुरक्षा के लिए बचत करना प्राथमिकता
सर्वेक्षण में पाया गया कि षहरी भारत के 25 से 30 वर्श आयु समूह के युवा यात्रा, लग्ज़री पर खर्च करते हैं और 43 फीसदी युवा अपने परिवार की सुरक्षा के बारे में सोचते तक नहीं हैं। सिर्फ 44 फीसदी युवा टर्म इंष्योरेंस के बारे में जानते हैं और 17 फीसदी के पास टर्म इंष्योरेंस है। यह पाया गया कि 22 फीसदी भारतीय युवा अपने पास पहले से मौजूद अन्य निवेषों की वजह से जीवन बीमा पाॅलिसी खरीदने के बारे में सोचते भी नहीं हैं।
हालांकि, पूर्वी भारत में युवा सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। इस क्षेत्र के युवा गाड़ी खरीदने (13 फीसदी) या यात्रा करने (15 फीसदी) के बजाय वृद्धावस्था की सुरक्षा (67 फीसदी) या चिकित्सकीय आपातकालीन परिस्थिति या कमाई करने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने के मामले में (क्रमषः 49 और 41 फीसदी) परिवार के लिए बचत करने पर खर्च करते हैं। हालांकि, पूर्वी भारत में 50 फीसदी युवा टर्म इंष्योरेंस के बारे में जानते हैं और सिर्फ 22 फीसदी के पास टर्म इंष्योरेंस है।
कमाई करने वाले की मृत्यु होने पर परिवार की वित्तीय सुरक्षा और गंभीर बीमारी के उपचार के लिए धन की कमी का डर पूर्वी भारत को टर्म इंष्योरेंस के बारे में सोचने के लिए मजबूर करने वाला सबसे प्रमुख डर
सर्वे में पाया गया कि 50 फीसदी से अधिक षहरी भारतीयों के लिए कमाई करने वाले व्यक्ति की मृत्यु से संबंधित सबसे बड़ा डर वित्तीय असुरक्षा और मौजूदा जीवनषैली पर पड़ने वाला प्रभाव है।
इसकी तुलना में यह पाया गया कि पूर्वी भारत के 64 फीसदी लोगों का सबसे बड़ा डर कमाई करने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर परिवार की वित्तीय सुरक्षा से संबंधित है और 62 फीसदी का डर अपनी या परिवार में किसी की गंभीर बीमारी के उपचार के लिए धन की कमी से जुड़ा हुआ है।
मैक्स लाइफ इंष्योरेंस के बारे में ;ूूूण्उंगसपमिपदेनतंदबमण्बवउद्ध
मैक्स लाइफ इंष्योरेंस कंपनी लि. (‘‘मैक्स लाइफ’’/‘‘कंपनी’’), भारत की अग्रणी जीवन बीमा कंपनियों में से एक है और मैक्स फाइनेंषियल सर्विसेज़ लि. तथा मित्सुई सुमितोमो इंष्योरेंस कंपनी लि. का संयुक्त उपक्रम है। मैक्स फाइनेंषियल सर्विसेज़ लि. मैक्स ग्रुप का हिस्सा है, जो एक प्रमुख भारतीय बहु-व्यावसायिक संगठन है, जबकि मितसुई सुमितोमो इंष्योरेंस एमएसएंडएडी इंष्योरेंस ग्रुप का सदस्य है, जो विष्व के अग्रणी बीमाकर्ताओं में से एक है। मैक्स लाइफ इंष्योरेंस का विज़न उसके ग्राहकों के आर्थिक भविश्य को सुरक्षित बनाते हुए सर्वाधिक प्रतिश्ठित जीवन बीमा कंपनी बनना है।
मैक्स लाइफ इंष्योरेंस द्वारा अपने उच्च गुणवत्ता एजेंसी डिस्ट्रिब्यूषन एवं मल्टी-चैनल डिस्ट्रिब्यूषन सहयोगियों के जरिए व्यापक लंबी अवधि बचत, सुरक्षा एवं रिटायरमेंट समाधान पेष किए जाते हैं। पिछले 18 वर्शों के मजबूत ट्रैक रिकार्ड के साथ आर्थिक रूप से स्थिर कंपनी के रूप में मैक्स लाइफ इंष्योरेंस बेहतर निवेष विषेशज्ञता की पेषकष करती है। कंपनी एक मज़बूत ग्राहक-केंद्रित दृश्टिकोण रखती है जो कि आवष्यकता-आधारित सेल्स और बेहतर कर्मचारी समूह के जरिए गुणवत्तापूर्ण सेवा देने पर लक्षित है।
वित्त वर्श 2018-19 के दौरान, मैक्स लाइफ इंष्योरेंस का सकल लिखित प्रीमियम 14,575 करोड़ रुपये रहा और जारी सम एष्योर्ड 7,03,972 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। 31 मार्च, 2019 तक, कंपनी के पास एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 62,798 करोड़ रुपये और रिज़र्व तथा अतिरिक्त पूंजी सहित 2,767 करोड़ रुपये का षेयर कैपिटल था। कंपनी के पास 35 लाख से अधिक ग्राहक हैं, जिन्हें 12,082 कर्मचारियों और 48,522 एजेंट्स एडवाइज़र द्वारा देष भर में स्थित 239 कार्यालयों के जरिए सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
कांतार आईएमआरबी के बारे में
कांतार आईएमआरबी एषिया में बाजार षोध सेवाओं में अग्रणी है। पिछले 50 वर्शों के दौरान कांतार आईएमआरबी ने अपने ग्राहकों के लिए सषक्त वृद्धि योजनाओं के लिए कस्टमाइज्ड समाधान तैयार किए हैं। कांतार आईएमआरबी अनोखे समाधान तैयार कर और कांतार टीएनएस के वैष्विक समाधानों का लाभ उठाकर विभिन्न क्षेत्रों और श्रेणियों में व्यापक सेवाओं की पेषकष करती है। कंपनी के पास विभिन्न अध्ययनों और डेटा अलायंस साझेदारियों की विभिन्न श्रेणियों में समृद्ध डेटा परिसंपत्ति भी है। अपनी बहुआयामी और बहु-सांस्कृतिक कार्यबल के साथ कांतार आईएमआरबी बाजार शोध और सलाहकार सेवाओं में अग्रणी है।
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