jamtara today news -पेट्रोलियम हाइक ने निर्माण जगत को भी किया प्रभावित, कारोबार में आई 50% की गिरावट

1,131

जामताड़ा।
पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्यवृद्धि ने हर क्षेत्र को प्रभावित कर दिया है। निर्माण जगत पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। डीजल के मूल्य वृद्धि के कारण निर्माण कार्य से जुड़े छड़, सीमेंट, पेंट, मार्बल, टाइल्स सहित विभिन्न स्टील प्रोडक्ट की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। जिससे सरकारी योजनाओं पर भी गहरा असर पड़ा है। विशेषकर प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों में मायूसी देखी जा रही है। वहीं निर्माण सामग्री बेचने वाले व्यवसायियों में भी हताशा देखा जा रहा है। एक सर्वे की मानें तो अक्टूबर महीने के पहले पखवाड़े में स्टील प्रोडक्ट पर ₹7500 प्रति टन का इजाफा हुआ है। वही टीएमटी बार की कीमत में ₹2000 प्रति टन की बढ़ोतरी हुई है। जिससे व्यवसाई भी सकते में आ गए हैं।

फीका पड़ सकता है दीवाली की रौनक, पेंट की कीमत भी बढ़ी:
बता दें कि दुर्गा पूजा अभी बीता है और दीपावली नजदीक है। ऐसे में लोग घरों के मरम्मत, रंग रोगन इत्यादि कार्य करवाने की तैयारी कर रहे थे। जिनका पूर्व से निर्माण कार्य चल रहा था वह इस मौके पर उसको पूर्ण करने के प्रयास में लगे हुए थे। लेकिन अक्टूबर महीने में जैसे-जैसे पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि हुई निर्माण कार्य से जुड़े सामग्री के कीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि होनी शुरू हो गई। जिससे लोगों का हिम्मत जवाब देने लगा है। व्यवसाय से जुड़े लोगों की मानें तो पेंट के कीमत में 12 से 13% तक की वृद्धि हुई है। वही टाइल्स के कीमतों में प्रति पैकेट 50 से ₹60 तक का इजाफा हुआ है। जबकि ट्रांसपोर्टिंग बढ़ने के कारण मार्बल के कीमतों में भी 10% तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है। वही सबसे महत्वपूर्ण सामग्री सीमेंट की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। प्रति बैग 30 से ₹40 सीमेंट पर बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में जिंदल कंपनी का छड़ प्रति क्विंटल 7500 रुपए है तो टाटा के छड़ की कीमत प्रति से ₹8100 प्रति क्विंटल है। जबकि लोकल गिरिडीह, दुर्गापुर आदि में बनने वाले कंपनियों के छड़ की कीमत ₹6400 से ₹6800 प्रति क्विंटल हो गया है।

आधे पर सिमट कर रह गया है बाजार:
रही बात व्यवसायियों की तो बाजार पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। छड़ सीमेंट व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों का मानना है कि कोरोना के कारण व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया था। उसके बाद स्थिति धीरे-धीरे संभलने लगी थी। लेकिन पेट्रोलियम हाइक के कारण व्यवसाय प्रभावित हुआ है और बाजार में 50% तक की गिरावट आ गई है। लोगों ने निर्माण कार्य की गति धीमी कर दी है। जिसका असर व्यवसाय पर पड़ने लगा है।

क्या कहते हैं व्यवसायी: स्टील प्रोडक्ट की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई है। पेट्रोल और डीजल बढ़ने के कारण ट्रांसपोर्टिंग का खर्च बढ़ गया है। जिसका सीधा असर निर्माण कार्य से जुड़े सामग्रियों के कीमत पर पड़ा है। सीमेंट, पेंट, मार्बल, टाइल्स सहित अन्य चीजों की कीमतों में 10 से 15% तक का इजाफा हो गया है। जिस तरीके से पेट्रोलियम पदार्थ की कीमत बढ़ रही है इससे कीमत और बढ़ने की संभावना है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More