JAMTARA TODAY NEWS-कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कार्यकारी एजेंसी ने शुरू किया पुलिस लाइन का निर्माण कार्य, विभाग के आदेश पर कोर्ट ने लगायी स्टे

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जामताड़ा।
जामताड़ा जिला में पुलिस लाइन का निर्माण कार्य कर रहे कार्यकारी एजेंसी एनपीसीसी ने हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एक बार फिर से काम करना शुरू कर दिया है। भवन का निर्माण कार्य जारी है, मंगलवार को कार्यस्थल पर लेबर और मिस्त्री काम करते नजर आए। बता दें कि कार्यकारी एजेंसी को गुणवत्ता की अनदेखी करने पर समय सीमा में कार्य पूरा नहीं करने को लेकर पुलिस हाउसिंग बोर्ड ने उनके कार्य को रिसाइन कर दिया था। साथ ही डिवार और ब्लैक लिस्टेड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके साथ ही कार्यकारी एजेंसी को तत्काल काम बंद करने और कार्यस्थल को खाली करने का आदेश भी दिया था। बता दें कि बीते 4 अक्टूबर को हाउसिंग बोर्ड के इंजियरिंग टीम ने कार्य का अंतिम मापी लिया था। संवेदक को भी मापी के दिन बुलाया गया था लेकिन कार्यकारी एजेंसी का कोई प्रतिनिधि वहां नहीं पहुंचा था। बोर्ड की ओर से दिए गए आदेश के आलोक में कार्यकारी एजेंसी द्वारा न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया। जहां से एजेंसी ने स्टे आर्डर ले लिया और दोबारा कार्य प्रारंभ कर दिया है।

दो वर्ष में करना था पूरा काम, 1100 दिन में हुआ मात्र 18% काम:
बता दें कि वर्ष 2018 के सितंबर महीने में कार्यकारी एजेंसी का एग्रीमेंट हुआ था। जिसे 7 सितंबर 2020 तक निर्माण कार्य पूरा कर विभाग को हैंडओवर करना था। लेकिन 1100 दिन बीत जाने के बाद भी एजेंसी मात्र 18% ही कार्य कर पाई थी। वहीं किए गए कार्य में लापरवाही भी बरती गई थी और गुणवत्ता को अनदेखी किया गया था। जिसे लेकर हाउसिंग बोर्ड ने सरकारी एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की थी। शेष 82 प्रतिशत काम होना अभी बाकी है। विदित हो कि लगभग 50 करोड़ की लागत से पुलिस लाइन का निर्माण कार्य होना था। जिसमें एजेंसी को अब तक 7 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

यह है मामला:
बता दें कि बीते 10 जून को जामताड़ा एसपी के द्वारा पुलिस मुख्यालय को पुलिस लाइन में भवन निर्माण कार्य जल्द कंप्लीट करवाने का गुहार लगाया गया था। संवेदक की ओर से काम में मनमानी की जा रही थी। एसपी के पत्र के बाद बीते माह हाउसिंग बोर्ड के एमडी अजय कुमार सिंह निरीक्षण करने पहुंचे और उस दौरान उन्होंने भी स्थिति को देख जल्द कार्रवाई करने की बात कही थी। एनपीसीसी एजेंसी के द्वारा काम में कोताही बरतने और घटिया सामग्री इस्तेमाल करने की शिकायत हाउसिंग बोर्ड को मिली थी। कार्यपालक अभियंता के पत्र के आलोक में एसपी ने 24 सितंबर को अवैध निर्माण काम को पूर्ण रुप से बंद करवा दिया था। साथ ही संवेदक को कार्यस्थल को खाली करने का आदेश दिया गया था। साथ हीं फाईनल मापी किए जाने को लेकर एजेंसी को नोटिस किया गया था और कार्य स्थल पर उपस्थित रहने को कहा गया था। उसके बाद अंतिम माफी के लिए हाउसिंग बोर्ड की चार सदस्यीय टीम 3 अक्टूबर को जामताड़ा पहुंची और 4 अक्टूबर सोमवार को फाइनल मापी किया। जिसमें मात्र 18% काम होने की पुष्टि कार्यपालक अभियंता रवि चौधरी ने की थी।
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता:
कार्य में डिलेय और खराब गुणवत्ता के कारण कार्यकारी एजेंसी एनपीसीसी का कार्य रिसाइन कर दिया गया था और डिबार व ब्लैक लिस्टेड की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस संदर्भ में मुख्यालय से एजेंसी को आदेश भी दिया गया था। जिसके आलोक में वे कोर्ट गए और स्टे लिया है। विभाग ने न्यायालय में अपना पक्ष नहीं रखा है। न्यायालय ने दिसंबर के पहले सप्ताह में सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है। उस समय विभाग अपना पक्ष कोर्ट में रखेगी।

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